
दुनिया के विनाश के वैज्ञानिक तथ्य Publish Date : 17/02/2025
दुनिया के विनाश के वैज्ञानिक तथ्य
दुनिया के समाप्त होने के कयास सदैव ही लगाए जाते रहे हैं ऐसे में न्यूटन की इस डरावनी भविष्यवाणी में बताया गया है कि कब और कैसे खत्म हो जाएगें इंसान!
न्यूटन के द्वारा न केवल गुरुत्वाकर्षण के नियमों की खोज की गई, बल्कि उन्होंने दुनिया के अंत की एक डरावनी भविष्यवाणी भी की थी। अपनी इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस स्टडी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
न्यूटन ने की थी यह डरावनी भविष्यवाणी
दुनिया के अंत की भविष्यवाणी केवल ज्योतिष ही नही, बल्कि एक विख्यात वैज्ञानिक ने भी की है। इस महान वैज्ञानिक का नाम आइजैक न्यूटन है। वैज्ञानिक न्यूटन ने न केवल गुरुत्वाकर्षण के नियमों की खोज की थी, बल्कि उन्होंने दुनिया के अंत को लेकर भी एक डरावनी भविष्यवाणी की थी।
इस साल तक पूरी तरह से खत्म हो जाएगी दुनिया
न्यूटन के अनुसार, साल 2060 में दुनिया एक बड़े बदलाव या रीसेट की ओर बढ़ सकती है। न्यूटन ने अंत शब्द के स्थान पर रीसेट शब्द का उपयोग किया, जिससे ये संकेत मिलता है कि साल 2060 में पृथ्वी पर तबाही के बजाय एक नए युग की शुरुआत होगी।
बाइबिल में भी भविष्यवाणी की गणना
इस वैज्ञानिक ने अपनी भविष्यवाणी की बात बाइबिल के बुक ऑफ डेनियल से की थी। उन्होंने धार्मिक ग्रंथों की तारीखों का अध्ययन कर 1260 सालों की अवधि की गणना की, जो 800 ईस्वी से शुरू होकर 2060 में जाकर खत्म होती है.
न्यूटन ने बताया 1260 सालों का रहस्य
न्यूटन ने चर्च के उदय की तारीख 800 ईस्वी मानी, जब रोमन साम्राज्य बना था। इस तारीख में 1260 वर्ष जोड़कर उन्होंने 2060 को दुनिया में बड़े बदलाव का वर्ष बताया।
इस साल के बाद आ जाएगा शांति का युग?
इस महान वैज्ञानिक का मानना था कि वर्ष 2060 के बाद संसार में ईसा मसीह और संतों का आगमन होगा। न्यूटन के अनुसार, इसके बाद पृथ्वी पर 1000 सालों तक शांति और समृद्धि का साम्राज्य स्थापित होगा।
कैसा होगा अंत का वो साल?
न्यूटन के द्वारा की गई इस भविष्यवाणी से डरने की जरूरत नहीं, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या 2060 में कोई बड़ा वैश्विक परिवर्तन होगा। हालांकि, अभी यह भविष्य की गोद में ही छुपा हुआ है, लेकिन उनकी भविष्यवाणी आज भी एक रहस्य ही बनी हुई है।
धर्म और विज्ञान का अनोखा मेल
आपको बता दें कि आइजैक न्यूटन सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक दार्शनिक Natural Philosopher भी थे। उनके लिए धर्म और विज्ञान में कोई बड़ा अंतर नहीं था, दोनों को वह समान रूप से ही महत्वपूर्ण मानते थे।
क्या सच होगी यह भविष्यवाणी?
न्यूटन की गणनाएं उनके धार्मिक विश्वासों से प्रेरित थीं, इसलिए इन्हें पूरी तरह वैज्ञानिक तथ्य नहीं माना जा सकता। लेकिन फिर भी, उनकी भविष्यवाणी ने लोगों में जिज्ञासा और बहस को जन्म दिया है।