कैरियर गोथ में विघ्न डाल सकती है गॉसिप की आदत Publish Date : 05/04/2024
कैरियर गोथ में विघ्न डाल सकती है गॉसिप की आदत
डॉ0 आर. एस. सेंगर
यदि आप कामकाजी हैं तो हो सकता है कि ‘ऑफिस वाइलेंस’ नामक शब्द के बारे में आपने सुन रखा हो। हम में से अधिकतर लोग समझते हैं कि हिंसा यानी वाइलेंस शब्द का अर्थ है किसी को शारीरिक नुकसान पहुंचाना। लेकिन हम आपको बता दें कि हिंसा मानसिक भी होती है और वह कहीं अधिक कष्टकारी होती है। ऑफिस में गॉसिप, अफवाहें वगैरह फैलाना आदि ऑफिस वाइलेंस के अंतर्गत ही आता है और गॉसिप आपके करियर में बाधक भी बन सकती है।
यदि आप करियर ओरिएंटेड होने के साथ ही गॉसिप का हिस्सा भी हैं तो आपको इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है, आज आप जिसके बारे में अफवाह या चटपटी बातों का हिस्सा हैं, हो सकता है कि कल की वो दूसरी कंपनी में शिफ्ट हो जाए, उसकी पोजिशन बढ़ जाए। ऐसे में कभी यदि आपकी कही हुई बातें उसे कहीं से पता चल गई और आपका उस कंपनी के लिए कोई इंटरव्यू हुआ तो क्या आपको ऐसे में यह लगता है कि आपको वहां लिया जाएगा?
अतः बेहतर होगा कि ऑफिस में गॉसिप की अपनी आदत पर तत्काल लगाम लगा लें। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप अपने कलीम्स, बाँस वगैरह के साथ अनौपचारिक बातें न करें, बातचीत को एंजॉय न करें, लेकिन जिस जगह आपको महसूस ही कि यह बातचीत किसी की बुराई या चरित्र हनन की ओर बढ़ रही है, अपने आपको संयत कर लें ताकि आप इस तरह की गपशप का हिस्सा न बनें।
गॉसिप हर बार बुरी नहीं होती। खासतौर पर तब, जब वह किसी परिस्थिति के बारे में हो और गॉसिप में शामिल सभी लोग इसका आनंद ले रहे हों या फिर जिस व्यक्ति के बारे में हो रही हो, वह खुद वहां मौजूद हो कर इसके मजे ले रहा हो, जिसे हम दूसरे शब्दों में टांग खिचाई या लेग पुलिंग कहते हैं। इस तरह का कैशुअल कन्वर्सेशन कलीग्स को एक-दूसरे के नजदीक लाता है। अतः ऐसी गॉसिप का हिस्सा जरूर बनिए।
यदि ऑफिस में किसी की कोई बात या व्यहार आपको अच्छा न लगा हो और इससे आपका मन खिन्न हो तो खुद को ‘कूल डाउन’ होने का समय दें। जब आप शांत हो जाएं तो बजाय उस बात को ऑफिस के किसी दूसरे कलीग से डिस्कस करने के, उसी व्यक्ति के साथ चर्चा कीजिए, जिसकी बात आपको बुरी लगी थी। उन्हें बताइए कि क्यों आपको यह बात अच्छी नहीं लगी। हो सकता है कि उनका जवाब सुनने के बाद आपको पता चले कि उन्होंने ऐसा जानबूझ कर नहीं किया, बल्कि उनका तो आपको हर्ट करने का कोई इरादा भी नहीं था।
इस तरह आपकी बॉन्डिंग उनके साथ और बेहतर हो सकती है। यदि आप कहीं ऐसी स्थिति में फंस गए हैं, जहां गॉसिप सुनने के अलावा कोई चारा नहीं है तो अपने एक्स्प्रेशन्स का पूरा फायदा उठाइए। चुप रहना, चेहरे पर ब्लैक एक्स्प्रेशन रखना या फिर केवल हल्की-सी जबरन ओढ़ी हुई सौ मुस्कान ला कर यह जता दीजिए कि इस बातचीत में आपको कोई खास दिलचस्पी नहीं है।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।