कोशिकाओं को दुरुस्त करने में सक्षम जीन खोजा Publish Date : 21/10/2023
कोशिकाओं को दुरुस्त करने में सक्षम जीन खोजा
‘‘बेल्जियम के प्रतिष्ठित संस्थान में नए जीन का प्रयोगात्मक सत्यापन शुरू किया गया’’
पूरब के ऑक्सफोर्ड के नाम से विख्यात इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मानव के शरीर में पाए जाने वाले चार नए जीन की पहचान की है, जो स्टेम सेल की अलग-अलग कार्यात्मक अवस्थाओं में मौजूद रखने के लिए उत्त्रदायी होते हैं।
इन जीन की सहायता से शरीर की किसी भी कोशिका को रिपेयर करनें में मदद मिल सकती है। शरीर के किसी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने और स्वयं को अन्य कोशिकाओं में बदलने के गुण के कारण, यह नई खोज भविष्य में पार्किंसंस, मधुमेह, अल्जाइमर जैसे रोगों के उपचार में मददगार साबित हो सकती है।
इनफॉरमैटिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनूप सोम ने प्रयोगशाला में अपने शोध छात्र अरिंदम घोष के सहयोग से जीन (जेडएनएफ-232, जेडएनएफ-275, एसपी-4 एवं एमएसएएनटीडी-33) की पहचान की है। मानव बहुलता (प्लुरिपोटेंट) की स्थापना में यह महत्वपूर्ण है। जीनों का बेल्जियम के प्रतिष्ठित संस्थान में लैब में सत्यापन का काम चल रहा है। शोध एम्स्टर्डम के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित जर्नल (स्टेम सेल रिसर्च) में प्रकाशित हो चुका है।
भविष्य में होने वाले लाभ
1. यह चिकित्सीय क्लोनिंग और पुनर्याजी चिकित्सा में लाभ।
2. पार्किंसंस, अल्जाइमर और कैंसर आदि रोगों के उपचार में सहायता प्रदान कर सकता है।
3. स्टेम कोशिकाओं के द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों को प्रयोगशाला में विकसित करना आदि।
‘‘यह चारों भ्रूण स्टेम सेल हमारे शरीर के लिए बहुपयोगी हैं। स्टेम सेल शरीर के अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने में सहायता प्रदान करता है।
- डॉ. अनूप सोम, एसोसिएट प्रोफेसर
कोशिका कल्चर या जीवों में इन जीनों के महत्व के बारें में इनके अध्ययन के उपरांत ही हमें इनके वास्तविक महत्व का पता चल सकेगा।
- डॉ. अवध बिहारी, असिस्टेंट प्रोफेसर बायोटेक्नोलॉजी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।