औषधीय गुणों से है भरपूर, जिमिकंद की खेती Publish Date : 30/08/2024
औषधीय गुणों से है भरपूर, जिमिकंद की खेती
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अधिकांश आबादी खेती ही निर्भर करती है। देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में भी कमोवेश यही स्थिति है। यही वजह है यहां बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। हालांकि, पहले किसान पारंपरिक फसलों को अधिक महत्व दिया करते थे, परन्तु अब किसान धीरे-धीरे अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की खेती की ओर अपना रूख कर रहे हैं। ऐसी ही एक फसल है जिमीकंद की, जिसे उत्तर भारत के कई राज्यों में ओल भी कहा जाता है। यूपी के काफी किसान भी अब जिमीकंद की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
जिमिकंद की खेती करने वाले एक किसान नानक चंद ने बताया कि वह कई वर्षों से केले और आम की बागवान करते आ रहे थे। जब उन्हें केले और आम की फसल में नुकसान हुआ तो उन्होंने जिमीकंद की खेती करना शुरू कर दिया और अब वह जिमीकंद की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से जिमीकंद की खेती कर रहे हैं।
जिमीकंद कम लागत में तैयार होने वाली एक औषधीय फसल है और जिमीकंद की खेती की खेती करना भी बेहद आसान है। इसकी खेती के लिए सही मिट्टी का चयन करना बहुत जरूरी होता है। अतः किसानों को जिमीकंद की खेती करने के लिए रेतीली दोमट प्रकार की मिट्टी की तालाश करनी चाहिए।
जिमीकंद की खेती वैसे खेतों में करनी चाहिए जिसमें जल निकासी अच्छी होने के साथ कार्बनिक पदार्थ अधिक मात्रा में उपलब्ध हो। एक बार जब सही मिट्टी का चयन हो जाए तो दो फीट की दूरी पर और 40 मीटर के गड्ढे में जिमीकंद की बुवाई करे देनी चाहिए। इसके लिए दो केजी जिमीकंद को चार भागों में काटकर एक-एक गड्ढे में मिट्टी से एक इंच नीचे लगा सकते हैं।
जिमीकंद की सब्जी तनाव कम करने में बहुत लाभदायक होती है। इसमें विटामिन ए, पोटेशियम और आयरन आदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और मूड को सकारात्मक बनाने में मददगार साबित होता है। जिमीकंद के तनाव दूर करने के गुणों की वजह से इसे एक आयुर्वेदिक औषधि भी माना जाता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।