खुद की पहचान ही आपकी ताकत है      Publish Date : 27/10/2024

                     खुद की पहचान ही आपकी ताकत है

                                                                                                                                                     प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

आपका मूल व्यक्तित्व प्रोफेशनल नेटवर्क को विकसित करने और पदोन्नति में भी सहायक हो सकता है-

                                                                  

ऑफिस में मजबूत व्यक्तित्व का होना व्यावसायिक विकास के अवसरों के लिए लाभकारी हो सकता है। ऑफिस में अपने वास्तविक व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप दूसरों के साथ सहज संबंध बना पाएंगे, जो आपके प्रोफेशनल नेटवर्क को विकसित करने और पदोन्नति में सहायक हो सकता है। इसके अलावा दूसरों के साथ व्यक्तिगत अनुभव को साझा करना, आपको ऑफिस में मजबूत व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने में मदद कर सकता है। इससे आप अपने सहकर्मियों को भी अधिक प्रामाणिक रूप से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

खुद को परखें

क्या आप अपने परिवार और दोस्तों की तुलना में सहकर्मियों के सामने खुद को अलग ढंग से प्रस्तुत करते हैं? यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह सोचें कि ऐसा व्यवहार करने के पीछे क्या कारण हो सकता है? क्या इसकी वजह यह है कि आप खुद को औरों से अलग महसूस करते हैं। आपको समझना चाहिए कि हर व्यक्ति अलग है। आप ऐसे लोगों की तलाश कर सकते हैं, जो आप जैसे हों और आपके व्यक्तित्व की सराहना करते हों।

सकारात्मक लोगों की तलाश करें

आपको अपने सकारात्मक सहकर्मियों की तलाश करनी चाहिए, जिनके साथ आप सबसे अधिक सहज महसूस करते हों। ऐसे लोग आपके सहयोगी हो सकते हैं, आपका समर्थन कर सकते हैं और आपको महत्व दे सकते हैं। इस से आपको खुद को और अधिक स्वीकार करने में मदद मिलेगी। उन सहकर्मियों की तलाश करें, जो आपके प्रति सहानुभूति रखते हैं, आप श्जैसे हैं उसी रूप में आपको स्वीकार करते हैं। उनके विचार भले ही आपके विचारों से अलग हों, लेकिन वे आपको हमेशा अपने विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित करते हों और आपको विचार पूर्वक सुनते भी हों।

सवाल पूछने से हिचके नहीं

                                                          

आपकी पहचान और पृष्ठभूमि आपको एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करती है। इसलिए अपनी राय साझा करें और स्पष्ट रहें। यदि आपकों किसी विषय के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, तो उसे छिपाने की बजाए अपने सहकर्मी से राय लें कि इस विषय पर क्या विचार हैं? प्रश्न पूछने की इस अनवरत प्रक्रिया में आप सहकर्मियों के सामने अपने मजबूत व्यक्तित्व को प्रदर्शित कर सकते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।