सामान्य ज्ञान Publish Date : 26/11/2024
सामान्य ज्ञान
प्रोफेसर आर. एस. सेगर
क्रिस्टल क्या है?
- भौतिकविदों ने लेजर का उपयोग कर रूबिडियम परमाणुओं को उनके सामान्य आकार से सैंकड़ों गुना बड़ा कर एक नवीन प्रकार के टाइम क्रिस्टल का विकास किया है।
- इस टाइम क्रिस्टल की खोज से परमाणु अपनी ऊर्जा का नाश किए बिना ही दो अवस्थाओं के बीच दोलन करने में सक्षम हो सकेंगे।
- सर्वप्रथम वर्ष 2012 में नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी विल्जेक के द्वारा टाइम क्रिस्टल की अवधारणा का प्रस्ताव रखा गया था।
- क्रिस्टल परमाणुओं की एक ऐसी व्यवस्था होती है जो कि एक नियमित अंतराल पर अंतरिक्ष के अंदर अपने आपको दोहराती रहती है।
- टाइम क्रिस्टल एक क्वांटम सिस्टम है, जहाँ कण गति के एक पैटर्न में व्यवस्थित रहते हैं और समय समय पर अपने आपको दोहराते रहते हैं।
- शोधकर्ताओं के द्वारा इसकी खोज के लिए लेजर प्रकाश और राइडबर्ग पराणुओं का उपयोग किया गया, जिससे टाइम क्रिस्टल को बनाने में सफलता प्राप्त हुई।
- यह सेंसर, वायरलेस संचार और क्वांटम प्रौद्योगिकी में नई संभावनाओं और उसके सम्भावित अनुप्रयोगों को प्रदान करता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।