
फसल में गंधक (सल्फर) की कमी के क्या लक्षण है, इसका महत्व क्या है? Publish Date : 21/02/2025
फसल में गंधक (सल्फर) की कमी के क्या लक्षण है, इसका महत्व क्या है?
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु
गंधक की कमी के कारण फसल में आने वाली नई पत्तियां पीले हरे रंग की हो जाती है। यदि इसकी कमी बहुत अधिक हो तो पूरा पौधा पीले हरे रंग का हो जाता है। पत्तियों व तने में बैंगनीपन आ जाता है। पौधे व पत्तियां छोटी रह जाती हैं।
गंधक पौधों में एंजाइम तथा विटामिन के निर्माण में सहायक होता है।
- दलहनी में यह जड़ों की ग्रंथी निर्माण के लिये आवश्यक है जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण करती है।
- तिलहनी फसलों में यह बीज में तेल बनने की क्रिया के लिये आवश्यक है।
- सरसों, प्याज व लहसुन में उनकी प्राकृतिक गंध गंधक के कारण ही रहती है।
- भूमि के कणों व पौधों के बीच पानी के संतुलन बनाने में गंधक का योगदान रहता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।