पोषण से भरपूर चारा है अजोला      Publish Date : 22/02/2025

                          पोषण से भरपूर चारा है अजोला

                                                                                                                                                प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

‘‘भारत में विश्व का 15 प्रतिशत पशुधन उपलब्ध है। ये पशु विश्व के भौगोलिक क्षेत्रफल का मात्रा 2 प्रतिशत क्षेत्रफल और 4.90 प्रतिशत कृषित चारा क्षेत्रापफल पर निर्भर हैं। वर्ष 2019-20 में कृषि तथा देश की जीडीपी में पशुपालन का क्रमशः 26.00 प्रतिशत तथा 4.11 प्रतिशत योगदान रहा है। पशुपालन से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में 18.80 प्रतिशत रोजगार का सृजन होता है तथा कठिन समय में पशुपालकों का सहारा भी होता है। जनसंख्या वृद्वि के साथ-साथ दूध, दुग्ध उत्पादों तथा मांस की बढ़ती माँग के चलते पशुओं के पोषण युक्त चारे की बहुत आवश्यकता है।

                                                                  

पशुपालन का कृषि तथा देश की जीडीपी में क्रमशः 26.00 प्रतिशत तथा 4.11 प्रतिशत तक का योगदान है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 221.6 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन के साथ भारत प्रथम स्थान पर है, परन्तु दूध की वार्षिक उत्पादकता तथा विभिन्न दुग्ध उत्पादों का उत्पादन, और प्रति पशु उत्पादकता दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण अपर्याप्त मात्रा के साथ खराब गुणवत्ता का पशु आहार एवं चारा है। वर्ष 1950-51 के 17 मिलियन टन की अपेक्षा वर्ष 2021-22 में दुग्ध उत्पादन कई गुना बढ़ चुका है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।