
कृषि क्षेत्र में एआई का उपयोग Publish Date : 28/06/2025
कृषि क्षेत्र में एआई का उपयोग
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं इं0 कार्तिकेय
कृषि क्षेत्र में उभर रही नई क्रांतिः एआई सेंसर से सटीक और स्मार्ट खेती की खुली राह-
कृषि क्षेत्र में उभर रही नई क्रांतिः एआई सेंसर से सटीक और स्मार्ट खेती की खुली राह खेती-बाड़ी की लागत कम करके और फसलों की पैदावार बढ़ाकर एआई सेंसर कृषि क्षेत्र में नई क्रांति ला रहे हैं। मिट्टी की जांच से मौसम का हाल बताने तक इन सेंसर्स की भूमिका लगातार बढ़ रही है, जिससे खेती स्मार्ट और सटीक होती जा रही है।
पुराने तरीकों से खेती करने के बजाय किसान अब हाईटेक तकनीक अपना रहे हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग होता है। एआई आधारित सेंसर को कृषि की आंख, नाक और कान भी कह सकते हैं, जो खेती में नई क्रांति ला रहे हैं। इन स्मार्ट सेंसर्स के जरिए किसान मिट्टी की नमी एवं तापमान, हवा का तापमान, हवा में मौजूद नमी और मिट्टी के पोषक तत्वों की मात्रा का सटीक तरीके से पता लगा सकते हैं।
खेत में कब पानी देना है या फिर कौन-से उर्वरक की कितनी मात्रा डालनी है, ऐसे कई निर्णय लेना किसानों के लिए एआई सेंसर्स के उपयोग के कारण अब बेहद आसान हो गया है।
इलेिक्ट्रक करंट से मिट्टी की जांच
मिट्टी की नमी का पता लगाने के लिए सॉइल मॉइस्चर सेंसर एक उपयोगी उपकरण है। यह सेंसर अलग-अलग गहराई में मिट्टी में नमी के स्तर का पता लगाता है। इसके उपयोग से फसल को कब पानी देना है, इसका निर्णय किसान आसानी से ले सकते हैं। इस सेंसर को मिट्टी में लगाना होता है, जो गहराई में जाकर इलेक्ट्रिक करंट की सहायता से मिट्टी की जांच करता है। इसकी मदद से किसान फसल को सही मात्रा में पानी दे सकते हैं। इससे फसलों की वृद्धि अच्छी होती है और सिंचाई के खर्च में भी बचत होती है।
सूर्य के प्रकाश को भी मापें किसान
फसलों की अच्छी वृद्धि के लिए सूर्य का प्रकाश बेहद आवश्यक है। प्रकाश की मात्रा जांचने के लिए लाइट सेंसर का उपयोग होता है। ग्रीनहाउस में इसका उपयोग अधिक होता है। ग्रीनहाउस में तापमान और आर्द्रता संतुलित रखने के लिए यह सेंसर फसल की जरूरत के अनुसार प्रकाश को नियंत्रित करता है। इनडोर खेती में भी आर्टिफिशियल लाइट के साथ लाइट सेंसर का उपयोग लगातार बढ़ रहा है।
पीएच स्तर की करें निगरानी
पीएच सेंसर बेहद महत्वपूर्ण स्मार्ट कृषि उपकरण है। अच्छी फसल के लिए मिट्टी के पीएच का सही स्तर बेहद जरूरी है। पीएच स्तर सही होने से उर्वरकों का प्रभावी उपयोग भी सुनिश्चित होता है। पीएच सेंसर मिट्टी के वर्तमान और आदर्श पीएच स्तर को बताता है, जिससे पीएच को संतुलित रखना आसान हो जाता है। विशेष रूप से गन्ना उत्पादक किसानों के लिए यह सेंसर लाभकारी साबित हुआ है।
मिट्टी में पोषक तत्वों की करें पहचान
किसान सही जानकारी के अभाव में अक्सर अधिक मात्रा में उर्वरकों का इस्तेमाल करके मिट्टी और फसलों की सेहत बिगाड़ देते हैं। सॉइल न्यूट्रिएंट सेंसर मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा बताते हैं और सटीक मात्रा में उर्वरकों के उपयोग का सुझाव देते हैं। इससे उर्वरकों की बर्बादी कम होती है और मिट्टी एवं फसल, दोनों स्वस्थ रहते हैं। ये सेंसर दो प्रकार के होते हैं- इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर, जो विद्युत चालकता से पोषक तत्वों का पता लगाते हैं और स्पेक्ट्रोस्कोपिक सेंसर, जो प्रकाश के आधार पर जानकारी देते हैं।
मौसम पर भी रहेगी पैनी नजर
विभिन्न प्रकार के मौसम सेंसर या वेदर स्टेशन बाजार में उपलब्ध हैं। खेत के बीच में लगे ये सेंसर बारिश, तापमान, नमी, हवा की दिशा एवं गति बताते हैं। वेदर स्टेशन में सिम कार्ड भी लगाए जा सकते हैं, जो सीधे मोबाइल पर जानकारी भेजते हैं। कब कितनी बारिश होगी, तापमान कैसा रहेगा और उसके आधार पर कौन-से कीटों या रोगों का प्रकोप फसल में हो सकता है, इसकी जानकारी भी वेदर स्टेशन से मिल सकती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।