तकनीक का बेहतर ज्ञान दिला सकता है आपको अच्छे परिणाम

        तकनीक का बेहतर ज्ञान दिला सकता है आपको अच्छे परिणाम

                                                                                                                                                                                     प्रोफेसर आर एस सेंगर

वर्तमान नए युग में नई-नई तकनीक और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है, जिनमें से अधिकतर आज की युवा पीढ़ी अच्छी तरह से समझ रही है। यह विज्ञान के ऐसे शक्तिशाली उपकरण है जो आज के युवाओं के साथ ही समाज में भी तेजी से बदलाव ला रहे हैं। लेकिन जिस तीव्र गति से यह बदलाव हो रहे हैं उससे कहीं अधिक तेजी से चुनौतियां भी सामने आ रही हैं।

जेनरेटिव आई, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नालॉजियों को अगर उचित तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो इससे नुकसान होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है, क्योंकि हम एक नये टेक्नोलॉजी युग की कगार पर खड़े हैं, इसलिए नई टेक्नोलॉजी की चुनौतियों का सामना करने और एक ऐसा भविष्य बनाने का समय आ गया है जिस पर हम गर्व कर सके और उसका सही इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ सके।

यदि आपको सही जानकारी है तो आप सुरक्षित रहते हुए आगे बढ़ सकेंगे और यदि जानकारी का अभाव आप में है तो आप इसके शिकार भी हो सकते हैं और आप को नुकसान भी हो सकता है। इसलिए तकनीकी का सही इस्तेमाल करना सीखें, जिससे आप अपने जीवन में काफी आगे बढ़ सके।

टेक्नोलॉजी की पहचान और शिक्षा है जरूरी

                                                                         

सबसे पहले आपको किसी भी टेक्नोलॉजी को विशेष रूप से समझने की आवश्यकता है, ताकि इस बात को समझा जा सके कि इस टेक्नोलॉजी की नैतिक चुनौतियां आखिरकार है क्या। एक बार उनकी सही पहचान हो जाने पर मजबूत डिजिटल नैतिक जोखिम रणनीति के निर्माण और कार्यमन के लिए ज्ञान और सारे खंड की आवश्यकता पड़ेगी। यह शिक्षा कार्यशालाओं और सेमिनारों आदि के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

नैतिकता की संस्कृति को देना होगा बढ़ावा

आज के युवाओं और संगठनों की नैतिकता की संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए। मानसिकता में आने वाले बदलाव भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उभरती टेक्नोलॉजी द्वारा उत्पन्न नैतिक चुनौतियां, नेतृत्व की समस्या है ना कि केवल एक टेक्नोलॉजी की।

चुनौतियों के प्रति एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाएं

                                                                                

चुनौतियों के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण के अन्तर्गत इनके विश्लेषण के साथ एक प्रभावी रणनीति का निर्माण भी शामिल होता है। इसके अलावा लक्षण और उद्देश्यों को परिष्कृत करना कार्यक्रम के अनुपालन और उसके प्रभाव के दृष्टिकोण पर निर्णय लेना आदि शामिल होते है। इसके लिए प्रौद्योगिकी सामान्य परामर्श और साइबर सुरक्षा से जुड़े अनुभवी पेशेवरों को सहायता दी जा सकती है।

अपने काम में सामंजस्य से स्थापित करने का प्रयास करें

यदि आप एक पेशेवर हैं तो आपको नई तकनीक और कार्यशैली शैली के बीच संमजस्य स्थापित करना चाहिए। अपने विभाग खुद के एक सहकर्मी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियां को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें। इसकी अतिरिक्त नए वर्कफ्लो और कंप्यूटर इंटरेक्शन का एक सही संतुलन खोजने की कोशिश करें। यदि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आप टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल आसानी से कर सकेंगे।

टेक्नोलॉजी का विश्लेषण अवश्य करें

                                                                               

रणनीति बनाने से पहले आपको विश्लेषण आवश्यक रूप से करना चाहिए, जिसमें यह शामिल हो कि आने वाली नैतिक जिम्मेदारियां या दुष्परिणामों से खुद को सुरक्षित कैसे रखा जाए और उससे बचाव के संदर्भ में क्या उपाय करना चाहिए। यह रणनीति तकनीकी संसाधनों से इतर होनी चाहिए, जिसमें नैतिक निहितार्था के नेतृत्व पर भी जोड़ दिया जाना चाहिए।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।