डायबिटीज पेशेंट के लिए रामबाण हैं अलसी के बीज Publish Date : 19/10/2024
डायबिटीज पेशेंट के लिए रामबाण हैं अलसी के बीज
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
फ्लैक्ससीड या अलसी के बीज पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत होते हैं और इनका सेवन करने से शुगर जैसी असाध्य बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है।
फ्लैक्ससीड यानी अलसी के बीज देखने में भले ही छोटी दिखाई देती है, लेकिन इसमें कई अद्भुत गुण उपलब्ध होते हैं। फ्लैक्ससीड फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है, इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी शामिल होता है। फ्लैक्ससीड में लिग्नान नामक फाइटोएस्ट्रोजेन भी होते हैं, जो एस्ट्रोजन हार्माेन के समान ही कार्य करते हैं। खासतौर पर इसमें प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ-साथ भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं। अलसी के बीज हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों अच्छा है और इसके क्या-क्या लाभ हमें प्राप्त हो सकते है।
एक शोध में यह बात साफ सामने आई है कि अलसी के बीज का सेवन करने से भूख कम लगती है और खाने से पहले लेने पर, यह लोगों को कम भूख का एहसास कराता है. यह शरीर द्वारा भोजन से अवशोषित किए जाने वाले कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सीमित करने में भी मदद कर सकता है। फ्लैक्ससीड का उपयोग कब्ज, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, मोटापे और ल्यूपस वाले लोगों में गुर्दे की सूजन के लिए आदि में करने की सलाह दी जाती है।
इसका उपयोग कई अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, लेकिन इनमें से अधिकांश अन्य उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। फ्लैक्ससीड और फ्लैक्ससीड ऑयल के प्रभाव अलग-अलग होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल में कमी
परिधीय धमनी रोग से पीड़ित लोगों पर एक महीने तक चले अध्ययन में पाया गया कि रोजाना 4 बड़े चम्मच अलसी का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल में 15 प्रतिशत तक कम हो सकता है।. इसी प्रकार, बीपी से पीड़ित 112 लोगों पर 12 सप्ताह के अध्ययन में भी यही बात सामने आई। देखा गया है कि प्रतिदिन 30 ग्राम अलसी के बीज का सेवन करने से बीपी और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इसमें मौजूद फाइबर के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम पाया गया है।
वजन कम करना
कुछ अध्ययनों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि अलसी का सेवन करने से वजन के प्रबंधन में भी मदद मिल सकती है। एविसेलो में घुलनशील फाइबर होता है, इससे अधिक मात्रा में खाना खाने की इच्छा कम हो जाती है। इसी तरह पाचन क्रिया सुचारू होती है और पेट भरा रहता है। इसलिए लोग ज्यादा खाना नहीं खा पाते, जिससे उनका वजन आसानी से कम हो जाता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, अलसी के बीज खाने वालों के शरीर का वजन और पेट की चर्बी आसानी से कम हो सकती है।
संतुलित ब्लड शुगर लेवल
अलसी के बीज का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। एविसेलो में मौजूद फाइबर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मुख्य भुमिका निभाता है। दरअसल, फाइबर हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को अवशोषित करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है, इससे शुगर लेवल कम हो जाता है। यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण आहार है। हालांकि, यहां एक बात याद रखनी वाली यह है कि अलसी के बीज की जगह अलसी के तेल का उपयोग करने से ये लाभ प्राप्त नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा कम होती है।
हाई बीपी में कारगर
कुछ अध्ययनों के अनुसार, अलसी का सेवन करने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। प्रतिदिन 4 बड़े चम्मच अलसी के बीज खाने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों ही रक्त दबाव ठीक हो सकते है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे स्ट्रोक और हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावनाएं भी कम होती है।
कैंसर के विरूद्व काम करता है
अलसी के बीजों में लिगनेन होता है, जो कैंसर से लड़ता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इन्हें खाने से रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है। इसके अलावा जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि इन अलसी के बीजों को खाने से कोलन, त्वचा, रक्त और फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी काफी कम हो जाता है। हालांकि, इस पर अभी भी शोध चल रहा है कि क्या इसका प्रयोग मनुष्यों पर लागू किया जा सकता है।
सेवन करने का तरीका
इतने सारे लाभ प्राप्त करनें के लिए अलसी के बीज का सेवन कैसे करें-
- स्मूदी बनाते समय हम अलसी के बीज को उसके ऊपर डाल सकते हैं और इसके कुरकुरे स्वाद का आनंद ले सकते हैं।
- इसे सलाद के ऊपर ड्रेसिंग के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
- जब हम अनाज पिसवाते हैं तो अलसी के बीज को अनाज में भी मिलाया जा सकता है।
- दही के साथ मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
- कुकीज, मफिन, ब्रेड बेक इसे मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता हैं।
- इस प्रकार से हम एविसेल को भी ग्रिल भी कर सकते हैं।
हालांकि, इसमें फाइटिक एसिड उपलब्ध होता है और यह शरीर को विटामिन और खनिजों को अवशोषित करने से रोकता है। अतः इनका चूर्ण बनाकर उसे भून लेना चाहिए।
भिगोकर सेवन करना होता है बेहतर
इसके अलावा स्प्राउट्स और माइक्रोग्रीन्स लेना भी एक बेहतर उपाय है।
अलसी के बीज अंकुरित होने के बाद इन्हें पकाकर भी खाया जा सकता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।