नई स्किल प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग की देश में बढ़ रही है मांग Publish Date : 02/03/2024
नई स्किल प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग की देश में बढ़ रही है मांग
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस चैटबॉट्स ऐसे ही यूजर्स के लिए जानकारियों को पेश नहीं कर देता है बल्कि इसके पीछे प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स की बेहतर सूझबूझ काम करती है। एआई की इस नई स्किल को इस साल की सबसे अहम स्किलस में शामिल किया गया है। किसी चैटबॉट के माध्यम से अपनी जरूरत के अनुसार इंक्वायरी, जेनरेटिव एआई के माध्यम से कोई औपचारिक कंटेंट लिखना, मशीन ट्रांसलेशन से सटीक अनुवाद आदि वर्चुअल दुनिया में कोई जादू नहीं है। वास्तव में, इन खास कामों में प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग का स्किल एक अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग को टेक की दुनिया में इस साल का सबसे ज्यादा अपेक्षित स्किल में शामिल किया जा रहा है। जैसे-जैसे मशीन लर्निंग और एआई की दुनिया बढ़ती जा रही है ठीक वैसे-वैसे इंटरएक्टिव मशीन का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है। बीते साल के दिसंबर में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक चैबॉट्स का ग्लोबल बाजार 18 खरब अमेरिकी डॉलर से कहीं ज्यादा का होगा।
क्या है प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग
किसी भी लैंग्वेज मॉडल से अपनी जरूरत के अनुसार उत्तरों का सटीक नतीजा पाना है तो यह जरूरी है कि वह मॉडल केवल आपके प्रश्न में प्रयुक्त शब्दों के सही अर्थ ही न समझे, बल्कि इसका लक्ष्य उसमें छिपी अर्थ आदि को भी समझना होता है।
प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग, दरअसल लैंग्वेज मॉडल यानी कंवरसेशनल एआई, जैसे गूगल जैमिनी, चैटजीपीटी, बिंग चैट, जैस्पर चैट और परप्लेक्सिटी आदि एआई चैटबॉट को यूजर के लिए सटीक नतीजे पेश करने में सक्षम बनाने की एक तकनीकी होती है। इसलिए प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स एलएलएम यानी बॉड़ी लैंग्वेज मॉडल के लिए बेहद अहम होती है। वह इसकी क्षमता को आधिक से अधिक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वहीं अब अधिकतर वाणिज्यिक संस्थान विविध उद्देश्यों के लिए इन मॉडल्स का लाभ उठाना चाहते हैं, क्योंकि उक्त रिपोर्ट बताती है कि वह चैटबॉट्स कस्टमर केयर में होने वाले निवेश को कई गुना तक कम कर देते हैं और उपभोक्ताओं को भी यह बेहद पसंद आ रहे हैं।
इसलिए इससे संबंधित नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के विविध काम जैसे अनुवाद, टेक्स्ट को छोटा करना और प्रश्न के उत्तर आदि के लिए एल्गोरिदम तैयार करने में भी प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग का ही उपयोग किया जाता है। क्रिएटिव राइटिंग के प्रयोग धर्मी तरीकों को डेवलप करना, विभिन्न प्रोसेसिंग लैंग्वेज के लिए कोडिंग करना और बड़े लैंग्वेज मॉडल का उपयोग करने वाले नए उत्पादों व सेवाओं के विकास में इसकी जरूरत पड़ती ही है।
क्या होगा काम
इसके अन्तर्गत आप इस तरह के काम करने का मौका इस तकनीक के माध्यम से पा सकते हैं-
- एआई प्रॉम्प्ट्स यानी निर्देश पढ़ना ताकि यूजर को उसके इच्छित नतीजे मिल सके।
- जटिल या दोहराव वाले के कामों के लिए ऐप्स अथवा सॉफ्टवेयर आदि में एआई प्रॉम्प्ट्स को एंबेडेड करना।
- एआई सिस्टम के प्रदर्शनों की निगरानी करना।
- टीम के वर्कफ्लो में एआई चैटबॉट को इंटीग्रेटेड करना।
- अलग-अलग विशेषज्ञ टीम के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट तैयार करना।
- एआई के माध्यम से मिले आउटपुट या सामान्य भाषा में कहे तो प्रक्रिया में कमियो की समीक्षा करना और प्रॉम्प्ट्स (निर्देशों) को उसके अनुसार बेहतर करना।
- विविध प्रॉम्प्ट्स और उस पर लैंग्वेज मॉडल की प्रतिक्रिया में छपी नैतिकता, सांस्कृतिक संवेदनशीलता, न्यायधर्मिता और पूर्वाग्रहों आदि के नजरिए से उनका विश्लेषण करना।
- विविध प्रॉम्प्ट्स के साथ प्रयोग करते हुए एआई से प्राप्त प्रतिक्रिया या नतीजों का परीक्षण और उनका विश्लेषण करना आदि।
इस स्किल का कहां पर होता है उपयोग
इस प्रकार के लैंग्वेज मॉडल को अब मार्केटिंग, एजुकेशन, फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स और हेल्थ केयर जैसे कई उद्योग में उपयोग किया जा रहा है। एआई कॉन्टेक्ट रिव्यू फॉर्म्स, एआई मार्केटप्लेस, ई-कॉमर्स सेक्टर और वेब कंटेंट बनाने वाली वेबसाइट्स आदि में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एडटेक, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, मैनेजमेंट एंड कंसलटिंग, बायोटेक, फार्मास्यूटिकल्स, वेब सर्विसेज, एआई व उभरती तकनीक के क्षेत्र आदि को भी इस स्किल की आवश्यकता होती है। वर्तमान में यह एक ग्लोबल स्तर पर उपयोगी स्किल है, इस क्षेत्र में फुल टाइम के साथ ही पार्टटाइम फाइनेंसिंग और कंटेंट आधारित अवसर भी प्राप्त होते हैं।
कोर्स के क्या है उपयोगी क्षेत्र
डीप लर्निंग, एआई
यूडेमी, कोर्सेरा
डाटाकैम्प डॉट कॉम
(निशुल्क कोर्स है यह)
प्रॉम्प्ट डॉट-को (सशुल्क कोर्स)
काम को ऑनलाइन दर्शाए
वर्तमान समय में कंपनियां अकसर ऑनलाइन ही अपने उम्मीदवारों पर सर्च करती हैं। इसलिए अपनी ऑनलाइन उपस्थिति को दमदार बनाएं रखना अनिवार्य है। प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट और अपनी प्रोफेशनल अपडेट आदि को बढ़िया रखें।
यह उपयोगी कोर्स भी कर सकते हैं-
Prompt Engineering for ChatGPT (Vanderbilt University Corsera)
प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग गाइड (Learn Pompting)
Prompt Engineering for Developers : ChatGPT
प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग पर चैट जीपीटी एच-एजुकेटेड
चैट जीपीटी प्रॉम्प्ट् इंजीनियरिंग फॉर डेवलपर्स: (डीप लर्निंग)
एआई एप्लीकेशंस एंड प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग: Udemy etc.
इनको कहां पर खोजें
सामान्य जॉब साइट्स जैसे लिंकडइन, इन्डीड, साइट्स जैसे टोपटेल, अपवर्क और फॉइवर आदि।
प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग की जॉब साइट्स जैसे प्रॉन्प्टली हायर्ड एंड प्रॉन्प्ट जॉब्स।
एआई मशीन लर्निंग और डाटा साइंस की करियर साइट्स जैसे एआई जॉब्स एंड जॉबलिस्ट-एआई आदि।
नौकरी के बारे में दी गई जानकारी विस्तार से पढ़ें। कई बार इस स्किल की नौकरी का नाम कुछ अलग भी हो सकता है। इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से अपनी तैयारी रखें और उसके बारे में पूर्णता से जानकारी रखना भी जरूरी होता है।
क्या हो सकते हैं पदनाम
प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग के जॉब टाइटल अलग-अलग भी हो सकते हैं। ऐसे में आपको विविध जॉब साइट्स पर सिर्फ इस सर्च वर्ड के साथ ही जॉब सर्च नहीं करनी चाहिए, बल्कि कुछ और सर्च शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। जैसे चैटजीपीटी प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग, टेक्स्टेड प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग, रिमोट प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग जॉब्स, एआई प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग आदि। इसके अलावा मशीन लर्निंग, एआई, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और डाटा साइंस के विभिन्न जॉब टाइटल में भी देखे जा सकते हैं।
क्या हो आपकी राह
- इस क्षेत्र में कार्य करना है तो कंप्यूटर साइंस, इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी अथवा संबंधित क्षेत्र में बैचलर डिग्री होनी चाहिए।
- मशीन लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज, प्रोसेसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि के कोर्स करें।
- एलएलएम यानी लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर काम करने का अनुभव प्राप्त करें। इसके लिए कापॉन में भागीदारी कर सकते हैं या किसी निजी प्रोजेक्ट पर भी काम कर सकते हैं और इंटर्नशिप भी कर सकते हैं।
- प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग से जुड़े लोगों के साथ संपर्क बनाएं। इसके लिए इंडस्ट्री और इस कार्यक्षेत्र से जुड़े आयोजनों में भी भाग लें, जिससे आप इस क्षेत्र के बारे में और अधिक अच्छा कार्य कर सकेंगे।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।