फॉरेस्ट्री: वन संरक्षण में रोजगार      Publish Date : 17/05/2025

                   फॉरेस्ट्री: वन संरक्षण में रोजगार

                                                                                                                                                                 प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

“फॉरेस्ट्री चुनौतियों से भरपूर करियर क्षेत्र है”-

जंगल हमारे लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। ये जैव तंत्र व अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ लोगों का जीवनस्तर उठाने में भी मदद करते हैं। वनों की सुरक्षा और उन्हें विकसित करने के उद्देश्य से अब इसे एक स्थापित करियर का रूप दे दिया गया है।

बारहवीं के पश्चात अवसरः फॉरेस्ट्री में करियर बनाने के लिए न्यूनतम डिग्री 10+2 (साइंस विषयों सहित) होना जरूरी है, तभी बी.एस.सी. में दाखिला मिल सकता है। बी.एस.सी. के पश्चात एम.एस.सी. में आसानी से प्रवेश मिल सकता है। कई ऐसे संस्थान है, जो पी.जी. डिप्लोमा इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स कराते है। मास्टर के पश्चात छात्र चाहें तो एम.फिल अथवा पी.एच.डी. में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

कई तरह के गुण आवश्यकः यह ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें प्रोफेशनल को अपने अंदर कई तरह के गुणों का समावेश करना पड़ता है। शारीरिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ उसमें प्रकृति से प्रेम करने की आदत व वैज्ञानिक विचारधारा का होना जरूरी है। इसके अलावा उसमें धैर्य, साहस, पब्लिक रिलेशन स्किल्स, निर्णय लेने की क्षमता, लंबी अवधि तक कार्य करने की क्षमता, कृषि एवं भूगोल के क्षेत्र में रूचि होनी जरूरी है।

रोजगार की व्यापक संभावनाएं: कई संस्थान जैसे इंडियन कांउसिल ऑफ फरिस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन (आई.सी.एफ.आर.ई) व इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल फरिस्ट्री एंड ईको-रिहेबिलिटेशन एंड वाइल्ड लाइफ रिसर्च आदि मौका प्रदान करते हैं।

बॉटेनिकल व जूलॉजिकल पार्क, वाइल्ड लाईफ सेंचुरी एवं नेशनल पार्कस में भी जॉब की संभावनाएं बनती हैं। इस क्षेत्र में स्टिल फोटोग्राफी, फिल्म मेकिंग, वाइल्ड लाइफ जर्नलिज्म के रूप में प्रमुख टेलीविजन चौनल (डिस्कवरी एवं नेशनल जियोग्राफी) भी रोजगार देते हैं। फॉरेस्ट्री ग्रेजुएट्स चाहें तो पर्यावरण के क्षेत्र में प्रोजेक्ट वर्क के लिए प्राइवेट कंसल्टेंसी खोल सकते हैं।

                                                        

इस रूप में मिलेगा अवसर

फॉरेस्टरः जो लोग जंगलों को पुनः तैयार करने, वन्य जीवों की सुरक्षा, लैंड स्केप मैनेजमेंट आदि में रूचि रखते हैं, उनके लिए फॉरेस्टर का पद मददगार साबित होता है। ये पब्लिक रिलेशन मजबूत करने के अलावा रिपोर्ट तैयार करने व बजट का इंतजाम करने का काम करते हैं।

डेंड्रोलॉजिस्टः इनके कार्य विभिन्न पेड़ों के इति। उनके वर्गीकरण व रिसर्च से जुड़े होते हैं। एन्थोलॉजिस्टः इसके अन्तर्गत जीवों के व्यवहा उनके प्राकृतिक वातावरण आदि का अध्ययन जाता है। इसके अलावा इसमें जीवों के बायोलॉजि फंक्शन के अध्ययन के अलावा जू, एक्वेरियस लेबोरेटरी का डिजाइन भी तैयार किया जाता। एंटोमोलॉजिस्टः इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की। पालतू जानवरों में होने वाली बीमारियों को निय करने के अलावा उनके लिए कई तरह के आहार। करने में मदद करते हैं।

फॉरेस्ट रेंज ऑफिसरः ये जंगलों, सेन्चुरी, बरिनि गार्डन आदि की देखभाल का कार्य करते हैं। एफ.एस. परीक्षा में सफल होने के बाद सबसे नियुक्ति इसी पद पर होती है।

ज्यू क्यूरेटर्सः ये जीवों के कल्याण, चिड़ियाघर संरक्षण कार्यक्रमों के प्रति उत्तरदायी हैं। ये चिड़ियाघर के प्रशासनिक व अन्य कार्यों में योगदान देते है।  

आई.एफ.एस. भी दिलाएगा रोजगार:- इस क्षेत्र में तरह के पदों पर रिक्तियाँ निकलती हैं। ये रिर्स विभिन्न परीक्षाओं द्वारा भरी जाती हैं। उन्हीं में से भारतीय वन सेवा (आई.एफ.एस.) परीक्षा है। यू.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित की जाती है। इसमें छात्र आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी नान्यत यूनिवर्सिटी से फरिस्ट्री सहित अन्य स्ट्रीम में स किया हो। साथ ही उनकी आयु 21-30 वर्ष के हो।

सेलरी:- आमतौर पर इसमें फ्रेशर्स के रूप में प्रोफेश को 10-15 हजार रूपए प्रतिमाह मिलते हैं। दो साल के अनुभव के बाद सेलरी 30-35 हजार रूपए के करीब पहुँच जाती है। आजकल इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स के लिए एन.जी.ओ. अच्छा पैकेज कर रहे हैं।

एजुकेशन लोनः कई सरकारी व प्राइवेट बैंक देश-विदेश में अध्ययन के लिए एजुकेशन लोन करते हैं। इसके लिए छात्रों व उनके अभिभावक कुछ जरूरी अहर्ताए पूरी करनी होती है। देश में अ के लिए 2-10 लाख रूपए तथा विदेश में अ के लिए अधिकतम 20 लाख रूपए लोन  में मिलता हैं। बैंक संस्थान एडमिशन लेटर, गारंटर, आय पत्र आदि की मांग करते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।