टॉप बोरर पहचान और बचाव      Publish Date : 14/05/2025

टॉप बोरर (Scirpophagaexcerptalis) की पहचान और बचाव

                                                                                                                                         प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

एक वर्ष में जनरेशन (C:M): पांच

(1) पहली पीढ़ी का वयस्क (कीट) फरवरी में दिखाई देता है।

(2) दूसरा ब्रूड मॉथ अप्रैल में प्रकट होता है।

(3) जून में तीसरा पीढी आती है।

(4) अगस्त में चौथी पीढ़ी।

(5) सितंबर में पांचवां पीढ़ी।

कीट का ’जीवन चक्र’:

                                              

औसतन 7-10 दिन अंडे की अवधि होती है और 7-10 दिन प्यूपा अवधि होती है और लार्वा अवधि लगभग 35-40 दिन होती है। इस प्रकार, औसत ब्रीड अवधि लगभग 54-60 दिनों की होती है।

तीसरी पीढ़ी (ब्रूड) जो जून में होती है और अधिक हानिकारक होती है, क्योंकि इस समय गन्ना बनना प्रारंभ हो जाता है। प्रभावित फसल में मिल योग्य गन्ने नहीं बनते और शीर्ष भाग में आँखों के जमने से गुच्छा बन जाता है। प्रभावित फसल में 20-25 प्रतिशत तक पैदावार में नुकसान होता है, साथ ही साथ चीनी परता भी प्रभावित होता है।

टॉप बोरर की मादा कीट के पिछले भाग में लाल/नारंगी रंग के बाल होते हैं। मादा कीट द्वारा अंडे गन्ने की पतियों की निचली सतह पर मध्य शिरा के समानांतर दिए जाते हैं। एक मादा कीट 46-216 अंडे दे सकती है।

कीट का ’प्रबंधन’

                                      

(1) पहली और दूसरी पीढ़ा की अवधि के दौरान अंडे और टॉप बोरर द्वारा प्रभावित पोधो को जमीन की सतह से काट कर नष्ट कर दे।

(2) अप्रैल के अंतिम सप्ताह से 30 मई तक ’कोरजेन’ (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18 प्रतिशत)/150 मिली/एकड़ को 400 लीटर पानी में मिलाकर रूट ज़ोन में डालें। कीटनाशक डालने के तुरन्त बाद हल्की सिंचाई अवश्य करनी चाहिए।

कीट के ’जैविक नियंत्रण’ हेतु

(3) ट्राइकोग्रामा जैपोनिकम 50,000 वयस्कों/हेक्टेयर की दर से 7-10 दिनों के अंतराल पर जून-जुलाई में छोड़ा जाना चाहिए।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।