
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना-2009: नियम एवं शर्तें Publish Date : 29/04/2025
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना-2009: नियम एवं शर्तें
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना-2009: योजना का लाभ निम्न परिस्थितियों में देय होगा-
1. कृषकों/खेतिहर मजदूरो द्वारा कृषि कार्य में कृषि यंत्रो का उपयोग करते हुए (जिसमें खेती से संबधित सिंचाई कार्य भी शामिल है, के दौरान हुई दुघर्टना में)।
2. सिंचाई हेतु कुंआ खोदते समय/टयूवबैल स्थापित करते समय या ट्यूववैल संचालित करते समय बिजली करन्ट लगने तथा खेत में गुजरने वाली विद्युत लाईन के क्षति ग्रस्त होने से मृत्यु या अंग-भंग होने पर।
3. कृषको द्वारा खेतों में फसलों, फल/सब्जियों पर रासायनिक दवाईयों आदि का छिडकाव करते समय घटित दुर्घटना में मृत्यु होने पर।
4. मुख्य मण्डी यार्ड, उप यार्ड व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित क्रय केन्द्रो पर कृषि यंत्रो का उपयोग करते समय दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर।
5. मण्डी में बोरियों की ढांग लगाते समय मृत्यु या अंग-भंग होने पर।
6. मण्डी प्रांगण में ट्रेक्टर ट्रॉली, ऊंट लड्ंढा, बैलगाडी, भैंसागाडी आदि के पलट जाने पर दुर्घटना में काश्तकार की मृत्यु या उसके अंग भंग होने पर।
7. मंडी प्रांगण में कार्यरत पल्लेदार/हमाल/मजदूर की मण्डी प्रांगण में कृषि विपणन कार्य करते समय दुर्घटना में फैक्चर होने एवं मृत्यु या अंग-भंग होने पर।
8. अपने अथवा किराये के परिवहन साधन, जिसमें काश्तकार स्वयं हो, मण्डी में कृषि उपज लाते समय रास्ते में हुई दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर अथवा कृषि उपज बेचकर अपने या किराये के साधन में गांव लौटते समय (अगले दिन तक प्रभावी) हुई दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर।
9. काश्तकार/खेतीहर मजदूर के कृषि प्रयोजनार्थ ट्रेक्टर, बैलगाडी, ऊंटगाडी आदि से घर से खेत में जाते/आते समय दुर्घटना होने पर मृत्यु या अंग-भंग होने की दशा में।
10. राज्य में कुट्टी काटने की मशीन अथवा कृषि संयत्रों से कृषक/मजदूर, पुरूषों, महिलाओं के केश (बाल) मशीन में आने से हुई दुर्घटना (डी-स्केल्पिंग) की दशा में।
11. कृषको/खेतीहर मजदूरों के खेत पर कार्य करते हुए सांप/ऊंट या जहरीले जानवर के काटने पर मृत्यु या अंग-भंग होने पर।
12. कृषि कार्य करते हुए आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु या अंग-भंग होने पर।
13. कृषि/कृषि विपणन कार्य करते समय रीढ की हड्डी टूट जाने को दो अंगों की क्षति के समान मानते हुए मुआवजा राशि देय होगी।
14. कृषि/कृषि विपणन कार्य करते समय सिर में चोट लगने से कोमा में जाने पर इसे दो अंगो के स्थायी रूप से अंग-भंग होने के समान क्षति मानते हुए सहायता राशि देय होगी।
15. कृषि सुरक्षा, पशु चरायी हेतु पेडो की छंटाई या कृषि की रखवाली करते हुए किसी दुर्घटना के घटित होने पर।
16. वर्तमान में विभिन्न योजनाओ के तहत किसानों के खेतो पर डिग्गी का निर्माण कराया जाता है। किसान के खेत में निर्मित डिग्गी में कृषकों/खेतीहर मजदूर की मृत्यु होने पर भी इस योजना के तहत लाभ देय होगा।
17. खेत में फसलों की सिंचाई करते समय पानी में प्रवाहित विघुत करंट से मृत्यु अथवा अंगभंग होने पर।
18. खेत पर कृषि व कृषि से जुडे कार्य करते समय वन्य/पालतु/आवारा जानवर के काटने एवं हमला करने से हुयी मृत्यु अथवा अंगभंग होने पर।
19. खेत में कृषि व कृषि से जुडे कार्य करते समय गौह/मधुमक्खी/बिच्छु एवं अन्य जहरीले जानवर/कीट आदि के काटने से हुयी मृत्यु या अंगभंग होने पर।
20. फसल बुवाई हेतु खेत की तैयारी (खेत समतलीकरण, झाड-झंकाड की कटाई, छंटाई) करते समय हुयी दुर्घटना में अंगभंग अथवा मृत्यु होने पर।
21. खेत में सिंचाई एवं कृषि से संबंधित अन्य कार्य करते समय, खेत में निर्मित डिग्गी/फार्म पोण्ड/टांके/कुऐं एवं अन्य जल भराव की संरचनाओं में फिसलकर गिरने अथवा पानी निकासी करते समय गिरकर हुये अंगभंग अथवा मृत्यु होने पर।
22. खेत की मेड़बन्दी करते समय हुयी दुर्घटना में अंगभंग अथवा मृत्यु होने पर।
23. खेत में फसल को काट कर इकट्ठी करते समय अथवा फसल में से अनाज निकालते समय हुयी दुर्घटना में अंगभंग अथवा मृत्यु होने पर।
24. खेत में कृषि कार्य करते समय चक्रवाती तूफान अथवा बारिश के समय पेड के नीचे दबने से हुयी मृत्यु अथवा अंगभंग होने पर।
राजीव गांधी कृषक/साथी सहायता योजना-2009 के बिन्दु सं, 2 में क्रम संख्या 9 में काश्तकार/खेतीहर मजदूर के कृषि प्रयोजनार्थ ट्रेक्टर, बैलगाडी, ऊंटगाडी आदि से घर से खेत में जाते/आते समय दुर्घटना होने पर मृत्यु या अंग-भंग होने पर उल्लेखित है। इस बिन्दु में मोटर साइकिल अथवा अन्य वाहन भी सम्मिलित होगें।
25. कृषि कार्य करते हुए व्यक्ति के अंडकोष छिन्न भिन्न होने पर।
योजना के अपवर्जन एवं ध्यान रखने योग्य बिन्दुः
योजनान्तर्गत दुर्घटना में मृत्यु/क्षति होने पर दुर्घटना के स्पष्ट साक्ष्य मिलने पर ही योजना के लाभ देय होंगे। कृषि कार्य के अलावा अथवा कृषि उपज मण्डी में विक्रय हेतु जाने/ आने के अलावा अन्य विभिन्न कारणों से हुई दुर्घटना के चलते हुई मृत्यु या अंग-भंग में योजना का लाभ देय नहीं होगा। निम्न कारणों से होने वाली मृत्यु/क्षति के मामलों में कोई भुगतान नहीं किया जाएगाः-
(i) बीमारी से होने वाली मृत्यु/अंग-भंग होने की स्थिति में।
(ii) आत्महत्या, पागलपन अथवा कृषक द्वारा नशीले द्रव्य लेने से होने वाली मृत्यु पर।
(iii) चिकित्सा अथवा शल्य-क्रिया के दौरान होने वाली मृत्यु पर।
(iv) मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर किसी भी प्रकरण को योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।
(v) गर्भ धारण अथवा प्रसव के कारण होने वाली मृत्यु।
(vi) यदि दुर्घटना तिथि एवं मृत्यु तिथि में 90 दिन से अधिक का अन्तर होगा, तो प्रकरण को दुर्घटना का कारण नहीं माना जायेगा। लेकिन यदि पीड़ित का उपचार लगातार चल रहा हो और उसी हादसे के कारण मृत्यु हुई हो तो प्रकरण राजीव गांधी कृषक साथी योजना में कवर माना जाएगा, बशर्ते इस दौरान दुर्घटनाग्रस्त कृषक/खेतीहर मजदूर संबंधित अस्पताल द्वारा डिस्चार्ज न किया गया हो/डिस्चार्ज होकर पुनः भर्ती न हुआ हो।
(vii) नाभिकीय विकरण अथवा परमाण्विक अस्त्रों से होने वाली मृत्यु।
(viii) युद्ध विदेशी आक्रमण विदेशी शत्रु के कृत्यों, गृह युद्ध, देश द्रोह अथवा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने से होने वाली मृत्यु पर।
(ix) आपराधिक उद्देश्य से विधि द्वारा स्थापित कानून का उल्लंघन करते समय हुई मृत्यु पर।
(x) विधि द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन करने के फलस्व़रुप हुई क्षति/मृत्यु की दशा में।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।