लेखक बनने के लिए पढ़ने की आदत डालें      Publish Date : 30/01/2024

                         लेखक बनने के लिए पढ़ने की आदत डालें

                                                                                                                                                                            डॉ0 आर. एस. सेंगर

                                                                          

एक प्रसिद्ध अमेरिकी नागरिक और बहिमुखी प्रतिभा के धनी बेंजामिन फ्रैंकलिन ने एक बार कहा था, ‘‘मरने के बाद यदि आप चाहते हैं कि लोगों द्वारा जल्दी भूल न जाएं, तो आप कुछ ऐसा लिखें जो पढ़ने लायक हो या कुछ ऐसा करें जो लिखने के लायक हो।’’ उपर्युक्त कथन से मानव जीवन में लिखने की कला का महत्व किसी आईने की तरह साफ हो जाता है। किसी भी भाषा के विद्या में लिखने की कला को सबसे कठिन काम माना जाता है।

वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नों के उत्तर के साथ व्यक्तिगत जीवन में भी लिखने में शुद्धता और सटीकता काफी मायने रखती है। इसलिए शुद्ध रूप से अपने लेखन कौशल को विकसित करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान देना अति आवश्यक है।

लिखते समय ध्यान दें कि छोटे वाक्यों में और स्पष्ट लिखें

जब भी आप कोई आलेख तैयार करने जा रहे हैं तो कोशिश करें कि साधारण शब्दों का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि भारी भरकम शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्ति स्पष्ट नहीं हो पाती। इसके अतिरिक्त जहां तक संभव हो सकें छोटे-छोटे वाक्य ही लिखने का प्रयास करें। छोटे वाक्यों में लिखने से आपके कंटेंट को समझना आसान हो जाता है।

इसके साथ ही व्याकरण की गलतियां रहने की भी कोई संभावना शेष नहीं रह जाती है, इसलिए छोटे वाक्य खिें और शब्दों का चयन ठीक ढंग से करें।

पैराग्राफ बनाकर लिखे

लिखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पैराग्राफ लिखें और कोशिश करें कि पैराग्राफ छोटे ही हों, क्योंकि लेखन के लिए बड़े पैराग्राफ अच्छे नहीं माने जाते। इस सम्बन्ध में एक बेसिक नियम यह भी है कि हर नई बात को रखने के लिए एक नए पैराग्राफ की शुरुआत करें और जहां तक संभव हो एक्टिव वॉइस में ही लिखने का प्रयास किया जाना चाहिए।

नई जानकारी और विचारों को अपने लेखन में उचित महत्व दें

                                                                         

अपने लेखन के दौरान इस बात का ध्यान रखें की जो भी नए विचार हैं उनको शामिल करें और लेखन को आकर्षक बनाने के लिए लेख में महापुरुषों की सूक्तियां को भी डालने का प्रयास करें और उन्हें दोहराएं नहीं, क्योंकि दोहराए गए विचार लेख को नीरस बना देते हैं। लेकिन स्पष्ट अच्छे जो सूक्तियां हैं उनका संग्रह करें और जब आवश्यकता हो तो उनका उपयोग अवश्य करें, इसके अतिरिक्त पाठकों को घुमाएं नहीं। आप जो कुछ भी अपने लेख के माध्यम से कहना चाहते हैं उसे साफ और स्पष्ट शब्दों में लिखने का प्रयास करें और जब तक अनिवार्य न हो विदेशी भाषा के शब्दों का प्रयोग करने से बचे। लेखन करते समय, शब्दों के चयन पर विशेष ध्यान दें और केवल सटीक और उचित शब्दों का ही लेखन में समावेश करनें का प्रयास करें।

लेखन के बाद अपने लेख की प्रूफ रीडिंग भी आवश्यक रूप से करें

किसी भी लेख का महत्व तब और अधिक बढ़ जाता है, जब आप उसकी सही ढंग से एडिटिंग एवं प्रूफ्रेडिंग भी करते हैं। इसलिए लेख लिखने के तुरंत बाद सबसे पहले अपने लिखे हुए टेक्स्ट की ध्यानपूर्वक एडिटिंग और प्रूफ रीडिंग भी करें, क्योंकि इसके अभाव में कोई भी लेखन कार्य अधूरा ही होता है। लिखने से पहले सब्जेक्ट मैटर के बारे में भी रिसर्च करें और आवश्यक जानकारी का संग्रह अपने पास रखें तभी आप अच्छा लेखन कर सकेंगे

जिस पर लेखन करने हैं उन विषयों को पढ़ें

                                                                                   

लेखन कौशल को मजबूत करने के लिए विभिन्न विषयों पर आधारित पुस्तकों का अध्ययन करना, लेखन कला की सबसे पहली और महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाती है। विभिन्न विषयों को पढ़ने से लेखन कला का विकास होती है, जिसकी मदद से आप एक अच्छा लेख लिख पाते हैं।

पढ़ने के साथ ही लिखने का अभ्यास करें

                                                                           

अन्य कलाओं की तरह लेखन कौशल में भी महारत अभ्यास के माध्यम से ही हासिल की जा सकती है। इसलिए पढ़ने के साथ लिखने का अभ्यास भी निरंतर रूप से जारी रखें और कोशिश यह करें कि जब भी आपको किसी अच्छे सब्जेक्ट पर लिखना चाहते है तो उस सब्जेक्ट को अच्छी तरह पढ़ें और उसके बाद शब्दों का चयन करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि शब्दों का भी अपना संविधान होता है और उस संविधान के तहत ही शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आप चयन के उपरांत अपना आलेख तैयार करेंगे और उसको पढ़ने के बाद उसकी एडिटिंग करेंगे तो यह एक उम्दा लेख बनेगा। इस प्रकार धीरे-धीरे अभ्यास किया जाएगा तो आप एक अच्छे लेखक के रूप में उभर कर सामने आ सकेंगे और आपकी रचनाओं को पसंद किया जाने लगेगा।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।