भारत-पाकिस्तान समेत अन्य कई देशों पर मंडराया तबाही का खतरा!      Publish Date : 18/02/2025

भारत-पाकिस्तान समेत अन्य कई देशों पर मंडराया तबाही का खतरा!

                                                                                                                                                     प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

2032 में अंतरिक्ष से आ सकता है ‘सिटी किलर’।

                                                               

एस्टेरॉयड 2024 YR4

पृथ्वी की ओर 60,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा एस्टेरॉयड 2024 YR4 वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि इसका आकार 90 मीटर है, जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बराबर है।

कब हो सकती है यह टक्कर?

                                                                           

नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह एस्टेरॉयड 22 दिसंबर 2032 को पृथ्वी से टकरा सकता है, और इसके टकराने की संभावना 48 में से 1 बताई जा रही है, जो इसे बेहद खतरनाक रूप प्रदान करता है।

500 परमाणु बम से भी अधिक विनाशकारी होगा

यदि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराता है, तो यह 8 मेगाटन टीएनटी का विस्फोट कर सकता है, जो हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 500 गुना अधिक शक्तिशाली होगा और यह पृथ्वी पर व्यापक रूप से तबाही फैला सकता है।

खतरनाक है एस्टेरॉयड

                                                                 

नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ESA ने इसे अभी तक के सबसे खतरनाक एस्टेरॉयड्स की लिस्ट में शामिल कर लिया है, क्योंकि यह वर्तमान में एकमात्र बड़ा एस्टेरॉयड है, जिसके पृथ्वी से टकराने की संभावना 1 से अधिक आंकी गई है।

कहां गिर सकता है ‘सिटी किलर’?

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, उप-सहारा अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में गिर सकता है, जिसमें भारत का चेन्नई और चीन का हाईनान द्वीप जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र भी शामिल हैं।

इन देशों पर खतरा

                                                                  

अधिक जोखिम वाले देशों की लिस्ट में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर जैसे देशों को शामिल किया गया हैं, जहां इसके गिरने से जबरदस्त तबाही मच सकती है।

एस्टेरॉयड के आकार

वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब टेलीस्कोप का उपयोग कर इस एस्टेरॉयड के आकार, संरचना और संभावित प्रभाव का अध्ययन करने का फैसला किया है जिससे कि इससे होने वाले खतरे का सही आकलन किया जा सके।

यदि यह एस्टेरॉयड समुद्र में गिरता है तो

यदि यह एस्टेरॉयड समुद्र में गिरता है तो भी इसका खतरा कम नहीं होगा, क्योंकि इससे विशाल सुनामी आ सकती है, जो समुद्री किनारे बसे देशों को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

NASA की कड़ी नजर है इस पर

नासा और अन्य स्पेस एजेंसियां इस पर करीबी और कड़ी नजर बनाए हुए हैं और संभावित बचाव उपायों पर विचार भी कर रहे हैं, जिससे कि टकराव की स्थिति में इसके प्रभाव को कम किया जा सके।

टकराने की संभावनाएं हैं कम

हालांकि, फिलहाल इसकी टकराने की संभावनाएं काफी कम है, लेकिन बावजूद इसके वैज्ञानिक सतर्क हैं और लगातार इसकी दिशा और रफ्तार पर नजर बनाए हुए हैं ताकि समय रहते ही समस्या का कोई समाधान निकाला जा सके।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।