बात कमजोर एवं मजबूत पक्ष की

                      बात कमजोर एवं मजबूत पक्ष की

                                                                                                                                                                     डॉ0 आर. एस. सेंगर

सफलता वही पाता है जो निरंतर कोशिश करता रहता है।

उम्मीद्वार अपनी कमजोरियों को खूबी बनाकर पेश करें ।

यदि इंटरव्यू में कमियों पर सवाल पूछ ही लिया जाए, तो जवाब रचनात्मक तरीके से देना चाहिए-

                                                                       

इंटरव्यू के दौरान प्रबंधक द्वारा यह सवाल अवश्य पूछा जाता है कि आपकी सबसे बड़ी ताकत और कमजोरी क्या है? हालांकि, इंटरव्यू में पूछा गया यह प्रश्न बाकी प्रश्नों की तुलना में आसान लग सकता है। लेकिन वास्तवमें यह सबसे मुश्किल सवालों में से एक है, क्योंकि नए विचारों के अभाव में अक्सर पेशेवर इस पारंपरिक प्रश्न का जवाब उचित तरीके से दे पाने में असमर्थ

होते हैं। इसलिए अपने विचारों में नवीनता लाएं और उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि आप केवल नौकरी के लिए अच्छे पेशेवर ही नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान भी हैं।

क्षमताओं के बारे में विस्तार से बात करें

इंटरव्यू के दौरान यदि आप से आपके मजबूत पक्ष के बारे में सवाल पूछा जाए तो आपको अपने मजबूत पक्षों के स्थान पर साक्षात्कारकर्ताओं को अपनी क्षमताओं के बारे में बताने का प्रयास करना चाहिए। जो कि न केवल प्रभावशाली हों, अपितु वतमान संदर्भ में अधिक प्रासांगिक भी हों। इसके साथ ही इंटव्यू के दौरान अपनी खूबियों और शैक्षणिक योग्यताओं के सम्बन्ध में बताना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

अपने कौशल को दें एक नया रूप

अधिकतर पेशेवरों के पास कंपनी में कार्य करने के लिए जरूरी कौशल तो होते हैं, लेकिन कंपनी में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कुछ विशेष कौशलों का होना अधिक मायने रखता है। अगर आपके पास एक अच्छा संचार कौशल है, तो उन्हें बताएं कि आप इस खूबी से सार्वजनिक तौर पर प्रेजेंटेशन देने में बिल्कुल भी झिझक महसूस नहीं करेंगे। यदि आपकी नेतृत्व शैली अच्छी है, तो इस कौशल से आप कंपनी के सदस्यों का सहयोग कर सकते हैं।

कमजोरी में खूबी तलाशें

                                                                           

अपनी कमजोरियों को प्रबंधक के सामने रचनात्मक ढंग से रखकर आप इस प्रश्न का जवाब प्रभावी तरीके से दे सकते हैं। ऐसा करने से आपके कमजोर पक्ष भी आपकी खूबी को दर्शाएंगे। अपनी कमजोरियों के बारे में बताते समय प्रबंधक के समक्ष इसे एक चुनौती के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करें। ऐसी कमजोरियों का जिक्र न करें, जिसमें सुधार करने की गुंजाइश न हो, बल्कि उन कमियों को बता सकते हैं, जिसमें आसानी से सुधार किया जा सकता है।

अपने प्रयासों के बारे में बताएं

प्रबंधक ऐसे पेशेवरों के चयन को अधिक प्राथमिकता देते हैं, जिनकी क्षमताएं एवं कौशल कंपनी के लिए लाभदायक हों । इसलिए इंटरव्यू के दौरान प्रबंधक से अपनी उन कमजोरियों का जिक्र न करें, जो नौकरी की भूमिका से मेल खाती हों। इसके अलावा अपनी कमजोरियों को तीन भागों में बांटें। पहले अपनी कमजोरियों के बारे में बताएं, फिर कमजोरियों के मामूली परिणामों का जिक्र करें और अंत में उन्हें बताएं कि आप अपनी कमियों को दूर करने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं और साथ ही इन प्रयासों से होने वाले लाभों से भी अवगत कराएं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।