एग्जाम से पूर्व रिवीजन का तरीका      Publish Date : 06/05/2025

                एग्जाम से पूर्व रिवीजन का तरीका

                                                                                                                          प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

महत्वपूर्ण परीक्षाओं के दौरान छात्र अक्सर अंतिम समय में रिवीजन करने की समस्या से जूझते हैं। ऑस्ट्रेलियाई कैथोलिक यूनिवर्सिटी की लेक्चरर अमीना यूसुफ-शलाला बताती हैं कि विषयों के पहले से याद तथ्यों से जोड़कर पढ़ने से वह अधिक समय तक याद रहते हैं।

परीक्षाओं के समय अक्सर छात्रों को तरह-तरह की समस्याओं से जूझते हुए देखा जाता है। इनमें रिवीजन करने की समस्या सबसे अहम है। चूंकि विषयों का सिलेबस इतना लंबा होता है कि आखिरी वक्त में उसका सही तरीके से रिवीजन कर पाना कठिन हो जाता है। छात्र साल भर मेहनत करते हैं, लेकिन आखिरी दिनों में पढ़ी हुई चीजों को बेहतर ढंग से न दोहरा पाने के कारण मनमुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं।

ऐसे में दिमाग किस तरह चीजों को आसानी से याद रख सकता है, यह जानकर छात्र कम समय में ज्यादा से ज्यादा चीजों को दोहरा सकते हैं। कुछ बेहतरीन तरीकें हैं, जिनकी सहायता से ऐसा किया जा सकता है।

पढ़ाई को बनाएं दिलचस्प

                                    

अधिकांश छात्र आमतौर पर केवल देखकर या सुनकर पढ़ने पर जोर देते हैं। इसके अलावा भी छात्रों को रिवीजन करने के लिए विभिन्न तरीकों और दृष्टिकोणों को आजमाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। किताब या तथ्यों को बार-बार पढ़ने के बजाय बच्चों को टॉपिक के बारे में पॉडकास्ट सुनने, रंगीन पोस्टर देखने, प्रस्तुतियों या ऑनलाइन ब्लॉग जैसे जरियों का इस्तेमाल करने का सुझाव दें। इससे पढ़ाई ज्यादा दिलचस्प बनेगी और जानकारी व तथ्यों को बेहतर तरीके से याद रखने में मदद मिलेगी। यह भी सुनिश्चित करें कि मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल सिर्फ पढ़ाई के लिए ही किया जाए।

विषयों को आपस में जोड़कर पढ़ें

अक्सर छात्र चीजों को याद तो कर लेते हैं, लेकिन परीक्षा आते-आते उन्हें भूल जाते हैं। ऐसे में, बच्चों को रिवीजन के दौरान चीजों को बेहतर ढंग से समझने और याद रखने के लिए, उसे पहले से याद किसी चीज से जोड़ने का तरीका बताएं। ऐसा करने से रिवीजन करना तो आसान होता ही है, याद की गई चीजें भी ज्यादा समय तक दिमाग में बनी रहती हैं। इसके अलावा, छात्रों से कहें कि वे पढ़ी हुई अवधारणाओं को किसी अन्य व्यक्ति को समझाएं। इससे उनकी समझ को परखने में मदद मिलेगी। अगर वे कोई टॉपिक आपको अच्छी तरह से पढ़ा सकते हैं, तो इसका मतलब है कि वे इसे वास्तव में समझते हैं।

आसान से कठिन की ओर

बच्चों को पहले आसान और छोटी-छोटी अवधारणाओं को दोहराने के लिए प्रेरित करें। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा और वे कठिन चीजों को भी आसानी से याद कर पाएंगे। उदाहरण के लिए पहले गुणन सारणी सीखना और फिर बाद में गणित की जटिल समस्याओं को हल करना आसान होता है। बच्चों को स्मार्ट अध्ययन तकनीकों का इस्तेमाल करने पर जोर दें, इससे वे परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।