हेल्थकेयर क्षेत्र में नीट के अतिरिक्त अवसर      Publish Date : 09/08/2024

                           हेल्थकेयर क्षेत्र में नीट के अतिरिक्त अवसर

                                                                                                                                                                          प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

                                                             

नीट पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में है, पर जो युवा नीट की परीक्षा दिए बिना ही मेडिकल सेक्टर में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए भी इस क्षेत्र में अनेक विकल्प हैं। 12वीं कक्षा पास कर लेने के बाद कुछ ऐसे ही तेजी से उभरते करियर के विकल्पों के बारे में बता हैं हमारे करियर काउंसलर डॉ0 आर. एस. सेंगर-

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट यूजी-2024) का परिणाम इन दिनों लगातार चर्चा में बने हुए है। इस परीक्षा के माध्यम से ही हर साल देश के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों के अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। इस साल भी नीट यूजी के लिए करीब 24 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन लगभग 11.45 लाख छात्र ही इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर सके। ऐसे में जो छात्र इस परीक्षा को क्लियर नहीं कर पाते हैं, वे मेडिकल फील्ड से संबंधित अन्य करियर विकल्पों की राह पर भी आगे बढ़कर अपने करियर को बना सकते हैं।

यदि आप भी नीट (यूजी) के बिना मेडिकल फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, तो यहां दिए गए विकल्पों में से किसी को चुन कर आगे बढ़ने का विचार कर सकते हैं।

पैरा टेक्निशियनः स्वास्थ्य सेवाओं की सरकारी क्षेत्र की मांग को देखते हुए, इन दिनों पैथोलाजी, रेडियोग्राफी, सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआइ तथा ओटी से संबंधित पैरामेडिकल टेक्निशियन की काफी मांग देखी जा रही है। इस क्षेत्र में आप भी अपनी रुचि के अनुसार एक्सरे, अल्ट्रासाउंड टेक्निशियन, रेडियो थेरेपी टेक्निशियन, ओटी टेक्निशियन तथा मेडिकल लैब टेक्निशियन जैसे कोर्स करके बेहतरीन जॉब के अवसर पा सकते हैं। देश भर में विभिन्न संस्थानों द्वारा इस तरह के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं, जिन्हें 12वीं के बाद किया जा सकता है।

नर्सिंग स्टाफः हेल्थकेयर में नर्सिंग हमेशा से ही एक सदाबहार क्षेत्र रहा है, जहां सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों/नर्सिंग होम आदि में पुरुष और महिला दोनों के लिए ही एक बड़ी संख्या में जॉब के अवसर उपलब्ध होते हैं। इस कोर्स को करने के तुरंत बाद किसी सरकारी अस्पताल, सामुदायिक केंद्र, निजी अस्पताल या नर्सिंग होम जैसी जगहों पर नौकरी मिल सकती है। अभी बहुत से ऐसे संस्थान हैं जो पीसीबी विषयों से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों के लिए चार वर्षीय बीएससी इन नर्सिंग जैसे कोर्स करा रहे हैं।

जीएनएमः जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्सं हैं, जिन्हें पीसीबी विषयों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्णं करने के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद भी सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों में आसानी से नौकरी मिल सकती है। 12वीं के बाद एएनएम का कोर्स भी किया जा सकता है।

फिजियोथेरेपिस्ट: आज के समय में जीवनशैली से जुड़ी परेशानियां काफी बढ़ गई हैं। इससे हड्डियों, जोड़ों, गर्दन, पैरों आदि में दर्द जैसी परेशानियां सामने आती हैं। आमतौर पर ये परेशानियां उपचार के बाजार में विभिन्न प्रकार की कसरत और बॉडी मूवमेंट के आधार पर ठीक हो सकती हैं। वर्तंमान समय में आज लगभग प्रत्येक हॉस्पिटल में फिजियोथेरेपिस्ट की सेवाएं ली जा रही हैं। बड़ी संख्या में ऐसे प्रोफेशनल खुद का फिजियोथेरेपी सेंटर खोलकर भी बाद आप भी लोगों को इस तरह की सेवाएं दे रहे हैं। पीसीबी विषयों से 12वीं बैचलर आफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी) या डिप्लोमा जैसा कोर्स कर सकते हैं।

जुड़ रहे नए-नए क्षेत्रः

                                                            

मेडिकल सेक्टर में बहुत सारे वैकल्पिक क्षेत्र है, जो आपको एक अलग पहचान दिला सकते हैं। मेडिकल इंजीनियरिंग भी एक ऐसा ही क्षेत्र है । जैसे-जैसे आयुर्विज्ञान में मशीनों और तकनीकों पर निर्भरता बढ़ रही है, इन मशीनों को ठीकठाक रखना भी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी हो गई है। ऐसे मे इसके लिए बड़ी संख्या में बायोमेडिकल इंजीनियर चाहिए, जिनकी अभी मार्केट में पर्याप्त उपलब्धता नहीं है। मेडिकल एजुकेशन भी ऐसा ही विकल्प है। इसके साथ ही हेल्थकेयर में कई नए क्षेत्र भी खुलते जा रहे हैं. जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेडिसिन से सम्बद्व क्षेत्र, बॉयो-टैकनोलॉजी, बॉयो-केमिस्ट्री, फॉरेन्सिक मेडिेसिन, फिजियोलॉजी और फार्मांकोलॉजी आदि।

इन सभी क्षेत्रों से आप बीएसी, एमएससी और पीएचडी करके जड़ सकते हैं और इनके अतिरिक्त पैरामेडिकल के ऑप्शंस तो होते ही हैं। अतः कलमिलाकर कहा जा सकता है कि मेडिकल ही इकलोता क्षेत्र नही है और यदि आप इस क्षेत्र से जूड़ना चाहते हैं तो ऊपर वर्णिंत कोर्सोंं मे से कोईं भी एउक कोर्सं करके इस क्षेत्र मे अपना करियर संवार सकते हैं।

यह सभी क्षेत्र उतने ही महत्वपूर्णं हैं जितना कि मेडिसिन का क्षेत्र। बस इसके लिए अगर जरूरत किसी बात की है तो वह यह है कि जो भी कोर्सं करें, उसे अन्य लोगों से बेहतर करने का प्रयास करें, क्योंकि यदि आपके अन्दर उत्कृष्टता होगी तो आप लगातार इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे।

फार्मेसी का बढ़ता आकर्षणः

                                                            

ऐसे तमाम युवा जो एमबीबीएस करके सीधे-सीधे मेडिकल प्रोफेशन में नहीं जा पा रहे, उनके लिए फार्मेसी एक बेहतर करियर हो सकता है। इसमें भारत जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, करियर की की संभावनाएं भी उसी तरह से बढ़ रही है। विश्व की करीब 20 प्रतिशत जेनरिक दवाओं का निर्यात अभी भारत ही कर रहा है। इंडिया ब्राड इक्विटी फाउंडेशन (आइबीईएफ) के अनुसार, देश का फार्मा मार्केट लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2030 तक यह मार्केट 130 बिलियन यूएस डॉलर के लगभग हो जाएगा। यदि इस सेक्टर में नौकरियों की बात करें, तो अभी भी देश के फार्मा सेक्टर में करीब दो करोड़ 70 लाख लोग कार्यरत हैं। माना जा रहा है कि वर्ष 2030 तक यह कार्यबल बढ़कर करीब साढ़े तीन करोड़ तक हो जाएगा। फार्मा सेक्टर के इस तेज विकास के चलते ही इस समय फार्मा-मैन्यूफैचरिंग, रिटेल और क्लिनिकल फार्मेसी के क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर लगातार बढ़ रहे हैं।

अतः आप भी बीफार्म, एमफार्म और पीएत्रडी कर इस क्षेत्र में अपने करियर को एक बेहतर दिशा प्रदान कर सकते हैं। बीफार्म कोर्सं करने के बाद आप विभिन्न फार्मा कंपनियों में क्लिनिकल फार्मासिस्ट, मेडिसिन सेफ्टी ऑफिसर, फार्मेसी इंफोमेटिक्स स्पेशलिस्ट, रेगुलेटरी अफेयर्सं स्पेशलिस्ट, फार्मा रिसर्चं स्पेशलिस्ट और मेडिकेशन सेफ्टी ऑफिसर के रूप में जॉब पा सकते हैं।

इसके अलावा आप सरकारी और निजी अस्पतालों में फार्मासिस्ट की जॉब भी पा सकते हैं। यह कोर्सं करने के बाद आप अपना स्वयं का मेडिकल बिजनेस अथवा मेडिकल स्टोर भी आरम्भ कर सकते हैं। 12वीं कक्षा पीसीबी विषयों के साथ करने वाले युवा बैचलर ऑफ फार्मेंसी यानि कि बीफार्म कोर्सं भी कर सकते हैं।

हास्पिटल मैनेजमेंट में भी हैं अवसरः

                                                                      

जिस तरह से देश में सरकारी व निजी अस्पतालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, उसे देखते अस्पताल प्रबंधन/ प्रशासन के जानकारों की मांग भी बढ़ी है। किसी भी अस्पताल में मरीजों को समुचित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने से लेकर उसकी निगरानी आदि से जुड़े कार्य की देखरेख में ये प्रोफेशनल कुशल होते है। यदि आप भी इसमें रुचि रखते हैं, तो हास्पिटल मैनेजमेंट / एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स के माध्यम से अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं।

कौन से प्रमुख संस्थान

  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नईं दिल्ली www.iims.edu।

आईंपी यूनिवर्सिंटी, दिल्ली http://www.ipu.c.in।

दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नईं दिल्ली www.dpmiindi.com।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।