अब चांद पर भी खेती की तैयारी      Publish Date : 14/08/2024

                             अब चांद पर भी खेती की तैयारी

                                                                                                                                                                                             प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

अभी तक तो विभिन्न देशों के द्वारा चांद पर पहुंचने की बात ही कही जा रही थी तथा वहां पर जाकर अपने-अपनी तरह से परीक्षण किया जा रहे थे। लेकिन अभी हाल ही में पता चला है की चीन जहां चांद पर खेती करने की योजना बना रहा है, वहीं अमेरिका ने चंद्रमा की मिट्टी को उपजाऊ बनाने का तरीका भी खोज लिया है। नासा का आर्टेमिस्टिन चंद्रमा पर पौधों की खेती का पता लगाएगा। पिछले दिनों चिन्ह चांद से मिट्टी के नमूने लेकर आया है और उसका कहना है कि मिट्टी के नमूनो में पानी होने का संकेत भी मिला है, जबकि भारत यह बात वर्षों से कहता आ रहा है।

                                                                               

भारत के चंद्रायन-1 ने 15 साल पहले ही संकेत दिए थे कि चांद की मिट्टी में पानी मौजूद है। चीन अब वहां फल उगाने से लेकर खेती करने तक के सपने बुन रहा है। यह मिट्टी चांद के उसे हिस्से में है जिधर अंधेरा रहता है, गौरतलब है कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 उतारने वाला पहला देश है। चीन ने दावा किया है कि मानव इतिहास में पहली बार उसे चांद पर जो मिट्टी मिली है उसमें अलग तरह के मॉलेक्युलर स्ट्रक्चर हैं। इस दौड़ में अमेरिका, रूस, यूरोपीय स्पेस एजेंसी, चीन, भारत और जापान जैसे बड़े खिलाड़ी है।

लेकिन चंद्रमा के जिस हिस्से पर पानी की संभावना जताई जा रही है उसको लेकर बोर्ड केवल भारत और चीन के बीच में है। भारत ने चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से में अपना यान भेजा था जिसने एक हफ्ते तक चांद की मिट्टी से कई नमूने हासिल किया, जिससे वहां पानी की मौजूदगी का पता चला था। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने चंद्रमा की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए ऐसे जीवाणुओं को वहां भेजा है जो महत्वपूर्ण पौध पोषक तत्व फास्फोरस की उपलब्धता को बढ़ाते हैं। इसके परीक्षण के लिए 2 साल बाद नासा आर्टिस्ट मिस तीन को चांद पर भेजेगा।

                                                                              

एक विशेष फॉलोज चंद्र वातावरण में पौधों की खेती की अवधारणा का पता लगाएगा। अमेरिकी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने आर्टिफिशियल तीन के दौरान चंद्रमा की सतह पर तैनात करने के लिए कुछ उपकरणों को चुना है जिनमें से एक कृषि वनस्पतियों पर चंद्र प्रभाव है। यह आंतरिक  फसलों पर चंद्र सात के पर्यावरण प्रभावों की जांच करेगा। वर्ष 2022 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अमेरिकी शोधकर्ताओं ने 12 सिंबल आकर के कंटेनरों में अरबडॉक्सेस, हरियाणा नामक एक फूलदार खरपतवार उगाया। जिनमें से प्रत्येक में आधी सदी में भी अधिक समय पहले नासा मिशन के दौरान एकत्र की गई वास्तविक चंद्रमा मिट्टी का एक ग्राम था।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।