बजट में किसानों के लिए क्या है?      Publish Date : 02/02/2025

                          बजट में किसानों के लिए क्या है?

                                                                                                                                                   प्रोफेसर आ. एस. सेंगर

आगामी 6 साल में मसूर, उड़द और तुअर जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा।

कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए 5 साल तक मिशन मोड पर काम होगा। इससे देश के वस्त्र उद्योग को मजबूती मिलेगी।

किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक होगी। इसके माध्यम से 7.7 करोड़ किसानों और मछुआरों को ऋण दिया जाता है।

एमएसएमई के लिए लोन गारंटी कवर 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रूपये तक, 1.5 लाख करोड़ तक का कर्ज मिलेगा।

फसलों की उपज बढ़ाने के लिए पीएम धन-धान्य योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत 1.7 करोड़ किसानों को लाभ प्राप्त होगा। राज्य सरकारों के सहयोग से देश के 100 जिलों में यह योजना संचालित की जाएगी।

वर्तमान बजट में किसानो की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न किसान लाभकारी कदम उठाए गए हैं, इसके लिए दलहनी फसलों की पैदावार बढ़ाने किसानों के उत्पाद का उचित मूल मिल सके उसकी व्यवस्था की गई है साथ ही साथ किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 5 लाख तक बढ़ा दी गई है जिससे आगामी वर्ष में किसानों को लाभ प्राप्त होगा। अतः कहा जा सकता है कि यह बजट किसानों के लिए लाभकारी सिद्व होगा।

फल, सब्जियों, दालों पर भी दिया गया ध्यान

वित्त मंत्री ने बताया है कि सब्जियों और फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए और किसानों को इनकी बेहतर कीमत दिलाने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आमदनी बढ़ने के साथ-साथ फलों की खपत भी ज्यादा हो रही है और राज्यों के साथ मिलकर किसानों को भी इसका पहुंचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि बिहार में एक खास मौका है, जहां एक मखाना बोर्ड बनाया जाएगा। यह बोर्ड मखाना किसानों को ट्रेनिंग और सपॉर्ट उपलब्ध कराएगा।

वहीं, 6 साल का कार्यक्रम तूर, उड़द, मूंग पर खास ध्यान रखते हुए दालों के लिए लॉन्च किया जाएगा। छंमिक और छब्ब्थ् अगले 4 साल दालों को प्रोक्योर करेंगे।

किसान क्रेडिट कार्ड

बजट 2025-26 में किसान क्रेडिट कार्ड्स के तहत लोन की सीमा को बढ़ा दिया गया है। सरकार इंटरेस्ट सबवेन्शन स्कीम की सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने जा रही है। 1988 में शुरू की गई किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा किसानों को अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है।

यूरिया प्लांट

वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि यूरिया प्रोडक्शन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सालाना 12.7 लाख मेट्रिक टन की क्षमता वाला एक प्लांट असम में लगाया जाएगा। पिछले साल केंद्रीय मंत्री मनसुख मानडविया ने ऐलान किया था कि भारत में यूरिया के घरेलू उत्पाद को तेजी से बढ़ाया जाएगा ताकि साल 2025 के आखिर तक इसके लिए आयात पर निर्भरता को पूरी तरह खत्म किया जा सके।

टेक्नॉलजी के साथ किसानों का विकास

                                                                

किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिंग पर भी सरकार का खास फोकस है। इसलिए बिहार में एक नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नॉलजी, ऑन्त्रप्रन्योरशिप ऐंड मैनेजमेंट स्थापित किया जाएगा। वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि इसके जरिए फसलों की कीमत को बेहतर किया जाएगा, युवाओं की कुशलता और रोजगार के मौकों को भी बढ़ाया जाएगा।

बजट पर लोग क्या कह रहे हैं-

सरकार द्वारा जो बजट प्रस्तुत किया गया है इसमें जिन फसलों का एम एस पी नहीं है उनको दिया जाना चाहिए था और इसके साथ ही गन्ने की कीमत भी बढ़ाई जानी चाहिए थी। किसानो की आमदनी बढ़ानी है तो किसानों के उत्पाद को खरीदने की और अधिक मजबूत व्यवस्था करनी होगी, क्योंकि किसानों को अपने उत्पादों की उचित कीमत प्राप्त नहीं हो पाती है। बजट में कम कीमत में किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध हो सके, इसका भी प्रावधान किया जाना चाहिए था।

                                                                                                                                  

                                                                                                                               -बाल किशोर ग्राम प्रधान दुलारा।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।