खाद ने खराब की मिट्टी की सेहत, तो अन्न का दम हुआ कम, बढ़ गए रोग      Publish Date : 24/06/2025

खाद ने खराब की मिट्टी की सेहत, तो अन्न का दम हुआ कम, बढ़ गए रोग

                                                                                                                                       प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

चिंताः कीटनाशक शरीर में घोल रहे जहर, धरती को कर रहे बंजर

रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अत्याधिक प्रयोग करने से हाइब्रिड बीजों से पैदावार भले ही बढ़ी हो, लेकिन अनाज में उपलब्ध आवश्यक पोषक तत्व निरंतर कम हो रहे हैं। इससे लोगों को भोजन से पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है और वे जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहे हैं।

मिट्टी का हाल

                                                       

इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आइसीएआर) और विधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन, तेलंगाना के 12 वैज्ञानिकों की अध्ययन रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि गेहूं और चावल का पोषक मूल्य पिछले 50 साल में 45 फीसदी तक कम हुआ है, जबकि आर्सेनिक, बेरियम की मात्रा इनमें बढ़ती जा रही है। इससे कैसर, किडनी और पेट की बीमारियां पैदा हो रही है। अगर ऐसा ही रहा तो वर्ष 2040 तक इन अनाजों की पोषकता बहुत कम हो जाएगी।

वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (एनआइएन) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मिट्टी में पोषक तत्वों कमी से फलों, सब्जियों, अनाज और दालों में आवश्यक पोषक तत्वों में कमी आई है, जो मानवीय स्वास्थ्य के लिए बड़ी चिंता का विषय है। उर्वरक और कीटनाशकों का अन्धाधुध प्रयोग करने के चलते अब धरती में नाइट्रोजन, पोटाश, आयरन और अन्य पोषक तत्वों की लगातार कमी हो रही है।

सभी राज्यों की मिट्टी है बीमार

                                                         

देश का ऐसा कोई जिला नहीं है. जहां जमीन में पोषक तत्वों की कमी नहीं है। कृषि विभाग को मिट्टी की जांच में कुछ जिलों के अलावा लगभग हर जिले में नाइट्रोजन की मात्रा कम मिली है।

अधिक उर्वरकों के प्रयोग से नुकसान

किसानों के खेतों की मिट्टी जांच रिपोर्ट के अनुसार पोषक तत्वों का उपयोग करना चाहिए। अधिक मात्रा में रासायनिक खाद का उपयोग करने से पौधा भी पूरी तरह से उसका उपयोग नहीं कर पाता है अतः सही संतुलन बहुत जरूरी है।

हाइब्रिड बीज दे रहे एलर्जी

फसलों में रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अधिक उपयोग करने से कैंसर, किडनी, पेट, फेफड़ों और त्वचा आदि की बीमारियां काफी हद तक बढ़ी है। हाइब्रिड बीजों से एलर्जी के मामले बढ़े हैं। लोगों को गेंहू से उचित पोषएा नहीं प्राप्त हो रहा है।                                                                                                                                  -डॉ. दिव्यांशु सेंगर

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।