त्वचा कैंसर अथवा मेलेनोमा का खतरा हो रहा है कम Publish Date : 11/09/2024
त्वचा कैंसर अथवा मेलेनोमा का खतरा हो रहा है कम
डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
मेलानोमा या त्वचा के कैंसर का खतरा अब 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में लगातार काम हो रहा है। हाल ही में किए गए एक शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि युवा वयस्कों के अंदर अब एक प्रवृत्ति में काफी बदलाव दिखाई दे रहा है, जिसके चलते अब इसमें कमी आ रही है। शोधकर्ताओं ने इसके पीछे सूर्य के प्रकाश के प्रति सुरक्षा में आयी जागरूकता जैसे कुछ काम का विश्लेषण भी किया है। शोध के दौरान स्वीडिश मेलानोमा के आंकड़ों का विश्लेषण कर समय के साथ विभिन्न आयु समूह के लिए मेलानोमा की घटनाओं और मृत्यु की जांच की गई थी।
इस शोध के लेखक तथा स्वीडन के एक इंस्टिट्यूट में ऑंकोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार और एसोसिएट प्रोफेसर एल्डर हेल्थ गार्ड द टीचर ने कहा की मृत्यु दर के संदर्भ में 59 वर्ष तक की आयु के लोगों में काफी गिरावट आई है। लेकिन 60 वर्ष से अधिक आयु वाले वर्ग में यह नहीं देखा गया है। अब सवाल यह उठता है कि मेलानोमा का खतरा क्यों कम हो रहा है।
इसके पीछे प्रमुख उपक्रम में सूर्य के प्रकाश से सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ना बताया गया है। मोबाइल फोन और कंप्यूटर भी इसका एक अहम कारण है, जिससे बच्चें और युवा घर के अंदर अधिक समय बिता रहे हैं और सूरज की रोशनी के संपर्क में कम आ रहे हैं। सूरज की रोशनी के संपर्क में कम आने का दूसरा परिणाम यह भी हो रहा है कि लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी भी प्रमुखता से देखी जा रही है, जिसके अन्य रोग भी काफी बढ़ रहे हैं और शरीर की इम्युनिटी भी लगातार कम हो रही है।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।