स्थानीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा स्किल डेवलपमेंट तथा स्टार्टअप के क्षेत्र में की गई नई शुरुआत

स्थानीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा स्किल डेवलपमेंट तथा स्टार्टअप के क्षेत्र में की गई नई शुरुआत

                                                                                                                                                                                      प्रोफेसर आर एस सेंगर

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वाले छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रमुख औद्योगिक संगठन चेंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग की सहायता और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से एक अनूठा अभियान चलाया जा रहा है। क्योंकि स्टार्टअप को रोजगार सृजन के इंजन के रूप में देखा जा रहा है, इसलिए प्रतिभाशाली युवाओं को स्टार्टअप के लिए फंड उपलब्ध कराकर उनके सपनों को एक नई उड़ान देने का प्रयास किया जा रहा है तो वहीं कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के असीमित द्वारा खोले जा सकें। स्टार्टअप जहां बेरोजगारी की चुनौतियों का जवाब देने में केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं वहीं युवाओं का कौशल विकास औद्योगिक क्षेत्र में कुशल श्रमिकों की कमी को भविष्य में पूरा किया जा सकना सम्भव हो सकेगा।

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के. के. सिंह के दिशा निर्देशन स्किल डेवलपमेंट तथा स्टार्टअप के क्षेत्र में एक नई शुरुआत हुई है, जिसका सीधा लाभ विश्वविद्यालय के अध्ययनशील छात्र-छात्राओं को मिल रहा है और आने वाले समय में केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं, यह प्रदेश और देश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय होगा, जहां पर छात्रों के हुनर को एक नई दिशा मिल सकेगी।

स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में चल रहा है कार्य

                                                                      

कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों के स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए नए कोर्सेज की शुरुआत की जा रही है, जिससे युवाओं को नौकरियां तो मिल ही सके साथ-साथ वह अपना स्वरोजगार प्रारंभ कर अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर सकेंगे। स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से छात्रों को रोजगार प्राप्त करने के साथ-साथ रोजगार देने वाले भी बन सकेंगे। भविष्य के लिए यहां पर जो भी कोर्स बनाए जा रहे हैं, उनमें क्षेत्र की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर संशोधन दिए किए जाते रहेंगे और यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण युवा ट्रेनिंग भी लेते रहेंगे।

केंद्र में कोर्स के बाद नौकरी सुनिश्चित किए जाने के लिए छात्रों को जॉब दिलाने के लिए प्रयास किए जाते रहेंगे। इसके लिए जॉब बैंक भी तैयार किया जा रहा है। विभिन्न कंपनियां और संगठन को अपनी मांग से अवगत कराती है तथा यहां पर कंपनियों के मांग के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी स्किल को बढ़ाया जाएगा, जिससे कंपनी में उनका आसानी से नौकरी मिल सके।

स्टार्टअप के लिए जुटाया जाएगा अधिक फंड

सूक्ष्म उद्योगों में भी देश के अंदर लगातार इजाफा हो रहा है। विगत 1 वर्ष में ही भारत में कई नए स्टार्टअप की शुरुआत हुई है और उन में लगातार बढ़ोतरी भी हो रही है। देश के विभिन्न भागों से स्टार्टअप के क्षेत्र में लोग काफी आगे आ रहे हैं, जिसके कारण देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी उनकी अलग पहचान बन चुकी है। ऐसे में युवा वर्ग को प्रोत्साहित करने और स्टार्टअप के दौरान आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की ओर से मेगा स्टार्टअप कैंपेन शुरू किया गया है।

यहां पर जो भी युवा, छात्र और छात्राएं अपने नए आइडिया के साथ आएंगे, उनको इनक्यूबेट किया जाएगा और युवाओं को स्टार्टअप के लिए फंड़िंग के रूप में भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से ₹1000000 तक के जो अनुदान की व्यवस्था की गई है, को दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके सम्बन्ध में प्रोफेसर आर. एस. सेंगर निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट ने बताया जिस छात्र का स्टार्टअप आइडिया अच्छा होगा उसको भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है।

प्रमुख रूप से वैसे तो कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा कृषि के अन्तर्गत आने वाले स्टार्टअप को ही आगे बढ़ाया जाएगा, लेकिन इसके अलावा आईटी, मोबाइल एप, ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग और प्लास्टिक रिप्लेसमेंट सहित इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट से संबंधित आईडियाज को भी इनक्यूबेट किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के द्वारा जो फंड देने की व्यवस्था की गई है, उसके अन्तर्गत उनका पूरा मार्गदर्शन भी किया जाएगा और कृषि विश्वविद्यालय में ही युवाओं को वर्कप्लेस भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे वह अपनी कंपनी को नई दिशा देकर एक अच्छी उड़ान भर सके।

कृषि विश्वविद्यालय का लक्ष्य युवाओं को रोजगार देने के साथ उद्योगों की मांग पूरी करना भी है।

                                                                             

कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर निर्देशक, ट्रंनिंग एंड प्लेसमेंट ने बताया कि स्टार्टअप और स्किल डेवलपमेंट के जरिए हमारा उद्देश्य युवाओं को रोजगार देने के साथ ही इस क्षेत्र के उद्योगों की मांग पूरी करना भी है, ताकि केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश को भी खुशहाल बनाया जा सके। स्टार्टअप के जरिए बेहतर टैलेंट को आगे बढ़ाने के लगातार प्रयास भी किया जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं, उन्होंने यह भी कहा कि किसी को स्टार्टअप के लिए मैन्युफैक्चरिंग कॉन्सेप्ट को लेकर जानकारी की आवश्यकता होगी तो उसके लिए भी युवाओं का भरपूर सहयोग किया जाएगा।

इसके लिए विश्वविद्यालय में परियोजना के सहायक अन्वेषक के रूप में प्रोफेसर डी. बी. सिंह, प्रोफेसर शालिनी गुप्ता, डॉक्टर शैलजा और डॉ देश दीपक भी जिम्मेदारी दी गई है।

कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर  के. के. सिंह स्टार्टअप की शुरुआत करने के लिए मशरूम के क्षेत्र में प्रोफेसर गोपाल सिंह, एनिमल साइंस के क्षेत्र को बढ़ावा करने के लिए प्रोफेसर वी. पी. सिंह, पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी के लिए प्रोफेसर सुरेश चंद्र तथा एनिमल में वैक्सीन के विकास के लिए डॉक्टर अमित बालियान को जल्द से जल्द स्टार्टअप के आइडिया को इनकुवेट करने के लिए कहा गया है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।