खुशियों को बढ़ाने का मंत्र Publish Date : 07/05/2024
खुशियों को बढ़ाने का मंत्र
डॉ0 राकेश सिंह सेंगर
हंसना, मात्र कोई मनोरंजन नहीं है, यह आपके शरीर का सबसे अच्छा उपचार भी है। इंस्टीट्यूट ऑफ हैप्पीनेस स्टडीज के प्रमुख डॉ. जेन स्मिथ कहते हैं कि हंसी सिर्फ आपके चेहरे को ही नही चमकाती है, बल्कि यह आपके मस्तिष्क को अच्छा महसूस कराने वाले एंडोर्फिन नामक हार्मोन से भर देती है, और खुली बांहों के साथ खुशी का स्वागत करती है।
हालांकि हर स्थिति में हंसना संभव नहीं हो सकता, लेकिन कई तरीके हैं, जिनसे आप -अपने हर दिन को और अधिक हंसी से भर सकते हैं, जैसे कॉमेडी शो देखने से लेकर जानवरों के मजेदार वीडियो देखने तक, कॉमिक्स पढ़ने से लेकर लाफिंग क्लब में भाग लेने तक, हंसने का अभ्यास अच्छा है, क्योंकि 15 मिनट की हंसी 2 घंटे की नींद के बराबर होती है। अपने उन अनुभवों में निवेश करें, जो अच्छी यादें बनाएं, जैसे घूमने जाना, कुछ नया सीखना आदि।
दूसरों के लिए कुछ करना या किसी और की खुशी का समर्थन करना हमें खुद को खुश करने की कोशिश करने से कहीं अधिक खुशी प्रदान करता है। मतलब जीवन में अधिक खुशी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक अच्छे, सहायक सामाजिक रिश्ते हैं और जब आपके चेहरे पर मुस्कान रहती हो, तो सामाजिक रिश्ते खुद-ब-खुद बनने भी लगते हैं।
- अपने जीवन की छोटी-बड़ी, अच्छी चीजों की सराहना करें। कृतज्ञता का अभ्यास करें।
- प्रकृति की सराहना करें। इस तरह वर्तमान क्षण में मौजूद रहकर, आप
- जीवन की साधारण खुशियों का आनंद ले सकते हैं।
यह हैं खुशी के चार रसायन
एंडोफिन
अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट की मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। मजेदार लोगों के साथ समय बिताएं या कॉमेडी फिल्में देखें।
ऑक्सीटोसिन
विश्वास, जुड़ाव और सहानुभूति की भावनाओं को बढ़ाने वाले इस हार्मोन के लिए अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं। मजबूत सामाजिक बंधन बनाएं। दूसरों की मदद करें और आभार प्रकट करते रहें।
सेरोटोनिन
भलाई और संतुष्टि की भावनाओं से जुड़ा एक हार्मोन, जिसका स्राव सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से बढ़ जाता है। इसलिए रोजाना कम से कम 15-20 मिनट धूप में रहने का लक्ष्य बनाएं, नियमित व्यायाम करें या टहलने जाएं।
डोपामाइन
जिन चीजों को करने में आपको मजा आता है, उससे डोपामाइन हार्मोन का स्राव बढ़ता है, जिससे आपको खुशी का अनुभव होता है। जैसे कि खेल में भाग लेना, किसी शौक को पूरा करना आदि। तो हर दिन इस हार्मोन को उच्च रखने की कोशिश करें।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।