फसलों में पौषक तत्व की कमी की पहचान      Publish Date : 16/08/2024

                          फसलों में पौषक तत्व की कमी की पहचान

                                                                                                                                                         प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

बोरॉन: नई पत्तियां गुच्छों का रूप ले लेती है, डठल, तना एवं फल फटने लगती है।

                                                                

केल्शियम: नई पत्तियां पीली अथवा गहरी हो जाती है। पत्तियों का आकार छोटा हो जाता है।

                                                                

सल्फर: नई पत्तियों का रंग हल्का हरा पीला पड़ने लगता है। दलहनी फसलों में गाठ कम बनती है ।

आयरन: नई पत्तिया शिराओं के बीच का भाग पीला हो जाता है। अधिक कमी पर पत्तियां हल्की सफेद हो जाती है।

मॅग्नीज: नई पत्तियों की शिरायें भूरी रंग की तथा पत्तिया पीले से भूरे रंग में हो जाती है।

कॉपर: पत्तियों की शिराओं की चोटी पर छोटी एवं मुडी हुई, हल्की हरी पीली हो जाती है।

                                         

जिंक: पुरानी पत्तियों हल्के पीले धब्बे दिखते है शिरा के दोनों और रंगहीन पट्टी कमी का लक्षण है।

मोलिब्रडिनम: पत्तियों के किनारे झुलस सकते है मुड़ सकते है या कटोरी का आकार ले सकते हैं।

                                        

मेगनीशियम: पुरानी पत्तियों की नसे हरी रहती है लेकिन उनके बीच का स्थान पीला पड़ जाता है। पत्तियां छोटी व सख्त हो जाती है।

पोटेशियम: पुरानी पत्तियो के किनारे पीले पड़ जाते है, और पत्तियां बाद में भूरी झुलसी हुई हो जाती है।

फास्फोरस: पत्तियों या तनो पर लाल या बेगनी रंग आ जाता है। जड़ो के फैलाव में कमी होती है।

नाइट्रोजन: पुरानी पत्तियों का रंग पीला पड़ जाता है। अधिक कमी होने पर पत्ती भूरी होकर सूख जाती हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।