करियर में यह चीजें रोक सकती हैं उम्मीद्वार की उड़ान      Publish Date : 16/02/2024

              करियर में यह चीजें रोक सकती हैं उम्मीद्वार की उड़ान

                                                                                                                                                                      प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

आप चाहे ग्रेजुएट्स हों या फिर कामकाजी, आय और करियर को लेकर कुछ भ्रामक सोच के शिकार अक्सर हो ही जाते हैं। यहां हम करियर से जुड़े कुछ ऐसे मिथकों के बारे में बात कर रहे हैं और साथ ही उनके प्रति आपका सही नजरिया क्या होना चाहिए, यह भी बता रहे हैं, हमारे विशेषज्ञ-

नौकरी की तलाश हो, या फिर करियर के चुनाव का समय या कामकाजी जीवन, हम कुछ गलत धारणाओं के चलते कई बार गलत निर्णय कर बैठते हैं और अपने करियर में उतनी ऊंचाई पर नही पहुँच पाते, जिसके हम योग्य होते हैं। गलत धारणाएं, जैसे टेक्सास यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार यहाँ अधिकतर युवा यह मानते है कि सफलता की एकमात्र राह इंजीनियरिंग, मेडिकल अथवा लॉं के क्षेत्रों से ही होकर जाती हैं।

अपने प्रस्तुत लेख में हम ऐसे ही कुछ करियर मिथकों और उनके प्रति सही नजरिए के बारे में बात कर रहे हैं-

सपनों की नौकरी खुशी देगी

वास्तविकता : एक अध्ययन के अन्तर्गत 94 फीसदी ऐसे लोग, जिन्होंने अपने सपनों की नौकरी पा ली थी, ज्यादा खुश निकले। लेकिन यह भी एक सत्य है कि नौकरी को लेकर हमारे सपनों में बदलाव होते ही रहते हैं।

आमतौर पर 05 से 10 फीसदी मात्र होती है, सफलता की दर बैंक या एसएससी जैसी परीक्षाओं में

सही नजरियाः विभिन्न शोध बताते हैं कि नौकरी के मामले में हम अधिकतर तुलना में रहकर ही निर्णय लेते हैं। ऐसे में हम उन लोगों की ओर देखते हैं जिनके पास हमसे अधिक है। इसके बजाय, यदि हम यह सोचें कि इनमें से कौन सा अवसर हमें उस प्रकार का व्यक्ति बनने में मदद करेगा जैसा कि हम बनना चाहते हैं। पैसा और पोजीशन उच्च स्तर की संतुष्टि या प्रेरणा के बारे में कुछ भी निश्चित नहीं करते।

साइंस, टेक्नोलॉजी, मैथ्स के क्षेत्रों के काम उच्च योग्यता के लिए हैं

वास्तविकताः यदि हम कोर स्किल को छोड़ दें, तो यह किसी भी योग्य युवा के लिए हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि नॉन साइंस पृष्ठभूमि के ऐसे युवा, जिन्होंने कोडिंग में अपस्किलिंग की, अपेक्षाकृत उनकी आय में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई।

सही नजरिया : अब इन फील्ड में स्किल आधारित कई ऐसी नौकरियां बनी हैं, अपना जिनमें करियर स्विच किया जा सकता है। जैसे बिजनेस के छात्र प्रोडक्ट मैनेजमेंट, डेटा एनालिसिस आदि में जा सकते हैं। तो ऐसे ही ह्यूमैनिटी का युवा अपस्किलिंग के माध्यम से डिजिटल बैंकिंग, यूएक्सयूआई डिजाइनिंग डेवलपमेंट ऑपरेशंस आदि के क्षेत्र में भी जाया जा सकता है। कुछ सॉफ्ट स्किल्स जैसे विश्लेषण क्षमता, रचनात्मकता इसके लिए अनिवार्य शर्त हैं।

जो जुनून हो, उसे करियर बनाना सफलता देगा

वास्तविकताः जुनून से आंख मूंदकर जुड़ना करियर को असुरक्षित बना सकता है। फिर जुनून आपके अहं से सीधे तौर पर जुड़ा होता है। यह लोगों के साथ काम करने में बाधा भी बनता है। जॉब के मंत्र अलग हैं। जैसे डिजाइनिंग योर लाइफ के लेखकों ने पाया कि जॉब कर रहे 80 प्रतिशत लोगों में या तो कोई जुनून नहीं था और यदि थे भी तो वे बहुत सारे थे।

सही नजरिया : जुनून निश्चित रूप से आपको आपके काम से जोड़ेगा, लेकिन इसके बारे में अपने दोस्तों, प्रोफेसर्स, पूर्व सहकर्मियों से भी पूछें कि उन्होंने कब आपको सबसे अच्छे फॉर्म में देखा। अपने पैशन के बारे में जानने का यह भी एक अच्छा तरीका है।

अपना काम करके मैं ज्यादा कमाऊंगा और खुश रहूंगा

वास्तविकताः कफमैन फाउंडेशन की एक रिपोर्ट की मानें, तो केवल 50 फीसदी नए व्यापार शुरुआती पांच साल की चुनौती सहन कर पाते हैं।

सही नजरियाः सबसे पहले इस बात पर विचार करें कि अपने बिजनेस में होने वाली मेहनत, और अनिश्चितताओं आदि के लिए आप पहले से ही तैयार हैं या नहीं। इसकी शुरुआत आप अपने इच्छित काम से पार्टटाइम जुड़कर करें। ताकि आपको यह समझ आ जाए कि यह आपको वह सब दे पाएगा, जो लक्ष्य कर रहे हैं।

नेटवर्किंग-मेंटरिंग केवल करियर की शुरुआत में चाहिए होती है

वास्तविकताः यह पूरी करियर लाइफ के लिए जरूरी होते हैं।

सही नजरिया: नेटवर्किंग और मेंटरिंग जॉब बदलने, आगे बढ़ने आदि हर तरह के मौकों में आपको मार्गदर्शन देती है। ये समस्या का हल नहीं बताते, लेकिन आपको जॉब मार्केट में लगातार आगे बढ़ने में मददगार होते हैं।

सरकारी नौकरी सुरक्षित विकल्प है

वास्तविकताः दरअसल, इसे लक्ष्य बनाने से पहले कुछ बिंदुओं पर गौर जरूर करें, जैसे ऑटोमेशन के कारण कुछ नौकरियों का रूप बदलना, महकमों का निजीकरण होना, कुछ नया करने के सीमित मौके, प्रमोशन और आय वृद्धि की धीमी गति और गजब की प्रतियोगिता। ऐसे में भले ही जॉब ना जाने की गारंटी हो, लेकिन इसे पाना एकदम आसान नहीं है।

सही नजरियाः विविधता सुरक्षा लाती है। किसी भी एक चीज के भरोसे रहना आज की कामकाजी दुनिया का चलन नहीं है। करियर की सुरक्षा चाहिए, कई स्किल्स से खुद को अपडेटेड रखें। किसी भी दौर में नौकरी लायक बनना आपके भविष्य की सुरक्षा की गारंटी है।

अच्छे प्रदर्शन के लिए सब कुछ भूलना होगा

वास्तविकताः करियर के संदर्भ में 2022 के एक अध्ययन की मानें तो सिर्फ काम में खुद को झोंक देने पर आप दूसरों की तुलना में तनावग्रस्त रहेंगे और आपकी रचनात्मकता भी कम होगी।

सही नजरियाः यह नजरिया आपके कार्य की गुणवत्ता पर असर डालता है और उत्पादकता भी कम कर सकता है। बीते दो-तीन सालों से नौकरीशुदा जीवन में संतुलन लाने पर जोर दिया जा रहा है। यह किसी भी काम को करने का सही तरीका है। एप्लाइड साइकोलॉजी के एक अध्ययन के अनुसार लंबे घंटों तक काम करने वाले कर्मचारियों में अवसाद से ग्रस्त होने की संभावना तुलनात्मक रूप से ज्यादा होती है।

कुछ आंकड़े बढ़ाएंगे आपकी समझ

  • एक वित्तीय अखबार के अनुसार, 20.3 फीसदी बढ़ा निजी क्षेत्र में कंपेनरेशन 2020 से 2022 तक जबकि सरकारी क्षेत्र में वृद्धि 12.5 फीसदी रही।
  • विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, 100 में से 01 या 02 प्रतिशत ही सफलता दर होती है आईएएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में और 4.2 वर्ष औसतन एक शख्स रुकता है अपनी नौकरी में।
  • एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 69 प्रतिशत फ्रीलांसर्स ने बड़ी प्रतियोगिता की चुनौती की बात कही।

नौकरी के लिए मुझे विज्ञापन की हर शर्त पर योग्य उतरना होगा

वास्तविकता: लिंक्डइन की एक ताजा अध्ययन के अनुसार 85 फीसदी नियोक्ता शुरुआती नौकरियों में सॉफ्ट स्किल्स को वरीयता देते हैं। एक अन्य अध्ययन का कहना है कि 2025 तक रचनात्मकता, लोगों का मैनेजमेंट, क्रिटिकल चिकिंग जैसे स्किल सबसे ज्यादा डिमांड में होंगे।

सही नजरिया: नौकरी के विज्ञापनों में सूचीबद्ध कुछ कौशल बहुत विशिष्ट हो सकते हैं और नियोक्ताओं के लिए सटीक फिट टूढना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसीलिए यदि आप यह जताने में सक्षम हो जाते हैं कि आपके पास अन्य शानदार सपोर्टिंग स्किल्स है, तो इंटरव्यू के लिए बुलावा आने की संभावना बनती है। यदि आपको यह एक शानदार मौका लगता है, तो सही तरीके से अपने स्किल बताते हुए आवेदन जरूर करें।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।