सर्दियों में सेहत का खजाना गुड Publish Date : 17/10/2024
सर्दियों में सेहत का खजाना गुड
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
सर्दियों में गुड़ का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना जाताहै, गुड की तासीर गर्म होती है और इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, कब्ज से छुटकारा दिलाने और पेट की समस्याओं से राहत दिलाते हैं। गुड का सेवन करने से शरीर में खुशी का एहसास करने वाले हार्मोन का स्राव बेहतर होता है।
आयरन से है भरपूर
गुड़ में लोह तत्व भरपूर होते हैं, यही कारण है कि खून की कमी से पीड़ित रहने वालों को इसके नियमित सेवन की सलाह दी जाती है। थकान का एहसास होने पर गुड़ खाना शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है।
सर्दी-जुकाम में देता है आराम
अदरक और केसर को गुड़ के साथ गर्म कर के खाने से गले की खराश और कफ में राहत मिलती है और इससे आवाज साफ होती है। गुड, हल्दी व देसी घी तीनों को गर्म करके खाना भी कफ में राहत देता है।हम दूध या चाय में चीनी की जगह गुड का प्रयोग कर सकते हैं।
त्वचा की होती है सफाई
गुड़ शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकलता है, खून की अशुद्धियां दूर करता है और इसका सेवन करने से त्वचा चमकदार बनती है एवं त्वचा की कई अंदरूनी समस्याओं को भी ठीक करने में मदद मिलती है इसी कारण इसे स्किन क्लीनर भी कहा जाता है।
वजन रखता है काबू
मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए चीनी की तुलना में गुड़ का सेवन बेहतर माना गया है। गुड़ का सेवन करना शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को खत्म करने में भी सहायक माना जाता है। पोटेशियम या इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को काबू में रखता है शरीर में पानी जमा होने की परेशानी से भी आराम मिलता है।
पाचन में है भी लाभकारी
गुड़ सुपाच्य है और एसिडिटी में भी तुरंत राहत देता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण गुड़ का सेवन करने से कब्ज में भी आराम मिलता है। जिन्हें भूख नहीं लगती उनके लिए भी गुड खाना अच्छा रहता है गुड़ का सेवन करने से भूख खुलती है और पाचन तंत्र ठीक होता है। खाने के बाद थोड़ा सा गुड खाना पेट की कई गड़बड़ियों में राहत देता है।
उच्च रक्तचाप में फायदेमंद
गुड़ में पोटेशियम और सोडियम भी अच्छी मात्रा में होते हैं। पोटेशियम और सोडियम शरीर में उपस्थित एसिड को कम करने में मदद करता है, जिससे रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और खून के संचार को सही रखने में मदद मिलती है।
कैसे करें गुड का सेवन
- गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक या शार्ट खाना भी जोड़ों के दर्द में राहत देता है।
- माहवारी में अधिक दर्द रहता है तो भोजन के साथ गुड़ का सेवन नियमित रूप से करना दर्द में रहता पहुंचाता है।
- गुड़ में काले तिल मिलाकर बनाएं लड्डू का सेवन सर्दियों में अस्थमा के अटैक और सांस लेने में होने वाली दिक्कत में रहता पहुंचाता है।
- खाने के बाद थोड़ा गुड़ खाने से एसिडिटी नहीं होती पाचन संबंधी गड़बड़ियां भी कम हो जाती हैं।
क्या रखें सावधानियां
- अधिक गुड़ खाने से वजन बढ़ सकता है इसलिए सीमित मात्रा में ही गुड का सेवन करें।
- डायबिटीज से ग्रस्त रोगियों को गुड़ से परहेज करना चाहिए।
- गर्मी में बहुत गुड खाना जलन और अपच कर सकता है।
- सर्दियों में गुड़ की थोड़ी मात्रा खाने के बाद ले सकते हैं।
- अधिक गुड़ खाना नुकसान भी देता है इसलिए आहार विशेषज्ञ से सलाह करके ही गुड़ की खाएं।
जैसे ही सर्दियां प्रारंभ होती हैं वैसे ही जगह-जगह पर गुड़ बनाने के कोल्हू प्रारंभ हो जाते हैं और तरह-तरह के गुड़ आजकल बाजार में उपलब्ध हैं। कुछ गुड़ ऑर्गेनिक गुड़ के नाम पर तो कुछ गुड़ में तिल, सोंठ, अजवाइन, काजू, बादाम, पिस्ता, मखाने और मूंगफली आदि को लगाकर बाजार में बेचा जा रहा हैं। सूखे मेवे लगे हुए गुड़ की कीमत भी काफी अधिक रखी गई है और लोग उसे सर्दियों में खाना पसंद भी कर रहे हैं।
मेरठ का ड्राई फूड से बना हुआ गुड़ लोग विदेश में ले जा रहे हैं और कुछ लोग पैक करके अपने रिश्तेदारों के यहां भी भेज रहे हैं। मेरठ के गुड़ की मांग केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बराबर बनी रहती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।