
नई नौकरी की तलाश में हैं? Publish Date : 20/04/2025
नई नौकरी की तलाश में हैं?
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
कॅरिअर का चयन करने के लिए पुराने तौर-तरीके अपनी जगह हैं, लेकिन इनके अलावा भी कुछ अन्य सुझाव हैं, जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।
अगर आप अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और अपने कॅरिअर के बारे में में सोच सोच रहे रहे हैं, तो आपको यह सलाह दी जाती होगी कि आप आत्म-विश्लेषण करके ही कोई निर्णय लें। इसका मतलब है कि आपके पास कौन-से कौशल हैं और नौकरी को लेकर आपकी क्या अपेक्षाएं हैं? यह दृष्टिकोण पूरी तरह से तार्किक और तर्कसंगत तरीके पर आधारित होता है, जबकि असलियत इसके विपरीत है। कॅरिअर के निर्णय अक्सर भावनाओं, अनुभव और अप्रत्याशित अवसरों से प्रभावित होते हैं। ऐसे में, नौकरी की तलाश करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। इससे आप बेहतर निर्णय लेकर मनपसंद नौकरी का चयन कर सकते हैं।
एक बार में एक ही विकल्प
एक साथ कई कॅरिअर विकल्पों पर सोचने के बजाय, आपको एक समय में केवल एक ही नौकरी के विचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके बाद, उससे जुड़ी सभी जानकारियां इकट्ठा कर लें। अगर नौकरी आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप हो, तो ही उस दिशा में आगे बढ़ें अन्यथा आप दूसरी नौकरी की ओर रुख कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण कॅरिअर को लेकर होने वाली चिंता को भी कम करता है, क्योंकि इससे आप अपने लिए सर्वाेत्तम विकल्प की तलाश कर सकते हैं।
आपकी रुचियों से मेल खाती नौकरी
अपनी रुचियों के अनुसार नौकरी को पहचान लेने के बाद ही उसके लिए आवेदन करें। आवेदन प्रक्रिया में आपको कंपनी, उसकी कार्य-संस्कृति और आपके कौशल भूमिका से मेल खाते हैं या नहीं, इसके बारे में जानने में मदद मिलती है। इंटरव्यू में प्राप्त फीडबैक, चाहे वह सकारात्मक हो अथवा नकारात्मक, का आकलन करके आप अपनी भूमिका और कॅरिअर विकल्पों में आसानी से बदलाव कर सकते हैं।
शोध करने से न घबराएं
नौकरी की तलाश करते समय शोध करना बेहद जरूरी है। इससे आप यह जान पाएंगें कि आपकी डिग्री या कौशल उस भूमिका के लिए उपयुक्त हैं या नहीं। इसके अलावा, आपको उन भूमिकाओं के बारे में भी जानने का मौका मिलेगा, जिनमें आपकी दिलचस्पी तो है, लेकिन उससे जुड़ी डिग्री और कौशल आपके पास नहीं हैं। इससे ऐसे लोगों को बेहतरीन अवसर मिल सकते हैं, जो डिग्री से परे नए क्षेत्रों का रुख करना चाहते हैं।
अपने अनुभव को सीमित न रखें
नौकरी पा जाने के बाद आप उसी में व्यस्त हो जाते हैं। इससे आपके अनुभव सिमट कर रह जाते हैं और अधिक क्षेत्रों तथा विकल्पों की जानकारी नहीं हो पाती है। ऐसे में, आपको अपने अनुभव बढ़ाने पर ज्यादा जोर देना चाहिए। इसके लिए इंटर्नशिप, ट्रेनिंग प्रोग्राम या कॉन्फ्रेंस में भाग लेना काफी कारगर हो सकता है। इससे भविष्य में नई नौकरी तलाशने में काम आने वाले अनुभव बढ़ाने, विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकसित करने और उन्हें निखारने में मदद मिलती है।
कामयाबी के लिए अपनाएं ये तरकीबें
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (यूपीएसईएसएसबी) राज्य बोर्ड कॉलेजों और संस्थानों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों एवं प्रवक्ताओं के रूप में उम्मीदवारों की भर्ती के लिए टीजीटी-पीजीटी परीक्षा का आयोजन करती है। इसके तहत असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा आगामी 16-17 अप्रैल, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) की परीक्षा 14-15 मई एवं प्रवक्ताओं (पीजीटी) की परीक्षा 20-21 जून को आयोजित कराई जाएगी। परीक्षा बेहद करीब है, ऐसे में इनमें शामिल होने अभ्यर्थी कुछ युक्तियों का पालन करके अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं।
क्लस्टर विधि
अभ्यर्थी स्टेटिक जीके और करंट अफेअर्स के लिए इसका इसका इस्तेमाल करें। इसमें सामान्य अध्ययन (जीके) को अलग-अलग पढ़ने के बजाय, समान विषयों को समूहबद्ध करके पढ़ सकते हैं। इतिहास में स्वतंत्रता संग्राम, प्रसिद्ध आंदोलन, महत्वपूर्ण नेता भूगोल में नदियां, पहाड़, पहाड़, राष्ट्रीय उद्यान, जलवायु पैटर्न तथा करंट अफेअर्स में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, खेल, विज्ञान और तकनीक पर जोर दें।
माइंड मैप और चार्ट
उबाऊ चीजों को डायग्राम, माइंड मैप और चार्ट से आसानी से याद रखा जा सकता है। उदाहरण के लिए सिद्धांतों के लिए फ्लोचार्ट का उपयोग करें। शिक्षाशास्त्र विषयों के लिए एनिमेटेड वीडियो देखें। भूगोल या विज्ञान के लिए, भौतिक मॉडलं के जरिये चीजों को याद रखना कारगर तरीका है।
कोलाबोरेटिव लर्निंग
उन अभ्यर्थियों से मिलें, जो इस परीक्षा में भाग ले रहे हों, उनके साथ एक अध्ययन समूह बना सकते हैं और विषय-वस्तु पर चर्चा व विचार-विमर्श कर सकते हैं। इससे प्रश्न से जुड़े कई सुझाव मिलेंगे तथा आपका नेटवर्क भी बनेगा।
मेटाकॉग्निशन की प्रक्रिया
जब कोई नया विषय पढ़ने की शुरुआत करें या लेक्चर देखें, तो उसकी समीक्षा करें कि आप उस विषय के बारे में पहले से क्या जानते हैं और आप क्या सीखने की अपेक्षा कर रहे हैं। पढ़ते या सुनते समय, नई जानकारी के बारे में अतिरिक्त नोट्स बना लें।
2357 विधि सीखें
यह एक वैज्ञानिक विधि है, जो रिवीजन करने में आपकी मदद कर सकती है। यह पढ़े गए विषयों के भूलने की संभावना को कम करती है। इसके साथ विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित करें, जैसे एक निश्चित घंटे के भीतर अध्ययन करना या अपने परीक्षा स्कोर को एक निश्चित प्रतिशत तक लाने की योजना बनाना, ताकि आपको एक मापनीय बेंचमार्क मिल सके।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।