अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस 15 फरवरी पर विशेष Publish Date : 15/02/2024
अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस 15 फरवरी पर विशेष
डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
ताकि बच्चों में बनी रहे मुस्कान
यदि हम बच्चों में कैंसर की बात करें तो लगभग 100 में से 3 या 5 बच्चों में अलग-अलग प्रकार के कैंसर होते हैं। इसमें सबसे सामान्य प्रकार के कैंसर है 1. रक्त कैंसर और 2. ब्रेन ट्यूमर। हालांकि जागरूकता ही बच्चों में कैंसर से सबसे बड़ा बचाव है और यदि किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत बच्चों के कैंसर विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। इस रोग के प्रति आपकी यह गंभीरता ही इससे बच्चों को सटीक तरीके से बचा सकती हैं।
ज्ञात नहीं है कारण तो क्या करें?
बच्चों में कैंसर होने का कोई ज्ञात कारण वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, इसे चिकित्सीय भाषा में इथियोपिक कहा जाता है। वहीं वयस्कों में जो कैंसर के मामले देखे जाते हैं उनका एक ठोस कारण होता है। जीवन शैली से बच्चों के कैंसर का सीधा संबंध होता है। परन्तु बच्चों में कैंसर का एक कारण अनुवांशिक भी हो सकता है हालांकि यह बहुत ही दुर्लभ होता है।
बच्चों में कैंसर के प्रमुख इन लक्षणों को कदापि अनदेखा न करें-
- जब बच्चे में वजन में अचानक ही कमी आने लगे।
- सुबह के समय अक्सर सिर दर्द या मितली का आना।
- बार-बार दौरों का पडना।
- त्वचा पर गहरे लाल रंग के धब्बों का होना।
- शरीर से रक्त स्राव अक्सर और अचानक से हो जाना।
- हड्डियों जोड़ो पीठ या पैरों में निरंतर सूजन या दर्द रहना और बार-बार बुखार आना।
समय पर उपचार से बनी रहेगी मासूमों की मुस्कान
एक अध्ययन के अनुसार भारत में हर साल लगभग 50,000 से अधिक बच्चों के कैंसर के मामले सामने आते हैं और यदि इनका समय पर उपचार कराया जाए तो वह पूरी तरह से स्वस्थ हो सकते हैं। अतः प्रयास करें कि बच्चों में कैंसर से जुड़े लक्षणों को लेकर सचेत रहें ताकि इसका प्रभावी उपचार सुनिश्चित किया जा सके।
बच्चों में कैंसर क्यों होता है इसका अभी तक कोई स्पष्ट कारण उपलब्ध नहीं हो सका है। लेकिन कैंसर के लक्षणों के प्रति सजग रहने व उचित समय पर उचित उपचार के माध्यम से कैंसी से बचाव संभव है। इसके लिए कुछ लक्षणों के सामने आने पर आप किसी भी बाल कैंसर रोग विशेषज्ञ से मिलकर बच्चे इलाज प्रारंभ कर सकते हैं।
लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।