ई-मेल लिखने का रही तरीका Publish Date : 17/01/2025
ई-मेल लिखने का रही तरीका
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं इं0 कार्तिकेय
अगर आपके दिमाग में यह स्पष्ट हो कि आप ई-मेल के माध्यम से क्या संदेश भेजना चाहते हैं तो आपका ई-मेल तभी स्पष्ट, संक्षिप्त और सारगर्भित हो सकता है।
‘‘फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन’’ यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी। इसका अर्थ है कि किसी के सामने पहली बार आप अपनी जैसी छवि बनाएंगे, वह आपको उसी नजरिये से ही देखेगा। बिलकुल यही बात आपके द्वारा लिखे गए ई-मेल पर भी लागू होती है।
अब चाहे आप एक छात्र हैं या कोई पेशेवर, संचार के लिए आप ई-मेल का उपयोग तो करते ही होंगे। भागदौड़ से भरे इस जीवन में अक्सर लोग बिना सोच विचार किए ही जल्दबाजी में ई-मेल भेज देते हैं और वह यहीं गलती कर बैठते हैं। क्या आपने कभी यह विचार किया है कि यह गलतियां सामने वाले व्यक्ति को किस हद तक प्रभावित करने में सक्षम हो सकती हैं।
ध्यान रहे कि ई-मेल आपकी ब्रॉडिंग का एक अहम भाग होती है। ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि आपका प्रत्येक ई-मेल सामने वाले व्यक्ति पर एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ें।
ऐसे में यदि आप एक प्रभावी ई-मेल लिखना चाहते हैं तो ई-मेल को आनन-फानन में कभी न लिखें, बल्कि लिखने से पहले विचार करें कि आप वास्तव में अपनी ई-मेल के माध्यम से क्या संदेश देना चाहते हैं।
लेखन-शैली हो मार्क ट्वेन के जैसी
मार्क ट्वेन अपनी स्पष्ट, संक्षिप्त और आकर्षक लेखन शैली के लिए जाने जाते थे। उन्होंने आपको अपने विचारों को संक्षेप में व्यक्त करने की सलाह दी है। इसी प्रकार से, ई-मेल को लिखते समय अपने विचारों को पभावशाली ढंग से लिखने का प्रयास करें। छोटे और आसानी के साथ पढ़ा जाने वाला ई-मेल बनाने के लिए आपको छोटे पैराग्राफ, बुलेट पॉइंट तथा उसके शीर्षक का उपयोग किया जाना भी आवश्यक होता है।
ई-मेल में गुणवत्ता भी जरूरी
मुख्य विषय अथवा संदेश को ई-मेल के आरम्भ में ही रखना उचित होताि है। इस प्रकार के ई-मेल का सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि भले ही पाठक ई-मेल को सरसरी निगाह से पढ़े, लेकिन फिर भी वह आपके मूल विषय को आसानी से समझ जाएगा। किसी भी मेल को सपष्ट तरीके से लिखने में कोई समझौता नही करना चाहिए। इसके साथ ही सामग्री कम अथवा अधिक के स्थान पर लेखन की गुणवत्ता पर अपना ध्यान केन्द्रित करें।
सीसी में कम लोग होने चाहिए
ई-मेल के सभी सीसी (कार्बन कॉपी) में केवल ऐसे लोगों को ही स्थान देना चाहिए, जिन तक यह संदेश पहुँचाना जरूरी हो। हालांकि, आजकल अधिक लोगों को सीसी में रखने का चलन काफी बढ़ रहा है, परन्तु अनावश्यक रूप से ऐसा नही करना चाहिए। इसके साथ ही, आपका ई-मेल किस विषय से सम्बन्धित है, इसका उल्लेख सब्जेक्ट वाले कॉलम में विशेष रूप से किया जाना चाहिए।
अधूरे विचार खतनाक
यदि आप वन लाइनर और आधे-अधूरे संदेश भेज रहें हैं तो यह आपके ई-मेल में रचनात्मकता की कमकी को प्रदर्शित करता है। अतः आपके ई-मेल का का मुख्या बिंदु बिलकुल स्पष्ट एवं आसानी से समझ में आने वाला होना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में यदि आप सामने वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं तो आप अपने ई-मेल की शुरूआत सामने वाले का नाम लिखकर भी कर सकते हैं।
ई-मेल के अंत को प्रभावी बनाएं
पाठक आपके मेल के प्रति अपनी रूचि का प्रदर्शन करें, इसके लिए यह जरूरी है कि आपकी मेल शुरू से लेकर अंत तक प्रभावी बनी रहे। अपनी ई-मेल को पूरी करते समय नाम से पहले थैंक्यू और रेगार्ड्स जैसे शब्दों का प्रयोग आवश्यक रूप से करना चाहिए।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।