जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि अपने अंदर छिपी शक्ति को पहचानना      Publish Date : 13/01/2024

        जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि अपने अंदर छिपी शक्ति को पहचानना

                                                                                                                                                                                                डॉ0 आर. एस. सेंगर

जीवन में प्रगति करने के लिए मेहनत करें

                                                                     

कारपोरेट जगत के अस्तित्व में आने के बाद कड़ी मेहनत को पेशेवर जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया गया है और इसी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए जब आप अपने से अनुभवी लोगों से जीवन में सफल होने की सलाह मांगते हैं तो वह आपको कड़ी मेहनत करने की सलाह देते हैं। लेकिन कड़ी मेहनत और अधिक प्रयास के बाद भी सफलता आपके हाथ नहीं लग पाती है तो मन में सिर्फ निराशा ही रह जाती है।

ऐसे में उनके लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि क्या आप गलत दिशा में प्रयास कर रहे हैं या पूरी मेहनत से कार्य नहीं कर रहे हैं या उनके द्वारा किए गए सभी प्रयास उनकी रुचि से सही तरीके से मेल नहीं खा पा रहे हैं। इसलिए दिशा निर्धारण के लिए लक्ष्य बेहतर माना जाता है लेकिन जीवन में प्रगति करने के लिए खुद के द्वारा बनाए गए नियम महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए नियम को बनाए और उनका पालन करते हुए कड़ी मेहनत करें, तभी आप अपने करियर में सफल हो सकेंगे।

करियर में अपनी रुचि को दे महत्व

                                                                             

शुरुआत में पेशावर के रूप में कभी-कभी यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि अपनी मेहनत का उपयोग कहां किया जाए। अगर आप अपने करियर के शुरुआती चरण में है तो खुद को समय दें और यह मूल्यांकन करें कि ऐसा कौन सा कौशल एवं नौकरी है जिसमें आपको अधिक उत्साह व आनंद भरपूर प्राप्त होता है।

अपने करियर की शुरुआती दौर में ऐसे साप्ताहिक प्रोजेक्ट पर कार्य करें जिसमें आपकी अधिक रुचि हो और खुद से यह सवाल पूछे कि जिस काम को आप कर रहे हैं क्या सचमुच उसमें आपको आनंद आ रहा है क्या इस कार्य को करके आप अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जाएंगे। यदि इसमें से किसी भी सवाल का जवाब ना में है तो आपको अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

इस क्षेत्र में आप ध्यान दें और फिर अपने रुचि के अनुसार करियर का चुनाव तो शायद आप अपने लक्ष्य को अधिक आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।

लक्ष्य को पाने के लिए अपने पेरेटो सिद्धांत

                                                               

पेरेटो सिद्धांत या 80 से 20 का नियम बताता है कि आप अपने जीवन में जो भी कार्य करते हैं उनमें से 20 प्रतिशत कार्य ऐसे होते हैं जिनसे आपको 80 प्रतिशत सफलता मिलती है, और 80 प्रतिशत कार्य ऐसे होते हैं जिनसे आपको केवन 20 प्रतिशत सफलता ही मिल पाती है। इस सिद्धांत को अपने जीवन में उतारने का मूल उद्देश्य है यह है कि आपको केवल उन्हीं कार्यों के लिए मेहनत करनी चाहिए या उन्हीं कार्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिनका आपके जीवन में अर्थपूर्ण उद्देश्य हो ताकि उन कार्यों को करके भविष्य में आपको बेहतर परिणाम मिल सके।

जब आपको यह एहसास हो जाए कि जिस काम को आप कर रहे हैं वह ज्यादा मायने नहीं रखता, तो ऐसे कार्य को प्राथमिकता देने की बजाय खुद को प्रशिक्षित करें और आगे बढ़ाने की कोशिश करें। समें समय बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं होती है, इस सिद्धांत को अमल में लाने के लिए कड़ी मेहनत तो करनी ही होगी।

सही नियम का निर्माण करें और उसका अनुपालन करें

दिशा निर्धारण के लिए लक्ष्य बेहतर होता है, लेकिन जीवन में प्रगति करने के लिए खुद के द्वारा बनाए गए नियम महत्वपूर्ण है। यह वाक्य है जेम्स कलियर की पुस्तक ‘‘एटॉमिक हैबिट्स’’ से मूल रूप से आपके द्वारा बनाए गए नियम और आपकी दैनिक आदतों पर निर्भर करते हैं। यह आपके कार्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए समय-समय पर प्रेरित करते रहते हैं। लक्ष्य को पूरा करने के लिए खुद के द्वारा बनाए गए नियम पर ध्यान केंद्रित करना ही सबसे बेहतर माना गया है।

जब आप खुद के लिए कोई नियम बनाते हैं तो आपका यह दृष्टिकोण आपको भविष्य की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करता है। इसलिए खुद ही नियम को तैयार करें और उसका अनुपालन जीवन में सुनिश्चित करें तो निश्चित रूप से आपको कामयाबी मिल सकेगी। जब आप उपलब्धि प्राप्त कर लेंगे तो आप काफी खुश भी नजर आएंगे। इसलिए माना जाता है कि जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह कि आप अपने अंदर छिपी शक्तियों को पहचाने और पूरी मेहनत के साथ काम करें।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।