
ईवी कार को चार्ज करना होगा आसान Publish Date : 09/05/2025
ईवी कार को चार्ज करना होगा आसान
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं इं0 कार्तिकेय
सर्दियों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की धीमी चार्जिंग बड़ी चुनौती रही है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो हर मौसम में बैटरी को पांच गुना तेजी से चार्ज करेगी।
वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के बीच इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स एक उम्मीद की किरण हैं, लेकिन फास्ट चार्जिंग आज भी इनके उपयोग में चुनौती बनी हुई है। खासकर ठंडे क्षेत्रों या सर्दियों के मौसम में यह बड़ी समस्या है।
‘‘जूल’’ पत्रिका में प्रकाशित एक शोध-पत्र के अनुसार, अमेरिका में वर्ष 2023-2024 तक ईवी खरीदने की संभावना रखने वालों की संख्या 23 से कम होकर 18 प्रतिशत हो गई है। वहीं, 63 प्रतिशत लोगों ने अपने अगले वाहन के तौर पर ईवी खरीदने की संभावना न के बराबर जताई। इन लोगों की प्रमुख चिंताओं में सर्दियों में धीमी चार्जिंग थी।
फास्ट चार्जिंग में ईवी बैटरी को चार्ज होने में 30 से 40 मिनट लगते हैं, जबकि सर्दियों में यह समय एक घंटे से ज्यादा हो जाता है। अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ठंड के मौसम में भी उच्च रेंज और तेज चार्जिंग में सक्षम बैटरी का निर्माण कर इस समस्या का समाधान प्रस्तुत किया है।
क्या थी समस्या
शोध टीम के प्रमुख और मिशिगन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर नील दासगुप्ता के अनुसार, वर्तमान ईवी बैटरियां एक लिक्विड इलेक्ट्रोलाइट के माध्यम से इलेक्ट्रोड के बीच लिथियम आयनों की आगे-पीछे की गति से ऊर्जा को स्टोर और रिलीज करती हैं। इलेक्ट्रोलाइट के साथ रिएक्शन से इलेक्ट्रोड की सतह पर केमिकल लेयर बनती है, जो 78 प्रतिशत चार्जिंग के लिए जिम्मेदार होती है। इसको मक्खन के उदाहरण से समझ सकते हैं, जैसे गर्मी में मक्खन स्वतः ही पिघल जाता है, लेकिन ठंड में आसानी से नहीं पिघलता है। यही बैटरी की चार्जिंग में भी होता है। ठंडे तापमान में आयनों की गति धीमी हो जाने से बैटरी की पावर और चार्जिंग दर, दोनों कम हो जाती हैं।
तापमान कम होने से आयनों का घनत्व बढ़ जाता है। यदि कम तापमान पर केमिकल लेयर से फास्ट चार्जिंग का प्रयास करते हैं तो लिथियम धातु एनोड पर जमा हो जाती है और इलेक्ट्रोड को चार्ज होने से रोकती है। इससे बैटरी की ऊर्जा क्षमता कम हो जाती है।
कैसे मिला समाधान
शोध टीम के सदस्य मनोज जांगिड़ ने बताया कि कम तापमान पर फास्ट चार्जिंग के लिए इलेक्ट्रोड की सतह पर लेयर बनने को रोकना था। इसके लिए उन्होंने बैटरी को लिथियम बोरेट-कार्बानेट की कोटिंग की। इसकी परत लगभग 20 नैनोमीटर मोटी थी। इससे ठंड में भी चार्जिंग में 500 प्रतिशत तेजी देखी गई। उनका दावा है कि ऐसा पहली बार हुआ है, नहीं तो बैटरी के आयन की गति बढ़ाने के लिए घनत्व को कम करना पड़ता था। तभी बैटरी में फास्ट चार्जिंग होती थी। उनके द्वारा तैयार ईवी बैटरी माइनस 10 डिग्री सेल्सियस पर वर्तमान की तुलना में पांच गुना तेज चार्ज कर सकती है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि बहुत ठंडे तापमान पर सौ बार तेज चार्ज होने के बाद भी बैटरी की क्षमता 97 प्रतिशत तक बनी रहती है। इसके लिए मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में बड़े बदलाव करने की भी जरूरत नहीं है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।