कैंसर के उपचार में नई किरण      Publish Date : 11/10/2024

                          कैंसर के उपचार में नई किरण

                                                                                                                                                                चिकित्सा के क्षेत्र का नोबेल

इंपीरियल कालेज लंदन में मोलेक्युलर आंकोलाजी की लेक्चरर डा. क्लेयर फ्लेचर के अनुसार विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन के शोध कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए वैज्ञानिकों के रास्ते खोल दिए हैं। माइक्रो आरएनए कोशिकाओं को नए प्रोटीन बनाने के लिए जेनेटिक निर्देश देता है। यह रोगों के उपचार के लिए दवाओं के विकास और बायोमार्कर के रूप में भी उपयोगी हो सकता हैं।

                                                         

त्वचा कैंसर के उपचार हेतु माइक्रो आरएनए तकनीक किस प्रकार से सहायक हो सकती है, इसका पता लगाने के लिए क्लीनिकल परीक्षण चल रहे हैं।

माइक्रो आरएनए: भले ही हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं में एक जैसे जीन होते हैं, लेकिन मांसपेशियों और तंत्रिका कोशिकाओं जैसी विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं अलग-अलग प्रकार के कार्य करती हैं। यह जीन नियंत्रण के कारण ही संभव है, जो कोशिकाओं को केवल उन जीनों को सक्रिय करने की अनुमति देता है जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है। दोनों विज्ञानी इसी बात पर शोध कर रहे थे कि विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं किस प्रकार विकसित होती हैं और इसीके दौरान उन्होंने माइक्रो आरएनए की पहचान की। मानव जीनोम एक हजार से अधिक माइक्रो आरएनए को कोड करता है।

गैरी रुवकुन ने की थी माइक्रो आरएनए एलईटी-7 की खोजः जीव-विज्ञानी गैरी ब्रूस रुवकुन ने दूसरे माइक्रो आरएनए एलईटी-7 की खोज की थी। उन्होंने पता लगाया कि विक्टर एंब्रोस द्वारा पहचाना गया पहला माइक्रो आरएनए लिन-4 आरएनए को कैसे नियंत्रित करता है। रुवकुन का जन्म मार्च 1952 में कैलिफोर्निया में हुआ था। वह मैसाचुसेट्स जनरल हास्पिटल में जीव-विज्ञानी और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में आनुवंशिकी के प्रोफेसर हैं।

गैरी ब्रूस रुवकुन ने वर्ष 1973 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से स्नातक की डिग्री प्राप्त की, और वर्ष 1982 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से बायोफिजिक्स में पीएचडी की।

                                                                        

भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा आज

भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा मंगलवार होगी। बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के लिए पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को होगी।