पीएचडी अब नए बदलावों के साथ Publish Date : 27/09/2024
पीएचडी अब नए बदलावों के साथ
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के नए नियमों के अनुसार अब पीएचड़ी में प्रवेश यूजीसी- नेट परीक्षा के स्कोर (पसेंटाइल) के आधार पर होगा। अभी तक असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती और जूनियर रिसर्च फेलोशिप हेतु यूजीसी नेट परीक्षा आयोजित की जाती थी। पूर्व में दाखिले के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती थी। इन्हीं जटिलताओं के दृष्टिगत यूजीसी ने शोध से जुड़ी समस्त गतिविधियों को एक प्लेटफार्म पर लाने और छात्रों पर पड़ने वाले वित्तीय भार को कम करने के लिए नेट परीक्षा के स्कोर के आधार पर पीएचडी में प्रवेश देने का निर्णय लिया है।
क्या है नया नियम
नए नियमों के तहत अब नेट क्वालिफाई छात्र पीएचडी में आसानी से दाखिला ले सकते हैं। छात्रों को वर्ष 2024-25 से पीएचडी में दाखिले के लिए नेट परीक्षा देना अनिवार्य है। बता दें, यह नियम जून-2024 में होने वाली नेट परीक्षा से मान्य होगा।
पात्रता की तीनं श्रेणियां
यूजीसी नेट परीक्षा में नए नियमों के अनुसार जून, 2024 से यूजीसी नेट योग्य उम्मीदवारों की पात्रता तीन कैटेगरी में विभाजित की गई है:
पहली कैटेगरी के अंतर्गत उच्चतम नेट स्कोर वाले छात्र पीएचडी, जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर तीनों के लिए योग्य होंगे, इसमें पीएचडी के दाखिले के लिए इंटरव्यू देना होगा।
दूसरी कैटेगरी में उच्चतम पसेंटाइल वाले छात्र जेआरएफ के बिना पीएचडी में प्रवेश और सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के पात्र हैं।
तीसरी कैटेगरी में छात्र केवल पीएचडी में एडमिशन के पात्र होंगे। जेआरएफ या असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे।
अंकों का वेटेज
कैटेगरी दो और तीन में नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को पीएचडी प्रोग्राम में दाखिले के लिए नेटस्कोर का वेटेज 70 प्रतिशत और इंटरव्यू के लिए 30 प्रतिशत वेटेज तय किया गया है। दोनों को जोड़ कर मेरिट के आधार पर एडमिशन होगा। कैटेगरी दो और तीन के लिए नेट स्कोर एक साल के लिए मान्य होगा। एक वर्ष बाद छात्र अयोग्य हो जाएंगे और उन्हें पुनः नेट परीक्षा देनी होगी।
पात्रता एवं पाठ्यक्रम
यूजीसी नेट परीक्षा में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी को स्नातकोत्तर या समकक्ष योग्यता में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। नेट परीक्षा का पाठ्यक्रम पीजीस्तर का होता है। लेकिन विभिन्न विश्वविद्यालयों में अलग-अलग पाठ्यक्रम होने के कारण यूजीसी ने समानता के लिए प्रत्येक विषय का पाठ्यक्रम निर्धारित किया है।
कॅरिअर की राह
भारत, शोध के क्षेत्र में चीन, अमेरिका और यूके के बाद चौथे स्थान पर है। पीएचडी करने के बाद छात्र विभिन्न कॉलेज में प्रोफेसर, कंसल्टेंट, विभिन्न सरकारी व कोरपोरेट क्षेत्र, बैंकिंग और फाइनेंस, और व्यापार आदि क्षेत्रों में अपना कॅरिअर संवार सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।