
भोजन और पानी में मौजूद रसायन बांट रहें हैं कैंसर के जैसी बीमारियां Publish Date : 28/01/2025
भोजन और पानी में मौजूद रसायन बांट रहें हैं कैंसर के जैसी बीमारियां
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु
बेलगाम औ़ोगिक प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए निरंतर खतरा बनता जा रहा है। पॉली फ्लोरो एल्काईल पदार्थों (पीएफएएस) के चलते सेहत से सम्बन्धित परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।
एनवायर्नमेंटल रिसर्च पत्रिका के द्वारा प्रकाशित लेख से ज्ञात होता है कि पीने का पानी, भोजन और औद्योगिक प्रदूषण से लोगों के रक्त स्तर और पीएफएएस के बीच सम्बन्ध पाए गए है। पीएफएएस उत्पादों में प्रयोग किए जाने वाले रसायनों का एक समूह शरीर में जमा हो जाता है और नष् होने में यह लम्बा समय लेता है। यह पदार्थ कैंसर, यकृत को हानि पहुँचाने के साथ ही प्रजनन सम्बन्धी समस्याओं के सहित शरीर के लिए अन्य कई खतरों में वृद्वि करते हैं। यूएससी के केक स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने पाया कि भोजन और पानी तक पीएफएएस की पहुँच सेहत के साथ ही साथ पर्यावरण के लिए भी खतरे उत्पन्न कर रही है।
मुख्य रूप से पीएफएएस हजारों रसायनों का समूह है, जिनमें फ्लोरीन होता है। यह रसायन जल, तेल और दाग आदि को दूर करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। इनका उपयोग और विभिन्न प्रकार के उत्पादों जैसे कि कपड़े, कालीन, गद्दे, सोफे, नॉन स्टिक कुकवेयर्स और भोजन के लिए प्रयोग किए जाने वाली कागज की पैकेजिंग में भी किया जाता है।
इसी प्रकार एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में भी इनका उपयोग किया जाता है। यह पर्यावरण में आसानी से विघटित नही हो पाते हैं इसलिए इन्हें फॉर एवर केमिकल (हमेशा के लिए रसायन) भी कहा जाता है। यह वायु, मिट्टी, सतही और भूजल में भी पाए जाते हैं और स्रोतों के माध्यम से लम्बी दूरी भी तय कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि पीएफएएस आमतौर पर खाद्य पैकेजिंग में भी पाए जाते हैं। यहां तक कि ताजे भोजन में कम मात्रा में पीएफएएस की पहुँच से भी खतरा हो सकता है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने अमेरिका के कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों का अपने अध्ययन में उपयोग किया जहाँ 500 से अधिक लोग या आबादी का एक तिहाई हिस्सा निकटतम सुपरमार्केट से 0.5 मील से अधिक दूरी पर रहते हैं।
शोधकर्ताओं ने पीएफएएस के कारण रक्त के स्तर में होने वाले अंतर का पता लगाने के लिए दो प्रतिभागी समूहों मेटाबॉलिक एवं अस्थमा पीड़ित किशोरों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया था। कैलिफोर्निया में पानी में मिलावट के आंकड़ों का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं वहां के पानी में खतरनाक एसिड युक्त परफ्लुओरोक्टेन सल्फोनिक एसिड (पीएफओएस) और उनके सहयोगी रसायन पाए गए हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।