कमखर्च (लो-कोस्ट) ग्रीन हाउस (हरित गृह) का निर्माण      Publish Date : 28/05/2025

    कमखर्च (लो-कोस्ट) ग्रीन हाउस (हरित गृह) का निर्माण

                                                                                                                                    प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

ग्रीन हाउस अथवा हरित गृह एक ऐसी संरचना है जिसे प्लास्टिक या शेडनेट कि सहायता से बनाया जाता है, तथा जिसमें फसल के अनुरूप वातावरण नियन्त्रित करके फसल की वृद्धि के लिए आवश्यक स्थिति उत्पन्न की जाती है, सर्दी में अत्यधिक सर्दी, ग्रीष्म में तेज गर्मी व वर्षा ऋतु में अत्यधिक वर्षों के कारण फसल के नष्ट होने की संभावना बनी रहती है, ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में ग्रीन हाउस की महत्ताबढ़ जाती है, ग्रीन हाउस निर्माण में लगने वाले अत्यधिक खर्च को ध्यान में रखते हुए प्रति ईकाई उत्पादन ज्यादा लेने के लिए पौधों की संख्या ज्यादा रखते हैं।

ग्रीन हाउस के लाभः ग्रीन हाउस में फसल उगाने के निम्नांकित लाभ हैं:-

                                                     

1. लगभग सभी सब्जियों वाली फसलें ले सकते हैं।

2. उच्च गुणवत्तायुक्त होने के कारण बाजार मूल्य ज्यादा मिलता है।

3. रोग एवं कीटों का प्रकोप न्यूनतम स्तर पर होता है।

4. पौधे कम समय में तैयार कर सकते हैं।

5. फसल की उत्पादकता बढ़ती है।

6. वातावरण की विपरीत परिस्थितियों से फसल सुरक्षा होती है।

7 .पानी व पौषक तत्वों की बचत होती है।

8. कीटनाशी एवं कवकनाशी के कम प्रयोग से गुणवत्ता में सुधार होता है।

9. बेमौसम में भी, सब्जियाँ प्राप्त की जाती हैं।

ग्रीन हाउस में उगाई जाने वाली अनुकूल फसलें:-केप्सीकम, शिमला मिर्च, पालक, मेथी, धनियाँ, खौरा इत्यादि।

पुष्पोत्पादनः गुलाब, गुलदाउदी, जरबेरा, कार्नेशन, आर्किड इत्यादि।

नर्सरीः-सब्जियों की पौध, फल-फूलों के पौधे एवं कलम प्रवर्धन।

ग्रीन हाउस का निर्माणः ग्रीन हाउस की बनावट पर होने वाले खर्च को ध्यान में रखते हुए इसे तीन प्रकार से बांटा जा सकता है।

1. कम खर्च (लो-कोस्ट)

2. मध्यम खर्च (मिडीयम कोस्ट)

3. मँहगा (हाई कोस्ट)

तीनों तरह के ग्रीन हाउस में कम खर्च ग्रीन हाउस में अन्य दो प्रकार की तुलन उत्पादन कम होता है परन्तु सामान्य परिस्थितियों उत्पादन में दो से ढाई गुणा ज्यादा मिलता है। बिजली की आवश्यकता न होने के कारण सा किसान भी इसे आर्थिक रूप से अपना सकता इसे बनाने के लिए बांस या लकड़ियों का उा करते हैं। इसे ढकने के लिए युवी स्टेबीला 200 माइक्रोन की पारदर्शक प्लास्टिक शीट उपयोग में लाते हैं। ग्रीन हाउस के चारों ओर के भागों को 50 अथवा 75 प्रतिशत एग्रीनेट उपयोग करते हैं। जिससे अन्दर की हवा तापमान का प्राकृतिक रूप से नियंत्रण हो कम खर्च वाले ग्रीन हाउस में परिस्थितियों में प्लास्टिक एवं ऐग्रीनेट अनुमानित आयु 2.5-3 वर्ष तक हो सकर्त जहाँ पर दीमक का प्रकोप नहीं हो तो लर्का बांस की आयु लगभग 5-7 वर्ष तक गणना सकते हैं, इसके साथ ही 10 प्रतिशत ब्याज हाउस की जगह का किराया सभी जोड़कर मी. के ग्रीन हाउस का वार्षिक खर्च लग् 3500-4000 रू. आ जाता है।

अन्यः-

1. मई माह 20-25 दिन तक ग्रीन हाउस में नहीं बोना चाहिए जिससे अन्दर का सोलेराइ होगा और कीट व्याधियों के प्रकोप में आयेगी।

2. गर्मिर्यो में यदि गर्मी ज्यादा हो तो उपर ग्रीन शे का आरक्षण कर देना चाहिए।

3. ग्रीन हाउस में मिलने वाली उपज का लाभ

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।