सर्दियों में पौधों की देखभाल कैसे करें      Publish Date : 10/02/2025

                      सर्दियों में पौधों की देखभाल कैसे करें

                                                                                                                                             प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

पौधों की देखभाल भी मौसम के हिसाब से बदलती रहती है। जाड़े के इस मौसम में आप अपने पौधों की देखभाल किस तरह कर सकते हैं?

बागवानी के शौकीन लोग बगीचे में खूबसूरत पौधे तो लगा लेते हैं, लेकिन मौसम के हिसाब से उनकी देखभाल नहीं कर पाते हैं। ऐसे में सही देखरेख के अभाव में पेड़-पौधे भी मरने लगते हैं, विशेषरूप से सर्दियों के मौसम में कम तापमान और रात को पाला पड़ने से पौधों को अच्छा खासा नुकसान पहुंचता है। इस मौसम के लिए कुछ तरीके हैं, जिनकी मदद से सर्दियों में पौधों की देखरेख करने में आसानी हो जाती है।

                                                           

रोजाना पानी नहीं: सर्दी में तापमान कम होने के कारण पौधों को पानी की कम जरूरत होती है। ऐसे में जब तक ऊपरी मिट्टी 1-2 इंच तक सूख न जाए, तब तक पानी नही देना चाहिए। पौधों में पानी देने से पहले कम से कम एक इंच की गुड़ाई करके फर्टिलाइजर दें और इससे अगले दिन पानी दें। इंडोर प्लांट्स में मिट्टी पूरी तरह सूखने पर ही पानी दें और पानी स्प्रे विधि से दें। यह स्प्रे पौधों के तनों या पत्तियों में न देकर सीधे मिट्टी में करें। वाटर स्प्रे से पूरी मिट्टी गीली हो जाती है। अगर ठंड ज्यादा न हो तो पत्तियों पर भी स्प्रे कर सकते हैं।

गमला-प्लेट में पानी का जमाव न होः पौधों को अधिक मात्रा में पानी देने से गमलों के नीचे रखी प्लेट में वह भर जाता है। इससे पौधों की जड़ें खराब होने लगती हैं। इसलिए या तो प्लेट को हटा दें या फिर समय-समय पर उसका पानी निकालते रहें। इससे पौधे की जड़ें गलेंगी या सड़ेंगी नहीं और वह सुरक्षित बना रहेगा।

धूप बहुत जरूरीः आप फूलों-फलों वाले पौधों को ज्यादातर सूरज की रोशनी में रखें। इससे उन्हें पर्याप्त गर्मी मिलेगी और पौधों में फूल ज्यादा आएंगे। पौधों को धूप मिले, इसके लिए पेड़-पौधों के सूखे हिस्से या टहनियों की छंटाई करें। इससे पौधों को आसानी से धूप भी मिलेगी और वे खूब फलेंगे-फूलेंगे भी।

नियमित गुड़ाई करते रहेः बागीचे में या गमलों में लगे पौधों के आस-पास अनचाही जंगली घास उग आती है, जो पौधों को नुकसान पहुंचाती है। इसको हटाने के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार खुरपी से पौधों की गुड़ाई जरूर करें, ताकि मिट्टी में हवा अंदर जा सके और पौधों की जड़ें मजबूत बनी रहे।

फंगसनाशी स्प्रे: पौधों को फंगस के प्रकोप से बचाने के लिए पत्तों और मिट्टी पर 15-20 दिन में एक बार नीम के तेल का स्प्रे जरूर करें। स्प्रे करने से कीटों और पानी से पौधों पर जो फंगस लग जाती है, उससे पौधों को बचाया जा सकता है।

                                                                   

ओस से बचावः ओस पौधों के लिए हानिकारक होती है। सर्दियों में ओस पड़ने से पौधे के पत्ते जल जाते हैं और फूल तथा कलियां गल जाती हैं। इसलिए सुबह के समय पौधों के पत्तों को सूखे कपड़े से पोंछ दें या फिर पानी का स्प्रे करें, ताकि ओस धुल जाए और पौधों के पत्ते सुरक्षित रहें। ओस से बचाव के लिए पौधों के ऊपर जालीनुमा कपड़ा या चादर लगा दें, जिससे उन पर ओस न पड़े और वे सुरक्षित रहें।

पौधों को मुरझाने से बचाएं: अधिक ठंड में अक्सर पौधे मुरझा जाते हैं। आपके पौधे न मुरझाएं, इसके लिए आप पौधों को कमरे, बालकनी, खिड़की आदि ऐसी जगह पर रखें, जिससे कि तेज ठंडी हवाएं सीधी उन पर न लगें। ऐसा करने से पौधों को मुरझाने या खराब होने से बचाया जा सकता है।

मल्चिंग करें: पौधे की जड़ों को सर्दी से बचाने के लिए गमले की मिट्टी के ऊपर मल्चिंग करें। इसके लिए छोटे-छोटे पत्थर, नारियल के रेशे, नीम के सूखे पत्ते, अंडे के छिलकों को पौधे के आस-पास बिछा सकते हैं। ये चीजें दिन में गर्मी को सोख लेती हैं और पौधे की जड़ को रात की ठंडक से बचाती हैं।

लिक्विड फर्टिलाइजरः सर्दियों के मौसम में पौधों को 25-30 दिन में लिक्विड फर्टिलाइजर दें, जिससे उनकी ग्रोथ होती रहे। वैसे तो पौधे लगाते समय फर्टिलाइजर दिया जाता है, लेकिन बार-बार खाद डालने से पौधे खराब हो जाते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।