बायोटेक इंजीनियरिंग कम्रिअर के लिए एक उभरता हुआ क्षेत्र      Publish Date : 02/05/2024

                बायोटेक इंजीनियरिंग कम्रिअर के लिए एक उभरता हुआ क्षेत्र

                                                                                                                                                                            डॉ0 आर. एस. सेंगर

शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ एनालिटिकल और कम्युनिकेशन स्किल्स का होना भी जरूरी

                                                                  

बायोटेक इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग को मिलाकर अलग-अलग तरह की नई तकनीक और उत्पाद बनाए जाते हैं। गौरतलब है कि बायोटेक इंजीनियरिंग में हम जैविक चीजों और प्रणालियों का अध्ययन करते हैं और फिर उनके आधार पर नई-नई प्रक्रिया विकसित करते हैं, जैसे- पौधों, जीवाणुओं या जानवरों के शरीर की कार्य प्रणाली का अध्ययन करके नई दवाइयां, वैक्सीन या कीटनाशक आदि को बनाया जा सकता हैं।

ऐसे में यदि आप इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, तो आपके पास निर्धारित पात्रताओं के साथ-साथ सामान्य जानकारी भी होनी आवश्यक है।

बारहवीं कक्षा से ही करें तैयारी

बायोटेक इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले बारहवीं कक्षा पीसीबी यानी कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी विषय से पास करनी होगी। हालांकि बहुत से कॉलेज में गणित विषय को एडमिशन के लिए अनिवार्य माना जाता है।

                                                                             

इसलिए बारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय के साथ गणित की भी पढ़ाई करते रहें। उसके बाद इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जैसे कि जेईई आदि के माध्यम से आप प्रवेश परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला ले सकते हैं। इसके लिए छात्र चार साल का अंडर ग्रेजुएट कोर्स, बीटेक कर सकते हैं या दो साल का पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स, एमटेक कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त दसवीं या बारहवीं कक्षा के बाद आप तीन साल का पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं।

कुछ चुनिंदा कॉलेज

इस क्षेत्र के कोर्सेज में दाखिला लेने के लिए आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर, एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईआईटी रुड़की, एनआईटी राउरकेला, आईआईटी हैदराबाद, एनआईटी वारंगल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और बीएचयू जैसे संस्थानों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवश्यक कौशल

एक कुशल बायोटेक इंजीनियर बनने के लिए आपके अंदर कुछ आवश्यक कौशल का होना जरूरी है। जैसे- कॉम्प्लेक्स प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल, एनालिटिकल स्किल, इनोवेटिव थिंकिंग स्किल और कम्युनिकेशन स्किल इत्यादि। इसके अतिरिक्त पीसीआर (पॉलीमर चेन रिएक्शन), जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस आदि को अच्छे से सीख लेते हैं, तो यहाँ आपके लिए बेहतर कॅरिअर के अवसर मौजूद हैं।

अपार अवसर

आप अपनी रुचि के आधार पर एनिमल हसबेंडरी, मेडिसिन, एग्रीकल्चर, जेनेटिक इंजीनियरिंग, हेल्थ केयर, एन्वॉयरमेंट कंजर्वेशन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े क्षेत्र में काम कर सकते हैं। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल्स कंपनीज, सरकारी और प्राइवेट रिसर्च लैब, एनालिसिस लेबोरेटरीज, एग्रीकल्चरल रिसर्च लैब बायोटेक इंजीनियर को हायर करती हैं। आगे आप बायोटेक्नोलॉजिस्ट, लैब टेक्निशियन रिसर्च एसोसिएट, शिक्षक और प्रोफेसर इत्यादि पद पर काम कर सकते हैं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।