शेयर बाजार के क्षेत्र में भी करियर को दी जा सकती हैं एक नई दिशा Publish Date : 12/06/2024
शेयर बाजार के क्षेत्र में भी करियर को दी जा सकती हैं एक नई दिशा
डॉ0 आर. एस. सेंगर
पिछले कुछ दिनों से भारतीय शेयर बाजार में लगभग प्रतिदिन ही म्युचुअल फंड और एसआईपी आदि के बारे में कुछ ना कुछ नया सुनने और देखने को मिल ही जाता है, क्योंकि वर्तमान में कम समय में अधिक पैसा कमाने का यह एक आकर्षक माध्यम माना जाने लगा है। इसके लिए अब कई ऑनलाइन ब्रोकर कंपनी और भी सामने आ गई है, जो कम और प्रतिस्पर्धी शुल्क पर एप के माध्यम से अपने ग्राहकों को उनके स्मार्टफोन पर ही सभी सेवाएं उपलब्ध कराने लगी है।
देश के डिस्टलीकरण के बाद इस क्षेत्र का अब और तेजी से विस्तार हो रहा है। भारतीय युवा वर्ग इसमें विशेष रूप से सबसे ज्यादा रुचि ले रहे हैं और सिर्फ रुचि ही नहीं ले रहे हैं बल्कि सफल निवेशकों से प्रेरित होकर अपनी कमाई का अच्छा खासा पैसा भी इसमें निवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि यह नौकरी के साथ-साथ रोजगार के लिए भी अच्छा क्षेत्र बन उभरकर यह सामने आया है बस आपकी इसमें रुचि और अच्छी समझ होने के बाद ही इस क्षेत्र में आगे बढ़ा जाना सुरक्षित होता है।
युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है शेयर बाजार करियर
वर्तमान समय में करियर के लिहाज से शेयर बाजार युवाओं के लिए एक बढ़िया क्षेत्र बनता जा रहा है। यहां पर निवेश विश्लेषण, वित्तीय सलाह और धन प्रबंधन जैसी करियर क्षेत्र में विविध अवसर उपलब्ध हैं। यदि जॉब प्रोफाइल की बात करें तो यहां समुचित कुशलता हासिल करके इक्विटी, डेरिवेटिव्स डीलर आदि का काम कर सकते हैं, जो डेरिवेटिव मार्केट में ट्रेडिंग पर काम करते हैं।
एक रिसर्च एनालिस्ट के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं, जो निवेश नियमों के लिए डाटा का विशेषण करते हैं। आप वित्तीय सलाहकार भी बन सकते हैं जो ग्राहकों के लिए वित्तीय योजनाएं बनाने में उनकी मदद करते हैं। इसके अलावा पोर्टफोलियो प्रबंधन बनने का विकल्प भी आपके सामने होता है। यह प्रोफेशनल निवेश पोर्टफोलियो की देखरेख करते हैं।
इस तरह के अवसर इन दोनों निवेश बैंकिंग स्टार्टअप और फिंच से जुड़ी कंपनियों में सबसे अधिक देखे जा रहे हैं, जहां युवाओं को जॉब मिल सकती है। ऐसी जगह पर काम करते हुए आपको एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग, डिजिटल फाइनेंस जैसे नए प्रयोग को सीखने के मौके मिलेंगे। बाजार के रुझानों का पूर्वानुमान लगाने निवेशकों के व्यवहार को समझने वैश्विक आर्थिक संकेत की जटिलताओं को जान ने संख्यात्मक कौशल ग्राहक सेवा क्षमता और जरूरी प्रौद्योगिकी के प्रति कुशलता विकसित करने में भी मदद मिलेगी, जो कि इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के दौरान आपके काफी काम आने वाला है।
इस क्षेत्र में ऐसे पाएं एंट्री
यह वित्तीय निवेश से जुड़ा हुआ क्षेत्र होता है, इसलिए यदि आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि वित्त अर्थशास्त्र या व्यवसाय प्रबंधन से जुड़ी है तो आपकी समझ अधिक अच्छी होगी। इसके बाद एन आई एस एम एन सी एफ एस और सीएमडी जैसे प्रमाण पत्र और पाठ्यक्रमों के माध्यम से वित्तीय विश्लेषण हुआ पोर्टफोलियो प्रबंधन में विशेषज्ञता भी हासिल करनी होगी। यह सर्टिफिकेशन कोर्स पूरा करने के बाद, ब्रोकरेज फॉर्मा वित्तीय संस्थानों एवं निवेश बैंकों में इंटर्नशिप भी करनी आवश्यक होती है।
इसे व्यावहारिक अनुभव और नेटवर्किंग के अवसर अच्छे मिलने लगते हैं। आजकल बहुत सी संस्थाओं की ओर से पीजी प्रोग्राम इन सिक्योरिटीज मार्केट, एडवांस्ड डिप्लोमा इन स्टॉक मार्केट जैसे शेयर बाजार से जुड़े प्रोफेशनल कोर्स भी कराए जा रहे हैं, जो आप अपनी सुविधा अनुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कर सकते हैं।
शेयर बाजार स्टॉक मार्केट स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए समुचित कोर्स करने के अलावा आपको इसकी अन्य क्रियाओं को सीखने पर भी ध्यान देना होगा। इसके लिए कुछ मुख्य संस्थान इस प्रकार से हैं-
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटीज मार्केट मुंबई
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फाइनेंशियल मार्केट दिल्ली
डीआरपीआई इंस्टीट्यूट नोएडा आदि।
इस क्षेत्र में कैसा होता है सैलरी पैकेज
वर्तमान समय में भारतीय शेयर बाजार पांच खरब डॉलर का हो चुका है। भारतीय शेयर बाजार का आकर इस तरह बढ़ रहा है, इसीलिए इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं मौजूद है। इस उपलब्धि से भारत अब अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग की कतार में आ गया है। वर्ष 1875 में हुई मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना हुई थी, जो भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज में से एक है। वर्ष 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना की गई थी तब से इस क्षेत्र में लगातार वृद्धि और तेजी से उछाल आता जा रहा है।
शेयर बाजार और इससे संबंधित स्टार्टअप फॉर्म्स में शुरुआती स्तर पर वेतन पैकेज युवा पेशवरों के कौशल और विशेषज्ञ के अनुसार भिन्न होते हैं। साथ ही यह आपकी भूमिका और कंपनी के मार्केट साइज पर भी निर्भर करता है।
लेखक: निदेशक ट्रेंनिंग आफ प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।