पर्यावरण साथ ही आमदनी की दशा भी सुधरेगी Publish Date : 22/10/2024
पर्यावरण साथ ही आमदनी की दशा भी सुधरेगी
प्रेफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृषाणु
अमृत काल में भारत की विविधता के नए आयाम तक ले जाने के लिए संकल्प बाद सरकार ने हरित विकास और जैव विविधता को लेकर भी गंभीर सोच दिखाई है। वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार ने इस पर विशेष ध्यान दिया है। वहीं अमृत धरोहर योजना से रामसर साइट ऑन अर्थात वेट लैंड के संरक्षण की घोषणा की है। हरित ऊर्जा और हरित भारत के विकास के लिए इस बजट में कई योजनाओं व प्रयासों को शामिल किया है।
पौधारोपण के क्षेत्र में देश को मिली सफलता से उत्साहित केंद्र सरकार अब मनरेगा प्रतिपूरक वनकीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण कैंपा फंड और अन्य स्रोतों से तटीय क्षेत्रों और क्षारीय भूमि वाले इलाकों में मैंग्रोव के पौधारोपण का मिशन शुरू करेगी। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे उन क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन के साथ ही वहां के वासियों को मैंग्रोव फलों के माध्यम से ठोस आमदनी का भी एक जरिया प्राप्त हो सकेगा, इससे गरीबी दूर करने में भी मदद मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था का भी सम्पूर्ण विकास होगा।
हरित भूमि वाले इसी तरह हरित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए अमृत धरोहर योजना शुरू की जा रही है। अपने बजटीय भाषण में वित्त मंत्री सीता रमन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही के मन की बात कार्यक्रम के उस वकत्वय को भी सुनाया जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अब हमारे देश में रामसर साइट ऑन की कुल संख्या बढ़कर 75 हो गई है, जबकि वर्ष 2014 से पहले इनकी संख्या मात्र केवल 26 थी। इस नई योजना के माध्यम से रामसर साइट यानी वेट लैंड सीटों का संरक्षण किया जाएगा। इस योजना को 3 वर्ष में अमली जामा पहनाने का लक्ष्य रखा गया है। देश में वेटलैंड के संरक्षण से देश की जैव विविधता भी समृद्ध होगी।
सरकार द्वारा तटीय भूमि वाले क्षेत्रों में मैंग्रोव के पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा। मैंग्रोव के पौधारोपण के लिए सरकार शुरू करने जा रही है एक नई योजना। रामसर सीटों का किया जाएगा संरक्षण और इसके अलावा मैंग्रोव के पौधारोपण के लिए सरकार शुरू करेगी एक नई योजना। रामसर सीटों की कुल संख्या अब 75 तक पहुंच चुकी है, इन साइटों का संरक्षण किया जाएगा।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।