हिंदी दिवस 14 सितंबर पर विशेष Publish Date : 13/09/2024
हिंदी दिवस 14 सितंबर पर विशेष
प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगर
डिजिटल क्रांति के बाद हिंदी का नित बढ़ता दबदबा
आज किसी भी गांव में जब कोई व्यक्ति ‘‘पीएम किसान योजना’’ की अगली किस्त के बारे में किसी ईमित्र से पूछता है तो उसे आसानी से पता चल जाता है कि अगली किस्त नवंबर 2024 में प्राप्त होने वाली है। भाषण द्वारा विकसित यह एआई चाटबॉट किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में उन ग्रामीणों को मात्र बोलने भर से बता देता है जिनका टाइपिंग ही नहीं बल्कि हिंदी में भी हाथ तंग होता है। तकनीकी आज उस मुकाम पर है, जहां डिजिटल आसमानता की वर्षों पुरानी चुनौतियों का समाधान ही नहीं हो रहा है बल्कि साक्षरता अंतर को भरने में भी डिजिटल क्रांति से सफलता मिल रही है।
वर्तमान दौर में मशीनी दिमाग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपकी जिज्ञासा एवं जरूरतों को समझने और प्रतिक्रिया देने में अधिक सक्षम हो रहा है। राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन के तहत विकसित भाषा के चैटबॉट, स्टेट डेटाबेस में दर्ज भूमि रिकॉर्ड की जानकारी से लेकर बैंकिंग तक सब कुछ हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध करा रहे हैं। आज सभी प्रकार की डिजिटल सेवाएं आम जन तक आसानी से पहुंच रही हैं जो कभी अंग्रेजी भाषा की मोहताज हुआ करती थी।
गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सेवाएं
गूगल का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चाटबॉट हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। इससे व्यंजन तैयार करने से लेकर यात्रा प्लान करने, इंटरनेट मीडिया पर कैप्शन से लेकर डॉक्यूमेंट व फोटो बनाने तक सब कुछ अपनी मातृभाषा में कर सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेंट टाइमर रिमाइंडर सेट करने और कॉल करने में मददगार है। जैमिनी एडवांस में 1500 पन्ने के डॉक्यूमेंट का सारांश पर्सनलाइज्ड फीडबैक चेक ग्राफ से अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ा सकते हैं। जैमिनी को एचटीटीपीएस Gemini.gov.com ऑब्लिक सेफ एक्सेस किया जा सकता है।
हिंदी को इंटरनेट मीडिया से मिलती है ताकत
दुनिया भर में हिंदी भाषा को जानने वालेों की संख्या 60 करोड़ से अधिक हो चुकी है। इंटरनेट मीडिया के चलते हिंदी का वैश्वीकरण तीव्र गति से हो रहा है। लर्निंग प्लेटफॉर्म डुओलिंगो पर ही हिंदी सीखने वालों की संख्या 84 लाख से अधिक है। फेसबुक, एक्स, लिंकडइन, इंस्टाग्राम और यूट्यूब से लोग न केवल हिंदी में जानकारियां साझा कर रहे हैं बल्कि भाषा के संस्कार और भारतीय संस्कृति से भी परिचित हो रहे हैं। स्विफ्ट की एक रिपोर्ट बताती है की अंग्रेजी पोर्टल की सालाना वृद्धि दर 11 प्रतिशत है तो वही हिंदी और भारतीय भाषा पोर्टल की वृद्धि दर 56 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है।
तकनीकी कोर्स भी उपलब्ध है अब हिंदी भाषा में
पहले हिंदी भाषा में न तो तकनीकी कोर्स की पढ़ाई होती थी और ना ही उनको किताबें इससे संबंधित उपलब्ध हो पाती थी, लेकिन भारत सरकार के प्रयास के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का एक प्रमुख उद्देश्य शिक्षा तंत्र के भाषा अंतराल को मिटाना भी है। वर्ष 2022 में एआईसीटीई ने मध्य प्रदेश के 13 संस्थानों में इंजीनियरिंग डिग्री व डिप्लोमा को हिंदी में उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी। इसी तरह आईआईटी मद्रास और आईआईएम अहमदाबाद की इंक्वाइलेटेड कंपनी मूवी ग्रेप योर वर्नाकुलर इंप्रिंट के जरिए हिंदी भाषा युवा जावा जावा 8, सी प्रोग्रामिंग, सी++ आदि को आसानी से सीख सकते हैं।
डाटा साइंस, वेब डेवलपमेंट डेटाबेस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे कोर्स भी अब हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो चुके है। इसी तरह क्राफ्ट साल डिजिटल मार्केटिंग कोर्स और एबीपीएल इंटरनेशनल किस ड्रोन ऑपरेटर पब्लिक एग्री ड्रोन एंटरप्रेन्योर कोर्स को हिंदी में उपलब्ध करा रहा है।
तकनीकी युग में हिंदी सिखाने वाले कुछ एप भी मौजूद हैं
हेलो टॉक
आप इस एप से किसी व्यक्ति से जुड़कर अपनी भाषा को सिखा और उसकी भाषा को सीख सकते हैं। इस पर वॉइस वीडियो चौट मैसेज की भी सुविधा मिलती है और यह 100 से अधिक भाषाओं को सपोर्ट करता है।
मेमराइज
इस एप में सभी प्रकार के टीचिंग मेथड है जैसे कि व्याकरण शब्द को बातचीत के लिए लेसन प्लान आदि साथ ही उदाहरण के माध्यम से हिंदी बोलने के टिप्स भी मिलते हैं। इस एप में ऑफलाइन सपोर्ट्स क्विज प्रोफिशिएंसी टेस्ट उच्चारण की सुविधा भी उपलब्ध है।
डुओलिंगो एप
हिंदी को आसानी से सीखने के लिए क्विक और शार्ट क्षेत्र होते हैं, गेम, शब्दकोश से आप हिंदी के नए शब्दों से परिचित हो सकते हैं। डुओलिंगो का दावा है कि अरप इसकी मदद से मात्र 36 घंटे की लर्निंग में एक सेमेस्टर जितनी पढ़ाई आसानी से कर सकते हैं।
लर्न हिंदी एप
हिंदी सीखने के लिए यह सहज ऐप है ।इसे हिंदी शब्दों को याद करने वाक्य बनाने वाक्यांश बोलने में मदद ले सकते हैं। एप में 9000 से अधिक शब्द और वाक्यों का ऑडियो उच्चारण उदाहरण के साथ उपलब्ध है।
गूगल ट्रांसलेट
हिंदी में अनुवाद के लिए यह एक अच्छा ऐप है। किसी शब्द को टाइप कर उसका हिंदी अर्थ जान सकते हैं। इस एप् पर पर्यटकों और हिंदी सीखने वालों के लिए कई उपयोगी फीचर्स उपलब्ध है। ऑडियो उच्चारण की भी सुविधा इस ऐप में उपलब्ध है।
वर्तमान युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक के आ जाने के कारण हिंदी को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल क्रांति की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। डिजिटल क्रांति ने संवाद रचनात्मक परस्पर जुड़ाव और सूचनाओं को प्राप्त करने के तरीकों को काफी हद तक बदल दिया है। यही कारण है कि हिंदी के लिए वैश्विक स्तर पर एक डिजिटल कम्युनिटी तैयार हो गई है जो आसानी से हिंदी का प्रयोग कर पा रही है। वर्तमान दौर में हिंदी को प्रयोग करने वालों की संख्या जो 60 करोड़ तक पहुंच चुकी थी। 1 वर्ष में काफी अधिक हो जाने की संभावना है।
इससे कहा जा सकता है हिंदी को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने जो तकनीकी तथा चिकित्सा की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ कराई है, उससे गांव के लोगों को भी काफी फायदा होगा और वह अपनी मातृभाषा में अपनी तकनीकी को सीख कर लोगों तक और आसानी से पहुंचा सकेंगे। निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में हिंदी के बढ़ते हुए इन कदमों का फायदा बाकी दुनिया को भी मिल सकेगा।
विश्व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित होती हिंदी की अद्भुत शक्ति
भारतीय दर्शन में शब्द को ब्रह्मा का रूप माना जाता है। भारत में सरस्वती के तट पर विश्व में पहली बार शब्द प्रकट हुआ था और इसी शब्द से भाषा बनी जो वैदिक काल में संस्कृत के रूप में प्रचलित हुई। संस्कृति की अक्षर ऊर्जा से संसार में अनेक बोलियों एवं भाषाओं का विकास हुआ है। भारत में वह वैदिक से लौकिक संस्कृत, प्रकृति, पाली अपभ्रंश से होकर हिंदी बनी। हिंदी और हिंदुस्तान नाम सिंधु नदी से ने हमें दिए हैं। महात्मा गांधी ने सबसे पहले हिंद स्वराज की कल्पना की थी। हिंद एक देश है और इसलिए हिंद, हिंदी और हिंदू का सही परंपरागत नाम राष्ट्रवाद है पथवाचक नही।
हिंद से हिंदी का प्रचलन हुआ और इंड से इंडिया का इसी के आधार पर हमारी राष्ट्रभाषा पहले हिंदी थी और बाद में हिंदी के नाम से प्रसिद्ध और प्रचलित हुई, जो आज लगातार पूरे विश्व में अपनी साख के कारण अपनी एक विशेष पहचान बनाती जा रही है।
प्राचीन समय से ही हिंदी संपूर्ण भारत की संपर्क भाषा रही है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि केरल के नमुद्री पद ब्राह्मणों का आज भी श्री बद्रीनाथ मंदिर में रावत प्रधान पुजारी के रूप में नियुक्त होना है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।