साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा के क्षेत्र में करिअर Publish Date : 09/11/2024
साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा के क्षेत्र में करिअर
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
मन की बात कार्यक्रम के दौरान पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के द्वारा साइबर अपराधियों के द्वारा अपनाए जा रहे डिजिटल गिरफ्तारी के तरीकों के प्रति चेताते हुए कहा कि लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारियों को प्रति अधिक सचेत रहना होगा। इस बाबत एक रिपोर्ट की माने तो देश में पिछले एक साल में ही साइबर अपराध की घटनाएं लगभग 16 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। इस क्षेत्र में साइबर सिक्योरिटी/डाटा सिक्योरिटी के विशेषज्ञों की भारी मांग को देखते हुए आप भी अपना एक सुरक्षित करिअर बना सकते हैं।
वर्तमान में लगभग प्रत्येक दिन ही ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ की घटनाएं देखने और सुनने को मिल रही हैं। साइबर अपराधियों के द्वारा अपनाएं जा रहे इस डिजिटल अरेस्ट के चक्कर में फंसकर तमाम लोग उनकी ठगी का शिकार हो चुके हैं और उनके लाखों-करोड़ों रूपये यह साइबर ठग अपने खातों में ट्राँसफर करा चुके हैं।
यह तो दिन प्रति दिन बढ़ते साइबर अपराध की घटनाओं का एक उदाहरण मात्र है, जबकि आज देश में साइबर फ्रॉउ की तमाम घटनाएं अनेक रूपों में सामने आ रही हैं। इसमें डेटा चोरी और सिस्टम को हैक करने की समस्या विशेषरूप चिंतनीय हैं। एक गैर लाभकारी संगठन प्रहार की एक ताजा रिपोर्ट, आज देश में जिस तीव्र गति से साइबर हमले के मामले बढ़ रहे हैं, यदि इस पर अंकुश नही लगाया गया तो वर्ष 2033 तक प्रत्येक वर्ष लगभग एक ट्रिलियन (खरब) साइबर हमलों के मामले देखने को मिल सकते हैं।
यही कारण है कि मजबूत सुरक्षा उपायों के लिए आज देश में अधिक से अधिक साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञों की मांग बढ़ती जा रही है।
लगातार बढ़ रहा है साइबर अपराधः साइबर अपराध से सम्बन्धित घटनाओं के मामले में भारत वर्तमान में पूरी दुनिया में तीसरे स्था पर आता है। प्रहार की रिपोर्ट ‘‘द इन्विजिबल हैंड’’ के अनुसार, गत वर्ष देश को 79 मिलियन से अधिक साइबर हमलों का सामना करना पड़, जो कि र्ष 2022 से 15 प्रतिशत अधिक हैं।
चालू वर्ष की महज पहली तिमाही में ही 500 मिलियन से अधिक साइबर हमले दर्ज किए गए हैं। वहीं, वैश्विक स्तर पर वर्ष 2024 की प्रथम तिमाही में 76 प्रतिशत तक साइबर हमलों की संख्या में इजाफा हुआ है। इन आंकड़ों के माध्यम से यह अनुमान सहज रूप से ही लगाया जा सकता है कि देश में प्रतिवर्ष किसी तेजी से साइबर अपराधों की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं।
इस क्षेत्र में जॉब के अवसरः आजकल साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में जॉब की सम्भावनाएं अनेक रूपों में देखी जा रही है। एआई और डेटा की उपयोगिता को देखते हुए एक नया सिक्योरिटी सेटप स्थापित करने के लिए एक ओर जहाँ हाई क्वालिफाइड सिक्योरिटी आर्किटेक्ट की बहुत आवश्यकता सामने आ रही है, तो वहीं दूसरी ओर साइबर हमलों से बचने हेतु साइबर सिक्योरिटी कंसल्टेंट, साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट, साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर्स, नेटवर्क सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स, एथिकल हैकिंग एक्सपर्ट्स तथा सिक्योरिटी टेस्टर्स के जैसे प्रोफेशनल्स की डिमांड केवल बड़ी कंपनीज के सर्वर और सिस्टम आदि की सुरक्षा तक ही सीमित नही है, बल्कि इससे सम्बन्धित जितने भी सॉफ्टवेयर, एप्स या वेबसाइट्स बनाए जा रहे हैं, उनमें भी साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित् करने के लिए भी पेशेवरों की सेवाएं प्राप्त की जा रही हैं।
कोर्स एवं योग्यताः- साइबर सुरक्षा की आवश्यकता को देखते हुए अब आईआईटी कानपुर के जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के द्वारा भी साइबर सुरक्षा से सम्बन्धित कोर्स कराए जा रहे हैं, जहाँ से ऑनलाइन माध्यम से भी इन केर्सेज को किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य दूसरे संस्थानों के द्वारा भी साइबर सिक्योरिटी अथवा एथिकल हैकिंग से जुड़े बेसिक कोर्स और एडवास्ड लेवल के कोर्स कराए जा रहे हैं। छात्र यह बेसिक कोर्स 12वीं कक्षा पास करने के बाद कर सकते हैं, जबकि एडवांस कोर्स के लिए कम्प्यूटर साइंस/इंजिनियरिंग पृठभूमि वाले छात्रों की आवश्यकता होती है।
प्रशिक्षित साइबर एक्सपर्ट्स की आवश्यता बड़ी संख्या में
तीव्र गति से बदलते इस दौर में साबर क्राइम और ठगी कोई नई बात नही है। जैसे-जैसे इंटरनेट अपनी पहुँ बढा रहा है, उसी के अनुरूप डिजिटल और ऑनलाइन धोखाधड़ी भी जोर-शोर से बढ़ रही है। इसीलिए आए दिन कोई नया साइबर क्रीइम सामने आ रहा है। अब डिजिटल अरेस्ट के रूप में ऐसा ही एक नया फ्रॉड हमारे सामने है, जिसके माध्यम से मनी-लाँड्रिंग, बैंक खातों में गलत ट्राँजक्शन और पार्सल में ड्रग्स आदि के जैसे आरोप लगाकर ठग भेलेभाले लोगों से लाखों रूपये ठग रहे हैं।
ऐसी घटनाओं पर अभी तक कोई कंट्रोल नही हो पाया है इसके पीछे के अनेक कारण हैं। इनमें सबसे प्रमुख कारण लोगों के अंदर जागरूकता की कमी का होना है। इस दौर में लोग ऐसे ही ऐरे गैरे एप्स पर अपनी व्यक्तिगत जानकारियाँ साझा करने से पहले एक बार भी नही सोचते, जिसके चलते वह ऑनलाइन ठगी का शिकार बन जाते हैं।
ळालांकि यह भी एक कठिन सच्चाई है कि साइबर फ्रॉड के निरंतर बढ़ते जा रहे इस खतरे के सापेक्ष देश में पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित और कुशल साइबर एक्सपर्ट या प्रोफेशनल्स उपलब्ध नही है जबकि आज इनकी आवश्यकता लाखों की संख्या में है।
यूवाओं के लिए यह अच्छा एवं ग्रोइंग फील्ड है। साइबर सिक्योरिटी की आधारभूत समझ को विकसित कर युवा इस क्षेत्र में अपना एक अच्छा कॅरियर बना सकते हैं।
इस क्षेत्र में एंट्री करने का तरीका
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए युवाओं को सबसे पहले कम्प्यूटर साइंस अथवा सम्बन्धित क्षेत्र में बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने की दिशा में अपना ध्यान केन्द्रित करना होगा। इससे साइबर सिक्योरिटी की आधारभूत समझ का विकास होगा। ऐसे में यदि आपको कम्प्यूटर साइंस का ज्ञान नही है तो आप अन्य कोई भी एंट्री लेवल का कोर्स कर सकते हैं।
आजकल अनेक एडुटेक इस प्रकार के कोर्स करा रहे हैं। विशेषज्ञता के लिए साइबर सिक्योरिटी के विशेष कोर्स और सर्टिफिकेशन के कोर्स कर सकते हैं, जैसे कि सीईएच अर्थात सर्टिफाइड एथिकल हैकर, सीआईएसएसपी यानी सर्टिफाइड इंफार्मेशन सिस्टम्स सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स व कॉम्पटिया सिक्योरिटी प्लस आदि। यह प्रमाणन कोर्स पेशेवरों को साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में जॉब प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करते हैं।
इसके अतिरिक्त साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में व्यवहारिक अनुभव भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार के व्यवहारिक अनुभव को प्राप्त करने के लिए किसी इंटर्नशिप या ऐंट्री लेवल जॉब के माध्यम से अपने कॅरियर की शुरूआत कर सकते हैं। इससे वास्तविक समस्याओं का सामना करने और उन्हें हल करने का कौशल आप में आत्मविश्वास का संचार करेगा।
विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं जैसे कि वीडियो ट्यूटोरियल्स, वेबिनार्स आदि। इसके साथ ही इस फील्ड में आने वाले बदलावों के प्रति अपडेट रहना भी आवश्यक होता है।
कोर्स करने के लिए प्रमुख संस्थान
आईआईटी कानपुर
इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन सिक्योरिटी, मुम्बई।
इंडियन स्कूल ऑफ एथिकल हैकिंग, बैंगलुरू।
अंतिम तिथिः30 नवंबर, 2024।
आवेदन ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे।
आवेदन करें: www.b4s.in/dj/INIKON12
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।