वरदान होता है केले का पेड़ इसका प्रत्येक भाग है कारगर      Publish Date : 03/09/2024

           वरदान होता है केले का पेड़ इसका प्रत्येक भाग है कारगर

                                                                                                                                प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

केले की पत्ती से लेकर फल और तना आदि सब भाग बेहद कारगर होते हैं। अपनी इस पोस्अ के माध्यम से हम केले के सभी भागों का उपयोग करने का तरीका बताने जा रहे हैं।

                                                         

सरदार वल्लभ्ज्ञभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय के कृषि वैज्ञानिक प्रोफसर आर. एस. सेंगर ने बताया कि केला एक अद्भुत पौधा होता है। केले के प्रत्येक हिस्से के लाभकारी उपयोग के चलते ही इसे ‘कल्पवृक्ष’ के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू पुराणों के अनुसार, कल्पवृक्ष एक दिव्य वृक्ष है जो समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में से एक था। इस वृक्ष को देवताओं को समर्पित किया गया और यह देवताओं की अद्भुत इच्छाओं को पूरा करता है। यही कारण है कि केले के पौधे को भी इसी तरह का महत्व दिया गया है, जहां इसके हर भाग का उपयोग विभिन्न लाभकारी उत्पादों को बनाने में किया जाता है।

1. केले के फल

                                                         

केले का फल अपने पोषक तत्त्वों के लिए प्रसिद्ध है। केले का फल विटामिन बी6, विटामिन सी, पोटेशियम, और फाइबर से भरपूर होता है, जो हमारे पाचन और रक्त के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहता है। यह फल कब्ज, पेट के अल्सर, और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से राहत प्रदान करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह बेहद फायदेमंद सिद्व होता है, क्योंकि यह भ्रूण के विकास में सहायक होता है।

2. कच्चा केला

                                                       

कच्चे केले में बेहद कम प्राकृतिक शर्करा होती है और इसमें प्रतिरोधी स्टार्च पाया जाता है, जो मधुमेह और चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम के लिए लाभकारी होता है। यह फाइबर से भरपूर होता है और हमारे हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसका सेवन से मानसिक लाभ भी प्राप्त होता है।

3. केले का फूल

                                                

केले का फूल, टाइप 2 मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और आवश्यक विटामिन्स इसे एंटी-एजिंग और मेटाबोलिज़्म को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त बनाते हैं। यह महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य, स्तनपान करने वाली माताओं के लिए भी बहुत लाभकारी रहता है और यह अन्य प्रकार के बाहरी संक्रमणों से भी हमारी रक्षा करता है।

4. केले का तना

                                                            

केले का तना फाइबर से युक्त होता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है और गुर्दे की पथरी और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) आदि से राहत प्रदान करता है। केले के रस का सेवन पेट की एसिडिटी और पेट की जलन को भी कम करता है।

5. केले का पत्ता

केले का पत्ता, हालांकि, यह सीधे खाने के योग्य नहीं होता, अस्तु भोजन को रखने और परोसने के लिए बहुत उपयोगी होता है। पत्तों में ईजीसीजी जैसे पॉलीफेनोलस होते हैं, जो मानव के पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। दक्षिण भारत में केले के पत्ते का उपयोग पारंपरिक रूप से भोजन परोसने के लिए किया जाता है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहद लाभकारी सिद्व होता है।

                                                                  

कृषि वैज्ञानिक आर. एस. सेंगर और डॉ0 रेशु चौधरी ने बताया कि केला वास्तव में एक अद्वितीय पौधा है, जिसे ‘कल्पवृक्ष’ के रूप में भी जाना जाता है। केले के प्रत्येक हिस्से का उपयोग स्वास्थ्य और अन्य उपयोगी उत्पादों के लिए किया जा सकता है। केले के फल, फूल, तना, और पत्ते आदि सभी भाग अपने-अपने तरीकों से हमारे जीवन को समृद्ध बनानें का काम करते हैं। इस प्रकार, केला न केवल एक सामान्य फल है, बल्कि यह एक संपूर्ण पौधा है, जो हमारे लिए विभिन्न लाभकारी तत्वों की आपूर्ति करता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।