गेहूं की अगेती बुवाई? बढ़े तापमान से चिंता में किसान Publish Date : 02/11/2024
गेहूं की अगेती बुवाई? बढ़े तापमान से चिंता में किसान
प्रोफसर आर. एस. सेंगर एवं अन्य
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्वोगिकी विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ प्रो0 आर. एस. सेंगर ने बताया कि अगर गेहूं की बुवाई जल्द की जाती है तो तापमान में गर्मी होने के चलते गेहूं के पौधे से कल्ले नहीं निकलते, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। ऐसे में यह अत्यंत आवश्यक है कि किसान उचित समय पर ही गेहूं की बुवाई का काम करें। खरीफ की मुख्य फसल धान की कटाई के बाद अब रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई का समय आ गया है।
मेरठ जिले में रबी की फसल गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। गेहूं की फसल का बेहतर उत्पादन लेने के लिए किसानों को मौसम और बुवाई के समय का विशेष तौर पर ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे में यदि किसान भाई सही समय पर सही किस्म की बुवाई करें तो उन्हें गेहूँ का कम समय में अच्छा उत्पादन मिल सकता है।
डॉ0 आर. एस. सेंगर ने बताया कि गेहूं की बुवाई नवंबर के महीने में की जानी चाहिए। सही समय पर गेहूं की बुवाई करने से किसानों को कम समय में कम लागत में अच्छा उत्पादन मिलता है। अगर गेहूं की बुवाई जल्द की जाती है तो तापमान में गर्मी होने की वजह से गेहूं के पौधे कल्ले नहीं निकलते, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। किसानों को अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त लागत भी लगानी पड़ती है। ऐसे में जरूरी है कि किसान सही समय पर ही गेहूं की बुवाई करें।
कब करें गेहूं की अगेती बुवाई?
डॉ0 आर. एस. सेंगर ने बताया कि गेहूं की अगेती किस्म की बुवाई के लिए नवंबर का पहला सप्ताह से लेकर 20 से 25 नवंबर तक बेहद ही उपयुक्त समय माना जाता है। इस समय की गई गेहूं की बुवाई में किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन मिल जाता है। किसान आधुनिक कृषि यंत्र सुपर सीडर या हैप्पी सीडर से भी गेहूं की बुवाई कर सकते हैं।
यह दोनों ही कृषि यंत्र गेहूं की सीधे बुवाई करते हैं। इसके लिए किसानों को खेत की जुताई नहीं करनी पड़ती, गेहूं बुवाई में किसानों को कम लागत लगानी पड़ती है।
सही किस्म और विधि का करें चुनाव
डॉ0 आर. एस. सेंगर ने बताया कि गेहूं की बुवाई करने से पहले किसानों को उन्नत किस्म का बीज का चयन का नाम बेहद जरूरी है। किसान बीज किसी भी पंजीकृत दुकान से ही खरीदें और बीज खरीदते समय रसीद अवश्य लें प्रमाणित बीज की ही बुवाई करें। इसके अलावा गेहूं की बुवाई करने से पहले किसान बीज का उपचार जरूर कर लें। बीज का उपचार करने से गेहूं की फसल में रोग कम आते हैं पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।