मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण      Publish Date : 24/09/2024

                        मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण

                                                                                                                  डॉ0 गोपाल सिंह एवं  प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ के जिला उद्यान विभाग के द्वारा किसानों को मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किसान अब यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। जिला मेरठ में वर्तमान में 200 से अधिक किसान मशरूम की खेती कर रहे हैं और उससे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ से ताल्लुक रखने वाले जो भी किसान भाई मशरूम की खेती की राह पर आगे बढ़ना चाहते हैं, यह सुविधा ऐसे ही किसानों के लिए प्रदान की जा रही है। ऐसे में जो किसान भाई मशरूम की खेती करने के लिए उपयुक्त मौसम का इंतजार कर रहे हैं, जिससे मशरूम की खेती करने से उन्हें बंपर कमाई हो सके। ऐसे सभी किसानों के लिए अक्टूबर माह बेहद खास हो सकता है। उक्त जानकारी मेरठ जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार ने दी, उन्होंने कहा कि अक्टूबर माह में अगर मशरूम की खेती के लिए संबंधित प्रक्रिया को अपनाया जाए, तो इससे किसानों को काफी अच्छा मुनाफा हो सकता है।

                                                

टेंपरेचर का रखना होगा विशेष ध्यान

जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि मशरूम की खेती करने के लिए आपको एक पॉलीहाउस के तौर पर झोपड़ी या किसी अन्य प्रकार से पूरा सेटअप तैयार करना होता है। जहां मशरूम की फसल के लिए आपको उचित टेंपरेचर को मेंटेन रखना बेहद आवश्यक होता है।

ऐसे में टेंपरेचर के हिसाब से मशरूम को जैसा वातावरण चाहिए. वह अक्टूबर माह में से शुरू हो जाता है, क्योंकि मशरूम टेंपरेचर 30 से नीचे रहने पर ही उगाई जाती है। ऐसे में जो भी किसान मशरूम की खेती करना चाहते हैं, वह सभी सितंबर माह से ही इस प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं ताकि कि अक्टूबर से लेकर मार्च तक के बीच वह मशरूम के माध्यम से अच्छी कमाई कर सके।

मशरूम की खेती करने का तरीका

यदि मशरूम की खेती की बात की जाए तो इसके लिए आपको गेहूं या फिर चावल के भूसे से एक खाद तैयार करना होगा। एक माह में जब आप इस खाद को बाहर किसी स्थान पर तैयार कर लेंगे, तो उसके बाद आप किसी एक कमरे या पॉलीहाउस, अथवा झोपड़ी में 5 से 6 इंच खाद की मोटी परत बिछाकर उस पर मशरूम का बीज लगा सकते हैं। केवल इतना ही नहीं यदि आप इसके लिए झोपड़ी में किसी प्रकार के विशेष पैकेज बनाकर भी मशरूम को उगाना चाहें, तो उसमें भी आप खाद भरते हुए इस प्रक्रिया को अपना सकते हैं।

यहां भी मिलती है इसकी ट्रेनिंग

                                                      

मेरठ के जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जो भी किसान मशरूम से संबंधित खेती करना चाहते हैं. अगर वह उसके लिए प्रशिक्षण हासिल करना चाहते हैं, तो वह इसके लिए जहां ऐतिहासिक मेरठ कॉलेज में भी समय-समय पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है तो वहीं, मेरठ में संचालित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में भी किसानों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान भी तेजी से मशरूम की खेती की ओर बढ़ रहे हैं।

ज्ञात हो कि मेरठ जनपद में वैसे तो 200 से अधिक किसान मशरूम से संबंधित खेती कार्य कर रहे हैं, लेकिन बड़े स्तर की बात की जाए तो यहां पर कुछ ही किसान ऐसे हैं, जो बड़े लेवल पर इसकी खेती कर रहे हैं। शासन द्वारा भी बड़े स्तर पर खेती करने वाले किसानों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके संबंध में विभिन्न प्रकार के नियम निर्धारित किए गए हैं। इसके संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान सर्किट हाउस मेरट में स्थित जिला उद्यान विभाग से संपर्क स्थापित कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।