भारत का पहला डायबिटीज़ बायोबैंक      Publish Date : 19/12/2024

                    भारत का पहला डायबिटीज़ बायोबैंक

                                                                                                                                                                         डॉ0 दिव्यांशु सेंगर

Diabetes biobank, a repository of population-based biological samples aimed at supporting scientific research.”

भारत के पहले डायबिटीज बायोबैंक के माध्यम से डायबिटीज के लक्षणों की शुरुआती पहचान और इसके इलाज में एक बड़ा लाभ प्राप्त होगा। इससे नई दवाइयों और उनकी रिसर्च से एक बेहतर स्वास्थ्य समाधान की आशा की किरण जगी है।

                                                          

भारत का पहला डायबिटीज बायोबैंक चेन्नई में स्थापित किया गया है, जिसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के द्वारा एक साथ मिलकर तैयार किया है। इस डायबिटीज बायोबैंक का उद्देश्य डायबिटीज के इलाज और इसकी प्रभावी रोकथाम के लिए हाईटेक रिसर्च को बढ़ावा देना है।

लेकिन आखिर यह डायबिटीज बायोबैंक है क्या? और इसके माध्यम से आम लोगों को लाभ किस प्रकार से मिलेगा? इसके सम्बन्ध में आपको इस डाबिटीज बायोबैंक के बारे में आपको पूरी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, हमारे डॉ0 दिव्यांशु सेंगर-

                                                        

दरअसल, डायबिटीज बायोबैंक एक ऐसा सेंटर है, जहां डायबिटीज के कारणों पर विस्तृत रिसर्च होगी। इसके माध्यम से वैज्ञानिकों को नई दवाइयां और इलाज के अन्य तरीके खोजने में सहायता प्राप्त होगी।

MDRF के प्रेसीडेंट डॉ0 वी मोहन बताते हैं कि यह बायोबैंक डायबिटीज को इसकी शुरुआती स्टेज पर ही इसकी पहचान कर इसे मैनेज करने और क्योर करने में एक महत्ती भूमिका निभाएगा। ऐसा होने से भारत में निरंतर बढ़ती मधुमेह से पीड़ितो की संख्या पर अंकुश लगाया जा सकता है। ज्ञात हो कि वर्तमान में भारत को विश्व की डायबिटीज कैपिटल के रूप में देखा जा रहा है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।