कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप की शुरुआत कर शुरू करें अपना व्यवसाय Publish Date : 26/10/2024
कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप की शुरुआत कर शुरू करें अपना व्यवसाय
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
वर्तमान तकनीकी युग में कृषि स्नातकों के लिए केवल पारंपरिक कृषि योग्यताएं की पर्याप्त नहीं होती है। आज तकनीक से कृषि का क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है, इसलिए बेहतर उत्पादकता और कॅरियर की बेहतर संभावनाओं के लिए कृषि पेशवारों की बढ़ती हुई आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में अधिक जानने की जरूरत पड़ रही है। प्रेसीजन एग्रीकल्चर कृषि की वह आधुनिक तकनीक है जिसमें सैटेलाइट इमेज ग्रेड सैंपलिंग परिवर्तन या प्रौद्योगिकी, रिमोट सेंसिग, ड्रोन, एआई और ब्लॉकचेन सहित कई उन्नत तकनीक का कृषि में उपयोग करना सिखाया जाता है।
इस पारंपरिक कृषि ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर कृषि उत्पादकता को अधिक बेहतर बनाने में काफी सहयोग मिलता है। साथ ही कृषि कुशल पेशवारों के लिए नए कॅरियर के बेहतरीन अवसर भी प्रदान करती है। अगर आप भी एक कृषि स्नातक हैं तो प्रेसीजन एग्रीकल्चर के ज्ञान के साथ आप बेहतर कॅरियर संभावनाओं की तलाश कर सकते हैं और अपना स्टार्टअप भी शुरू करके इस दिशा में काफी आगे तक बढ़ सकते हैं।
क्या है सम्बन्धित कोर्सेज
पारंपरिक खेती के तरीकों की अच्छी समझ रखने के लिए आप कृषि विज्ञान से स्नातक करने के अलावा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण एग्रीकल्चर में सर्टिफिकेट कोर्स और उड़ेमी, कोर्सेरा, स्किल इंडिया और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आधुनिक कृषि तकनीक से जुड़े ऑनलाइन कोर्सेज भी कर सकते हैं। आप चाहे तो इग्नू से एक वर्ष का पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन एग्री बिजनेस और नेशनल स्कूल ऑफ ओपन स्कूलिंग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय आदि में प्लांट प्रोटक्शन में डिप्लोमा भी कर सकते हैं। इससे आप कृषि में आधुनिक तकनीकों जैसे जीपीएस सिस्टम, ड्रोन, मृदा, सेंसर और डेटा विश्लेषण आदि टूल का उपयोग करना सीख सकते हैं।
व्यावहारिक अनुभव क्या हो
आप कृषि तकनीकी का उपयोग करने वाले खेतों में इंटर्नशिप या तरीकों से कृषि उत्पादन करने वाली कंपनियों में काम करके व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त कर सकते हैं। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी की वास्तविक खेती में आधुनिक तकनीकी और इनका इस्तेमाल किस प्रकार से किया जाता है। इसके अलावा कृषि मंचों में शामिल हो और कृषि सम्मेलनों या ऑनलाइन समूह में भाग ले सकते हैं। इससे आपके इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से जुड़ने और उनके अनुभवों से सीखने में मदद मिलेगी, साथ ही आपकी नेटवर्किंग भी बढ़ेगी जिससे आपको भविष्य में काफी लाभ हो सकता है।
अपने को नई तकनीक से अपडेट रखें
ड्रोन, मशीन लर्निंग और एआई जैसी नई तकनीकी कृषि में अधिक लोकप्रिय होती जा रही है। इनके ऑनलाइन कोर्सेज वर्कशॉप और सेमिनार के जरिए आप इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कौशल प्राप्त कर लेने के पश्चात तकनीकी कृषि कंपनियां, कृषि स्टार्टअप्स, शोध संस्थानों या स्मार्ट खेती पर ध्यान केंद्रित करने वाली विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में नौकरी के अवसरों की तलाश करें, जिससे आपको भविष्य में अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
स्वयं का ही स्टार्टअप बनाने का प्रयास करें
इस क्षेत्र में स्वयं का ही व्यवसाय शुरू करने में रुचि रखने वाले अपना खुद का स्टार्टअप भी चालू कर सकते हैं। आप तकनीक के जरिए किसानों को उनके उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए ड्रोन, मैपिंग, मिट्टी परीक्षण या सफल निगरानी करने के जैसी सेवाएं दे सकते हैं। यदि इसके सम्बन्ध में आपके मन में कोई नया आईडिया, एग्री बिजनेस के क्षेत्र में आता है और वह यूनिक होता है तो इसके लिए आप सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ अथव अपने नजदीकी के कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क स्थापित कर सकते हैं। वहां के वैज्ञानिक आपके स्टार्टअप को इनक्यूबेशन कर मदद करेंगे, जिससे आप एक बेहतर अपना खुद का एक व्यवसाय है प्रारंभ कर सके।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।