योगी सरकार इस साल फिर बढ़ाएगी गन्ना मूल्य, FRP बढ़ाने पर बनी सहमति, कैबिनेट जल्द लेगी फैसला      Publish Date : 13/01/2025

योगी सरकार इस साल फिर बढ़ाएगी गन्ना मूल्य, FRP बढ़ाने पर बनी सहमति, कैबिनेट जल्द लेगी फैसला

                                                                                                                                                                  प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

उत्तर प्रदेश सरकार इस साल फिर उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए राज्य परामर्शी समिति ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है, कैबिनेट जल्द ही इस निर्णय लेगी। गन्ने का मूल्य 10-15 रुपये/क्विंटल तक बढ़ाया जाएगा। जबकि किसान संगठन गन्ने के मूल्य में अधिक बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं और चीनी मिल मालिक इसका विरोध कर रहे हैं।

गन्ने का FRP 10-15 रुपये/क्विंटल बढ़ सकता है

                                                            

किसान संगठनों का मूल्य वृद्धि पर दबाव जारी

चीनी मिल मालिकों ने मूल्य न बढ़ाने की मांग की

प्रदेश सरकार ने इससे पहले 2021-22 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गन्ना मूल्य 25 रुपये/क्विंटल की दर से बढ़ाया था। उसके बाद 2022-23 में कोई बढ़ोतरी नहीं की। 2023-24 में लोकसभा चुनाव से पहले गन्ना मूल्य 20 रुपये/क्विंटल की दर से बढ़ाया गया था। वर्तमान में गन्ने का FRP अगैती प्रजाति के लिए 370, सामान्य प्रजाति के लिए 360 और रिजेक्टैड प्रजाति के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल है।

किसानों का दबाव

                                                               

गन्ना मूल्य 2022-23 में बढ़ाया नहीं गया और 2023-24 में भी मात्र 20 रुपये/क्विंटल की बढ़ोतरी की गई। इससे किसान संगठन खुश नहीं थे। यही वजह है कि किसान संगठनों का लगातार दबाव बना हुआ है। किसानों का कहना है सरकार थोड़ा-थोडा ही मूल्य बढ़ाती है तो फिर यह बढ़ोतरी हर साल होनी चाहिए।

इस बाबत भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम वर्मा कहते हैं कि उन्होंने इस बाबत अधिकारियों से मुलाकात की है और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। वर्मा की मांग है कि गन्ने का थ्त्च् 450 रुपये/क्विंटल किया जाए। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और किसान महासंघ भी लगातार मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार एक बार फिर 10-15 रुपये/क्विंटल की दर से मूल्य बढ़ाने की तैयारी कर रही है।

चीनी मिल मालिक परेशान

किसानों से इतर चीनी मिल मालिकों की मांग है कि गन्ने का मूल्य न बढ़ाया जाए। वे भी अधिकारियों और मुख्यमंत्री से मिलकर मूल्य न बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे नियमित भुगतान कर रहे हैं। पूरे सीजन मिलें चलाते हैं लेकिन हर समय गन्ने की उपलब्धता रहती नहीं है। गन्ने में इस बार रिकवरी भी कम है। ऐसे में लागत बढ़ने पर भुगतान में दिक्कत आएगी तो भी उन पर कार्रवाई होगी। ऐसे में मिलें चलाना मुश्किल हो जाएगा।

लगातार मूल्य बढ़ाने की तैयारी क्यों?

                                                             

अभी तक सरकार ने दो बार गन्ने का मूल्य बढ़ाया है। दोनों बार चुनाव से ठीक पहले बढ़ाया गया है। उधर 2027 में फिर चुनाव होने हैं। चुनाव के समय मूल्य बढ़ाने पर यह संदेश जाएगा कि जब चुनाव होता है तभी सरकार मूल्य बढ़ाती है। इसे देखते हुए यह बात भी आई कि चुनाव से पहले एकमुश्त मूल्य बढ़ाने की जगह थोड़ा-थोड़ा बढ़ा दिया जाए।

इससे चुनाव में सरकार मजबूती से यह बात भी रख सकेगी कि हर साल गन्ना मूल्य बढ़ाया गया। उधर पश्चिमी यूपी में किसान लगातार आंदोलनरत हैं। वे लगातार मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सरकार के लिए 2027 का चुनाव काफी अहम है। ऐसे में वह किसानों को हर हाल में खुश रखना चाहती है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।